माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अभिषेक.. तुम शादी से कैसे मना कर सकते हो? तुम्हें पता है ना मैं अपनी मम्मी पापा की मर्जी के खिलाफ जाकर भी तुमसे शादी के लिए तैयार हूं, और अब तुम शादी से इनकार कर रहे हो! आज तक जो तुमने मुझसे प्यार  के वादे किए थे

क्या वह सब झूठे थे..? मैं ही बेवकूफ थी जो तुम्हारे प्यार  के झांसे में आ गई, मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था कि अब तुम्हारी सरकारी नौकरी लग गई है और तुम्हारे लिए पैसे वाले घरों के  रिश्ते आ रहे होंगे, तुम उन्हें कैसे मना कर सकते हो..?

मेरे पापा तुम्हें इतना पैसा नहीं दे सकते ना…! देखो रिया.. ऐसी कोई बात नहीं है और ना ही मैंने तुमसे कोई प्यार के  वादे किए थे, तुमने ही मेरे ऊपर जबरदस्ती  शादी का दवाब बनाया था, किंतु मैं तुमसे पहले भी कह चुका हूं मैं अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी नहीं करूंगा,

और मैंने तुम्हें कोई धोखे में नहीं रखा.. यह बात तुम अच्छी तरह जानती थी! तो मेरे साथ घूमना फिरना, देर रात तक फोन पर बातें करना, यह सब क्या था..? क्या मेरे लिए तुम्हारे मन में कोई फिलिंग्स नहीं है? देखो रिया.. इन सब बातों में हम दोनों ही बराबर के भागीदार हैं,

किंतु फिर भी मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता! मैं तो न जाने कितनी लड़कियों के साथ घूमता फिरता हूं, तो क्या सबसे शादी कर लूं..? जो लड़की शादी से पहले किसी भी हद तक जा सकती है मैं उससे शादी नहीं कर सकता!  अभिषेक मुझे तुमसे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी,

तुम मेरे बारे में ऐसा सोचोगे!  तुम्हारे बारे में बहुत  सुना था किंतु आज यकीन हो गया. तुम केवल  भोलीभाली लड़कियों के साथ खिलवाड़ करते हो, जब शादी की बारी आती है तुम उनसे साफ मुकर जाते हो! अच्छा हुआ तुमने मुझे यह एहसास करवा दिया की माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं है

और मैं उन्हीं के साथ में धोखा करने चली थी। बस तुमसे एक गुजारिश है, आगे से किसी भी लड़की के साथ धोखा मत करना। जिस प्रकार मैं तुम्हारे धोखे में आ गई थी और अपनी जिंदगी का सर्वनाश करने चली थी।

   हेमलता गुप्ता स्वरचित

   मुहावरा प्रतियोगिता (झांसे में आना)

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