शिव बहुत ही सीधा, सच्चा और निर्मल विचारों वाला व्यक्ति
था | रुद्रपुर में बैंक में काम करता था | वो कभी किसी के काम के लिए मना नहीं करता इसलिए लगभग सभी लोग शहर में उसको जानते थे | सब से दुआ सलाम उसकी थी |
बैंक का कोई भी काम होता लोग उसको दे जाते ये कह कर कि आप करवा दीजियेगा | शिव भी कभी किसी को मना नहीं करता था |
एक पूरी परिवार जैसी दुनिया थी उसकी रुद्रपुर में | उसका परिवार गुजरात में था | तो यहाँ वो कुछ लोगो के साथ एक बिल्डिंग में रहता था जो कि एक कंपनी में काम करते थे | उनमें से जो सबसे ज़्यादा शिव के क़रीब था वो था रवि |
उसकी वजह से काफ़ी कंपनी के लोगो से उसकी जान पहचान हो गई थी | किसी ना काम से उसके पास लोग आते ही थे |
कुछ लोगो के परिवार भी थे | शिव कभी निकलता तो कोई उसे बिना खाना खाए जाने नहीं देता |
इसी तरह दिन गुज़र रहे थे | रवि की शादी हो गई इसी बीच शिव की भी शादी तय हो गई | प्रिया रवि की और सुधा शिव की जीवनसंगिनी बन गई |
दोनों की शादी 6 महीने के अंतराल पर हुई | दोनों के घर बस गए | शिव और रवि दोनों अलग – अलग घर में रहने लगे |
नई -नई शादी हुई थी और दोस्ताना भी था तो साथ में घूमना ,खाना , मूवी देखना एक दूसरे के घर आना – जाना भी बहुत हो गया था |
प्रिया और सुधा अच्छे दोस्त बन गए | कहीं भी जाना हो साथ में जाना, दोनों एक साथ ही दिखते थे वो चाहे जहाँ भी जाना हो |
रवि के घर से कोई भी आता, तो शिव के घर ज़रूर आता | चाहे वो थोड़ी ही देर के लिए ही सही पर आता ज़रूर था | इस बीच प्रिया का एक बार abortion हो गया |
उस वक़्त सुधा ने प्रिया का काफी ध्यान रखा पर दूसरी बार फिर से abortion हो गया | इस बार Doctor ने प्रिया को treatment के लिए बोला | प्रिया और रवि पूजा – पाठ करने लगा और उन्होंने घर भी बदल दिया | सुधा भी प्रेग्नेंट थी | डेलिवरी के लिए उसको ससुराल जाना था | शिव उसको घर छोड़ कर आ गया था |
सब ठीक था | रवि का शिव के घर आना – जाना था ही |
वो खुशखबरी भी आई कि सुधा ने बेटे को जन्म दिया है | और उसी के साथ शिव का भी प्रमोशन हो गया | सुधा 4 महीने के अपने बेटे को लेकर रुद्रपुर आ गई |
एक दिन शिव ने सुधा से कहा कि हम ये घर खरीद लते है काफ़ी दिनों से यहाँ रह रहे है यहीं सेटल हो जाते है | उसने अपने घरवालो को भी बता दिया | सुधा को भी ठीक लगा |
अगले दिन शिव घर खरीदने की बात करने घर के मालिक के पास गया , तो घर के मलिका ने उनसे कहा कि ये घर तो 2 महीने पहले ही बिक गया | वो आपके दोस्त है ना रवि उन्होंने खरीद लिया | आज इसकी आखरी किस्त आई है…. मैं तो आपको बोलने वाला था कि आप घर खाली कर दीजिये एक दो महीने में |
शिव को बहुत हैरानी हुई कि रवि ने बताया नहीं | उसने घर आ कर सुधा को सब बताया | सुधा को विश्वास ही नहीं हुआ कि रवि ने घर खरीदा है | और उनको इस बात की भनक तक नहीं लगी |
थोड़े दिनों में शिव और सुधा दूसरे घर में शिफ्ट हो गए | ये बात सबको पता चल गई | रवि जो सबके लिए दोस्ती की मिसाल था आज वो और प्रिया सबकी आँखो से गिर गए | ना कोई उनसे बात करता ना ही कोई उनके घर जाता |
आशा करती हूँ आपको कहानी पसंद आई होगी | एक नई कहानी के साथ जल्दी ही मिलूँगी |
धन्यवाद
स्वरचित
अनु माथुर