नाजायज रिश्ता (भाग -16)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता ” में पढ़ा कि  रिया की जिंदगी में फिर से उथल-पुथल हो गई है…उसका पुराना अतीत उसे परेशान कर रहा है …रिया पार्टी से घर वापस आ चुकी है….विभू  ऑफिस गया हुआ है….रिया के फोन पर सुबोध का मैसेज देख और उसके द्वारा शेयर की गई 2-4 फोटो देख रिया घबरा जाती है…और उससे उसका नंबर मांगती है…सुबोध उसे अपना नंबर देता है ….रिया फोन लगाती है…हेलो सुबोध ….

अब आगे….

हां …

बोलो रिया  ??

क्या बोल रही हो …??

ये क्या है सुबोध….??

हमने लास्ट टाइम क्या कहा था ….कि हम एक दूसरे की लाइफ  में कभी भी इंटरफेयर नहीं करेंगे…लेकिन तुम इस तरह से फोटो शेयर करके,,मुझे मैसेज करके,,क्या दिखाना चाहते हो…??

क्या मेरी शादीशुदा जिंदगी खराब करना चाहते हो ???

रिया गुस्से में बोली….

अरे …

नहीं नहीं रिया…

तुम मुझे गलत समझ रही हो …

तब भी तुमने मुझे गलत समझा …

और अभी भी गलत समझ रही हो ….

मैं वैसा बिलकुल नहीं हूं….

मैं तो चाहता हूं…कि तुम विभू  सर के साथ खूब खुश रहो …

और ऐसे ही हंसी ख़ुशी जीवन बिताओ ….

लेकिन क्या एक अच्छे दोस्त होने के नाते मैं तुमसे बात भी नहीं कर सकता….

तुम मुझे अच्छे से जानती हो…

और मैं तुम्हें….

क्या हम एक दूसरे से अपने सुख-दुख साझा नहीं कर सकते रिया….???

उसके लिए मेरे पति हैं….

मैं तुमसे क्यों कोई बात करूं….

रिया का पारा भारी था….

वो  ठीक है रिया…

लेकिन क्या किसी के जीवन में पति के  आ जाने के बाद क्या वह औरत किसी और लड़के या आदमी से बात नहीं कर सकती …??

ऐसा कहां लिखा है …??

मुझे बताओ….

रिया इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दे पायी….

क्या तुम्हारे मन में चोर है रिया….??

क्या तुम्हें अपने पति से प्यार नहीं…..

क्या तुम्हें अपने जज्बातों पर काबू नहीं ….??

सुबोध  बोलता जा रहा था….

और रिया  कुछ नहीं कह पा रही थी….

लेकिन सुबोध अगर तुम सिर्फ दोस्ती के नाते ही मुझे फोन कर रहे हो …

तो तुमने ये  हमारी पुरानी फोटोस क्यों शेयर की है…??

वो  तो बस ऐसे ही गैलरी में आ गयी  तो कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई….

सोचा तुम्हें भेज दूं …

तुम्हें भी दिखाऊं…

शायद तुम्हारे पास ना हो ….

लेकिन तुम्हें पता है अगर विभू  जी ये  फोटोस देखेंगे तो क्या सोचेंगे …??

तुम्हारी सोच गलत है रिया ….

ऐसा इसमें क्या गलत है ….

फोटोस में हम दोनों बैठकर होटल में खाना खा रहे हैं….

पार्क में सभी के साथ बैठे हुए हैं …

यही ना ….

इसमें कोई भी गलत चीज तो है नहीं….

सुबोध बोला…

थोड़ा अपनी सोच से ऊपर आओ रिया….

तुम मुझे गलत मत समझो …

अगर तुम्हें पसंद नहीं तो मैं तुम्हें आज के बाद बिल्कुल परेशान नहीं करूंगा ….

अचानक से तुम्हें कल पार्टी में देख खुशी से फूला  नहीं समाया ….

सोचा पुरानी  दोस्त फिर से मिल गई….

क्या कहा तुमने सुबोध …??

पुरानी दोस्त…

सच सच बोलना…

क्या मैं तुम्हारी दोस्ती हूँ….

अगर दोस्त होती तो तुम मेरे साथ ऐसा नहीं करते….

रिया बोली….

जो तुमने लास्ट टाइम बोला था वो मैँ अभी भूली नहीं हूँ….

अच्छा रिया ….

मैं ऑफिस के काम से बाहर जा रहा हूं ….

तुम्हें जब भी टाइम मिले …

तुम कॉल करना…

या मैं ही कर लूंगा ….

बताओ कब करूं….??

क्यों …??

कॉल क्यों करना है….??

क्यों रिया …

बात नहीं करोगी मुझसे…??

नहीं ….

मुझे नहीं करनी तुमसे बात…

ठीक है रिया…

मुझे पता है तुम ही मुझे फिर से फोन करोगी….

और हां तुम यह मत समझना कि तुम्हारी और मेरी दोस्ती की वजह से विभू  सर को कुछ बुरा लगेगा….

वो मुझसे बात करते रहते हैं …

मैंने उन्हें तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताया है….

क्या बताया है तुमने …??

रिया फिर  घबरा गई ….

ऐसा कुछ नहीं ….

जिससे तुम्हारी  शादीशुदा जीवन में फर्क आए…

वो  बस तुम्हारी आदतें ,,तुम्हें क्या-क्या पसंद है …

ये  सब पूछते रहते हैं …

जिससे तुम्हें खुश रख सके…

क्या सच में …??

रिया बोली…

हां …

आज देखना….

शाम को तुम्हारे लिए तुम्हारी पसंद का कुछ ना कुछ लेकर के आएंगे सर….

रिया खुश हो जाती है….

ठीक है ….

सुबह जब टाइम मिलेगा…

मैं तुम्हें कॉल करूंगी….

लेकिन एज अ  फ्रेंड ही  बात करना हमेशा….

ठीक है रिया…..

डोंट वरी….

तुमने मुझे हमेशा से ही गलत समझा…

लेकिन तब भी मैं गलत नहीं था रिया …

ठीक है ठीक है…..

मेरी गुड़िया भी रो रही है….

फोन रखती हूं …..

ठीक है रिया….

बाय….

टेक केयर…

यह बोल सुबोध ने फोन रख दिया….

रिया  अब कुछ पुराने ख्यालों में खो गई ….

उसे याद आया कैसे वो और सुबोध कॉलेज में पढ़ा करते थे…

पूरे कॉलेज की बेस्ट जोड़ी  हुआ करती थी ….

लोग रिया और सुबोध को साथ में देखकर कपल बोला करते थे……

लेकिन रिया और सुबोध के मन में ऐसा कुछ नहीं था …..

लेकिन धीरे-धीरे सुबोध का आकर्षण रिया की ओर बढ़ने लगा था…..

अभी रिया कॉलेज की बातें सोच ही रही थी….

कि शाम हो चली थी ….

विभू  घर आ गया था….

रिया ने डोर खोला….

सामने विभू  हाथों में पॉलिथीन लिए खड़ा था….

जी….

इसमें क्या है …??

रिया तुम्हारा फेवरेट चिली पोटैटो और पनीर ड्राई फ्रूट्स मिक्स डोसा ….

पसंद है ना रिया तुम्हे ….??

विभू बोला….

वाओ…

कितने दिनों बाद ये सब   खाऊंगी ….

मम्मी के यहां ही  खाया था लास्ट टाइम….

आप बहुत अच्छे हैं ….

रिया बच्चों की तरह जल्दी से थाली और कटोरी ले आई….

उसने सब कुछ उसमें परोसा…..

और विभू को हाथ मुंह धोकर आने के लिए जल्दी से कहा….

जल्दी आईये ना ….

मुझे भूख बर्दाश्त नहीं हो रही है…..

तुम शुरू करो रिया….

मेरा पेट तो  मेरी रिया के चेहरे की ख़ुशी देखकर ही भर जायेगा

….

आप भी ना….

आईये ना जल्दी से….

रिया को विभू इस तरह देख बहुत खुश हो रहा था…….

मुझे पहले तुमने बताया ही नहीं रिया कि  तुम्हें क्या पसंद है….

तुम तो कहती थी कि नहीं जी….

बस ठीक है ….

घर में जो बनता है वही मुझे अच्छा लगता है….

बोला  तो करो ….

आज सुबोध  से बात हुई ….

तो उसने बताया मुझे ….

अब तो तुम्हारी हर पसंद या ना पसंद मैं तुम्हारे दोस्त से ही पूछ लिया करूंगा …..

विभू ने  रिया  को अपने हाथों से खिलाया….

और रिया भी विभू को  अपने हाथों से खिला रही थी….

दोनों ही बहुत खुश थे….

रात हो चली थी….

रिया का मन थोड़ा बेचैन था…

क्योंकि वो  विभू  को धोखा नहीं देना चाहती थी….

उसने विभू  के सीने पर  हाथ रख उसके पास आ बोली ….

सुनिए जी …..

आपसे एक बात कहूं …??

हां रिया बोलो….

जी….

मेरा एक अतीत है …

जिसके बारे में आपको बताना चाहती हूं….

अगला भाग

नाजायज रिश्ता (भाग -17)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

तब तक के लिए जय माता दी….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!