स्वाति स्कूल से आकर अभी फ्रेश भी नहीं हुई थी कि वाचमेन ने आकर बताया कि जल्दी चलिए साहब गिर गए हैं ।
वह फिर से चप्पल पहनकर उल्टे पाँव भाग कर उस जगह पर पहुँची जहाँ उसका पति शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी से नीचे गिर गया था ।
वाचमेन की सहायता से उसे घर लेकर आई । एक छोटी सी बच्ची सास ससुर और पियक्कड़ पति स्वाति की यही तो ज़िम्मेदारियाँ थीं ।
उसका पति सरकारी ऑफिस में काम करता था इसलिए उन्हें सरकारी क्वार्टर मिल गया था ।
इसलिए सर पर छत मिल गई थी । यह पंद्रह साल पहले की बात थी ।
आज पति ने पीना छोड़ दिया है ऑफिस में अच्छे से काम कर यूनियन लीडर बन गया है ।
उन्होंने अपनी इकलौती बेटी लावण्या की शादी धूमधाम से कर दिया है । सास ससुर की मृत्यु हो गई है ।
घर और कार खरीद कर दोनों बहुत ही आराम की ज़िंदगी बिता रहे हैं ।
यहाँ लोग बार बार उनके सामने पुरानी बातों को याद करते हैं और गड़े मुर्दे उखाड़ते रहते हैं ।
किसी को भी विश्वास नहीं होता है कि पीकर सड़क पर गिरने वाला व्यक्ति आज एक ज़िम्मेदार यूनियन लीडर कैसे बन गया है ।
पति पत्नी लोगों की बातों पर ध्यान ना देते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं । उन्होंने सोच लिया था कि जब परिस्थितियाँ अच्छी नहीं थीं
तो झूठी सहानुभूति दिखाते थे आज जब सब सुधर गया है तो
गड़े मुर्दे उखाड़कर दिल दुखाने लगे हुए हैं शायद यही तो दुनिया की रीत है ।
के कामेश्वरी