…बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी मेरी, जो तुमसे शादी के लिए हां कर दी !अरे बुद्धि तो मेरी भ्रष्ट हुई है.. तुम्हारे घर वालों ने तो कहा था की लड़का इतनी अच्छी नौकरी पर है, सीधा-साधा, संस्कारी है, और देखो.. कैसा लड़ाकू निकला, हर छोटी-छोटी बात पर बस लड़ाई झगड़ा करना सुझता है तुमको!
अरे रहने दो.. तुम भी कोई कम नहीं हो, तुमको देखते ही उस वक्त तो मेरी अकल घास चरने चली गई थी, तुम्हारी सुंदरता पर मर गया था मैं तो.. वरना आज कोई ऐसी पत्नी होती जो मुझ पर हुकुम ना चला कर मेरा हुक्म मानती! काश… सुंदरता के साथ-साथ तुम्हारे गुण भी जान लेता!
ओ ..हो हो.. हुकुम चलाने वाले, एक काम तो होता नहीं मेरे बिना, हुकुम चलाओगे! तुम तो जैसे गुण की खान हो! अपने कपड़े भी धोने आते हैं,.? अपने कपड़े, जुराब, रुमाल तक तो ढूंढ नहीं पाते और कहते हैं मैं कम अकल हूं! मेरे बिना रह के दिखाओ! रहने दो.. रहने दो..
जैसी तुम हो वैसे ही बच्चों को बना दिया, बस हर समय अपनी मां की हां मैं हां मिलाते रहते हैं, मेरी तो इस घर में कोई कदर ही नहीं है! हां.. सही कह रहे हो, बच्चे तो मेरे ही है.. दहेज में लेकर आई थी मैं इनको.! जब बच्चे अच्छा काम करें तो तुम्हारा नाम,
जब गलत काम करें तो मम्मी पर गए हैं!अरे यार छोड़ो अभी लड़ाई झगड़ा.. हम तो जब देखो लड़ाई झगड़ा ही करते रहते हैं, तुम्हें पता है तुम कितना भी मुझसे लड़ाई झगड़ा कर लो लेकिन प्यार में तुमसे ही करता हूं, करता रहूंगा! तुम्हें क्या लगता है
मैं तुम्हारे अलावा किसी और को चाहती हूं, अब तुम जैसे भी हो.. मेरे हो, और हम दोनों को एक दूसरे की कमियों के साथ ही स्वीकार करना होगा! भगवान ने ही हम दोनों को मिलाया है, तो हमें उसमें ही खुश रहना होगा..! हां तुम सही कह रही हो..
पर फिर भी तुम थोड़ा सा सुधरने की कोशिश करो.. ठीक है मैं सुधरने की कोशिश करूंगी, पर पहले तुम भी थोड़ा बहुत काम में हाथ बटाया करो! देखो यार.. एक घर का काम मुझसे नहीं होता, बाकी मुझसे कुछ भी करवा लो! हां तुमसे होता भी क्या है..
बस नौकरी करवा लो, और मोबाइल चलवा लो! अभी हमने डिसाइड किया था कि हम दोनों लड़ाई झगड़ा नहीं करेंगे तुम फिर शुरू हो गई! अच्छा बाबा सॉरी… किंतु एक बात बताऊं.. इन छोटी-मोटी नोक-झोक बिना हमारी जिंदगी में तो रोमांस ही खत्म हो जाएगा,
कम से कम इस बहाने हम हर समय साथ में तो रहते हैं, हां.. तुम सही कह रही हो, जिंदगी में अगर नोक-झोक ना हो तो जिंदगी बेस्वाद लगती है.. और फिर दोनों अपनी बातों पर जोर-जोर से हंसने लगे! सही है छोटी-मोटी नोक झोंक होना बहुत जरूरी है!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
मुहावरा प्रतियोगिता. # बुद्धि भ्रष्ट होना