जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि विभू और रिया के एक प्यारी सी बेटी हुई है….दोनों बहुत ही खुश है …..बेटी भी बड़ी हो रही थी ….रिया अपने मायके आई हुई है….वहां पर खुशी-खुशी रह रही है….तभी उसके जीवन में हलचल हो गई है….उसकी सहेली सुरभि उसे नौकरी करने की सलाह देती है….
कि तू अपने लिए भी जी….खुद का तूने क्या हाल कर लिया है…..रिया पर अपनी सहेली की बातों का प्रभाव हुआ है …..वह विभू के आने का इंतजार कर रही है…..और इधर विभू की तबीयत भी….
अब आगे ….
रिया विभू को फोन लगाती है ….
जी…
कब आ रहे हैं मुझे लेने आप ??
क्यों रिया??
तुम्हारा मन नहीं लग रहा वहां ??
नहीं नहीं…..
ऐसी बात नहीं है जी….
वो तो बस मुझे इसलिए लगा ….
आप कैसे खाना बना रहे होंगे …
कैसे हैं आप….??
रिया सच बताऊं ….
तो तुम्हारे बिना मन नहीं लग रहा….
पूरा घर खाने को दौड़ता है….
ना कुछ खाने का मन करता है ….
बाहर से ही कुछ ले आता हूं….
तभी विभू जोर से खांसने लगा….
जी आपको खांसी क्यों आ रही है??
वो रिया तुम फ़िक्र मत करो….
तुम्हें बताया नहीं मैने….
कुछ दिन से मेरी तबीयत ठीक नहीं चल रही है ….
काफी पसीना आता है….
घबराहट होती है ….
चक्कर आते हैं…
और फिर कुछ काम करने का मन नहीं होता….
बस मन करता है लेट जाऊं ….
इस वजह से ऑफिस के काम में भी मन नहीं लग रहा है….
तो फिर डॉक्टर को दिखाइए….
जल्दी आ जाइए….
मैं आ जाती हूं आपके पास….
अच्छे से खा पी नहीं रहे हैं….
इसीलिए तबीयत खराब हो रही है आपकी …
ओह रिया …..तुम कितनी फिक्र करती हो मेरी….
हां …..जाऊंगा दिखाने….
संडे छुट्टी लेता हूं….
तुम बताओ….
कब आऊं वहां ???
जी….
आपका जब मन हो…
ठीक है रिया….
परसों आता हूं तुम्हें लेने के लिए….
तुम सारा सामान तैयार रखना….
और मेरी गुड़िया कैसी है ??
जी वह भी बहुत अच्छी है….
सभी लोगों के पास रहती है…
मुझे तो उसे देखना ही नहीं पड़ता ….
मां मालिश कर देती है ….
अम्मा के पास में लेटी रहती है ….
और सो भी उन्ही के पास जाती है….
ऐसा लग रहा है….बिल्कुल बेफिक्र हो गई हूं यहां आकर….
यही तो होता है परिवार रिया….
तभी तो मैं कह रहा था…
कि कुछ दिन घर हो आओ….
जी सही कहा आपने….
इधर रिया की अम्मा भी रिया को बुलाकर बोलती हैं….
ए री लाली ….
सुन …
खबरदार….
क्या हुआ अम्मा ??
ऐसे क्यों बोल रही हो ??
आजकल तेरा मन किसी काम में नहीं लगता….
छोरी छोटी है …
उसे भी ठीक से दूध न पिलाती है….
क्या ऊपर के डब्बे की आदत डार दी है….
वो अम्मा ठीक है ….
आजकल सभी बच्चे ऊपर का ही दूध पीते हैं….
मैं पिलाऊंगी तो मुझ पर ही निर्भर हो जाएगी….
और रात भर मुझे परेशान करेगी ….
एक बार बोतल दे दो….
अच्छे से पी भी लेती है….
और देख लो सेहत भी ठीक है….
तोये पता ना है डब्बे का दूध बस बच्चे को फुलाता है ….
सेहत तो मां के दूध से ही बढ़े हैं ….
जब तक यहां रहेगी….
मेरे सामने तो अपना ही दूध पिलाएगी ….
समझी ….
ठीक है अम्मा….
जैसी तुम्हारी मर्जी ….
रिया बोली…
दो दिन अब रिया को काटने को दौड़ रहे थे…
उसका मन जल्दी से विभू के साथ जाने का था….
और वहां जाकर नौकरी ढूंढने का कर रहा था ….
दो दिन बाद विभू आया….
रिया विभु को देख रही थी ….
बहुत ही कमजोर हो गया था वह…
यह क्या …
आप कैसे हो गए हैं ??
वो बस रिया ….
बताया था ना तुम्हें …
तबीयत ठीक नहीं चल रही….
इस वजह से…
अरे दामाद जी….
हम तो कहते फिरते कि हमाये दामाद जी सबसे हट्टे कट्टे,,सबसे स्वस्थ हैं हमारे परिवार में ….
ये का हाल कर लो तुमने….
ए लाली अब तू जा इनके संग…
अच्छे से खिलाई पिलाई कर….
देखना कैसे हैं गए हैं ….
दो चार दिना यहां रुक जाओ ….
अरे नहीं नहीं अम्मा ….
जाना होगा…
इतने दिनों की छुट्टी नहीं मिली है ..
जैसी तुम्हारी मर्जी दामाद जी ….
लाली की महताई नेक घी के लड्डू बनाए दे दामादजी के लिए…..
वहां खाएंगे तो सेहत में फर्क भी आएगो….
काफी सारे लड्डू ,,अचार और भी ना जाने क्या-क्या सामान अम्मा और रिया की मां ने दिया ….
उनके लिए बांध दिया….
जाते समय रिया भी रो दी….
भारी मन से उन्होंने अपनी बिटिया को विदा किया….
अम्मा और मां फफक कर रो पड़ी ….
मेरी बिटिया अब कब आएगी ???
जल्दी ही आऊंगी अम्मा….
पहला जन्मदिन बिट्टू का यहीं ससुराल में मनाऊंगी ….
तभी आइएगा आप सभी लोग …..
ठीक है लाली….
खूब खुश रहे ….
अपने घर वालों की सेवा कर ….
और मेवा खा….
अम्मा ने आशीर्वाद दिया ….
रिया और विभू अपनी नौकरी वाली जगह पर आ चुके थे…..
एक-दो दिन गुजरे थे …..
मौका पाकर रिया रात के समय विभू के पास आई….
उसके सीने से लगकर बोली ….
ए जी सुनिए….
एक बात कहनी है आपसे….
हां कहो रिया….
जी….
मेरी ग्रेजुएशन भी कंप्लीट है….
डिप्लोमा भी मैंने कर रखा है ….
आप कहे तो मैं जॉब के लिए अप्लाई कर दूं??
एक पल को तो रिया को विभू देखता रहा ….
रिया जॉब करने में कोई बुराई नहीं है….
लेकिन अभी हमारी गुड़िया बहुत छोटी है ….
इसे अभी तुम्हारी जरूरत है ….
और वैसे भी इतनी जरूरत क्या है ??
मैं तो हूं ही ना …
पैसे लेकर के आ रहा हूं….
कोई समस्या हो रही है तुम्हें ??
जितने पैसे चाहिए हो मुझसे मांग लिया करो ….
अरे नहीं नहीं ….
ऐसी बात नहीं है जी…..
बस इसलिए…
कि घर में मेरा मन नहीं लगता ….
थोड़ा बाहर जाऊंगी ….
लोगों के साथ में काम करूंगी…
तो मेरा मन भी लगा रहेगा….
आप सुबह के गए शाम को आते हैं ….
तभी तो मैं कह रहा था….
कि घर पर रह लो ….
मैं हफ्ते,,10 दिन में आ जाया करूंगा ….
तो क्या आपने मेरे से शादी मुझे घर पर रखने के लिए ही की थी??
अगर आप यही चाहते हैं….
तो ठीक है मुझे घर पर रख दीजिए ….
मैं वहीं पर रह लूंगी….
रिया गुस्से में दूसरी तरफ मुंह करके लेट गई …
विभू ने रिया को अपनी तरफ कर लिया ….
और बोला….
ठीक है….
लेकिन एक बात बताओ रिया….
अगर तुम जॉब करोगी तो हमारी गुड़िया को कौन देखेगा ??
जी …
वह सब मैं देख लूंगी ….
आजकल क्रच चल गए हैं …
वहां पर बच्चों को पूरा दिन देखते हैं ……
और अच्छे से देखभाल करते हैं ….
शाम के समय आते हुए मैं गुड़िया को ले लिया करूंगी ….
और वीडियो कॉल पर तो पूरे दिन में उसे देख लिया करूंगी…
कि वह लोग कैसे उसे खिला रहे हैं……
रिया वैसे तो मन नहीं मेरा कि इतनी छोटी बच्ची को तुम किसी के सहारे छोड़ो ….
अच्छा कुछ टाइम करके देख लो ….
अगर दिक्कत आए तो तुम्हें छोड़नी होगी नौकरी …..
जी ठीक है….
मुझे पता है कोई दिक्कत नहीं आएगी ….
थैंक यू सो मच ….
आपने हां तो कहीं ….
वैसे तुम किस तरह की जॉब करना चाहोगी रिया ??
जी….
जो भी मिल जाए…
6-7 घंटे की…
8:00 से हो और शाम को चार पांच बजे अपने घर आ जाऊं…..
ठीक है ….
मैं भी देखता हूं ….तुम्हारे लिए …
तुम्हें इधर-उधर भागना नहीं पड़ेगा ….
वाओ ….आप बहुत अच्छे हैं ….
रिया की खुशी का ठिकाना न था….
वो विभू के गले से लग गई ….
रिया की बचकानी हरकतों का कुछ जवाब नहीं दे पता था विभू….
क्योंकि वह रिया से प्यार ही इतना करता था……
दो दिन के बाद विभू ने रिया को बताया ….
रिया एक बहुत ही अच्छी जॉब मिली है….
बिल्कुल घर के पास में ही स्कूल है ….
वहां पर तुम पढ़ा आया करना ….
बस 7:00 से 11:00 तक का स्कूल है ….
11:30 तक तुम घर आ जाया करोगी …
जी…
स्कूल की जॉब ??
उसमें मेरी क्या ग्रोथ होगी….
छोटे-छोटे बच्चों के साथ में रहोगी ….
तुम्हें भी अच्छा लगेगा…..
और वहां के प्रिंसिपल ने कहा है ….
कि तुम गुड़िया को भी वहां ले जा सकती हो ….
जी…
मुझे ऐसी जॉब नहीं करनी….
तो कैसी जॉब करनी है रिया ???
लड़कियों के लिए टीचिंग जॉब से अच्छी कोई जॉब है…..
ठीक है जी….
मैं सोच कर बताती हूं….
ऐसा कौन सा स्कूल है……
मैं एक बार देख करके आऊंगी …
ठीक है मैं तुम्हें दिखा लाऊंगा ….
बात भी करवा दूँगा….
अगले दिन रिया विभू के साथ स्कूल आई…..
वहां का माहौल देख रिया….
अगला भाग
नाजायज रिश्ता (भाग -13)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
तब तक के लिए राधे-राधे….
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आपकी लेखिका…
मीनाक्षी सिंह…
आगरा