बात समझ की है ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

राकेश के मोबाइल  मैं किसी उर्मी के नाम पर दस हजार रुपए ट्रांसवर का मैसेज देख मीता का दिमाग खराब हो गया और उसके दिमाग मैं जाने क्या क्या चलने लगा

राकेश जैसे ही बाथरूम से निकला मीता ने सवालों को झड़ी लगा दी ये उर्मी कौन है इसको तुमने पैसे क्यों डाले और उसने बात का बखेड़ा कर दिया

राकेश बोला अरे शांत हो जाओ सब बताता हूं ।ये मेरी ऑफिस मैं साथ काम करती है उसे जरूरत थी कह रहीं थी सेलरी आते ही लौटा

देगी ।पर मीता के दिमाग मैं तो कुछ और ही चल रहा था तो उसे ये सब बहाना लग रहा था बोली पर तुमने कभी मुझे उसके बारे मैं नही बताया और पूरे ऑफिस मैं उसने तुमसे ही पैसे क्यों मांगे

क्या चल रहा है तुम्हारा उसके साथ ।

राकेश बोला कुछ नहीं चल रहा मै तुमसे प्यार करता हूं और कल ही उसने कहा था तो याद नही रहा बताने का और इतनी कोई खास दोस्ती नही है तो तुम्हे उसके बारे में क्या बताता

पर मीता कहां मानने वाली थी अब वो राकेश की हर हरकत पर नजर रखने लगी चाहे जब मोबाइल चेक करने लगी अब उसे राकेश का प्यार दिखावा लगने लगा और वो अब राकेश से खींची खींची रहती और बात बात मैं ताना मारती रहती इन सब बातों से तंग आ कर राकेश अब देर से घर आता तो मीता को लगने लगा उसी से मिलने जाता है ।

राकेश ,दोस्तों मैं ज्यादा समय देने लगा तो उसे गलत आदत लग गई अब वो रोज रोज पी कर आने लगा अब मीता को गुस्सा आता तो दोनों मैं खूब झगड़ा होने होता ।

एक दिन मीता की सास रहने आई उन्होंने दोनों के बीच खींचा तनी देखी तो मीता से बात पता करी सच्चाई जानकर बोली बहू तुमने जरा सी बात पर बखेड़ा खड़ा करके अपना रिश्ता खराब कर लिया इन बातों को प्यार और विश्वास से खत्म करना चाहिए यदि कुछ गलत लगे तो आराम से बात करो अभी भी समय है अपने रिश्ते को सुधार लो।

तब मीता को लगा कि उसने राकेश को दुख पहुंचाया है उसने माफी मांग कर धीरे धीरे रिश्ते को प्यार से पहले जैसा बनाया और कसम खाई की अब  बखेड़ा खड़ा नही करेगी ।

मुहावरा प्रतियोगिता _बखेड़ा खड़ा करना।।

स्वरचित

अंजना ठाकुर

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