नाजायज रिश्ता (भाग -2)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अभी तक आप लोगों ने इस कहानी में पढ़ा कि रिया की शादी अपने से 11 वर्ष बड़े  लड़के  विभू के साथ तय हो गई है……

घर में सगाई की तैयारी चल रही है……

आज सगाई का दिन है…..

सभी लोग गेस्ट हाउस पहुंच चुके हैं…..

लड़के वाले  भी आ चुके हैं…..

अब आगे…….

रिया के पापा और घर के बड़े लोग लड़के वालों का टीका लगाकर स्वागत करते हैं ……

बाकी लोग  इत्र छिड़कते हैं ……

सभी लोग अंदर आते है…..

और सगाई का कार्यक्रम शुरू होता है……

रिया की  कुछ सहेलियां जो रिया के साथ में थी…..

वह बाहर आकर रिया के होने वाले दूल्हे को देखकर आती है…..

अंदर आकर सहेली रानी दूसरी सहेली सुरभि को आँखों से इशारा कर कुछ बोलने को कहती है…..

तुम लोग क्या खुसुर पुसुर कर रही हो….

कैसे है मेरे होने वाले ये  ??

रिया अपने माथे के टीके को सही करते हुए कहती है……

ए री रिया…..

तूने क्या जीजाजी को पहले देखा नहीं था …..

क्यों क्या हुआ??

तू ऐसे क्यों बोल रही है…..

फोटो में तो देखा था मैने….

अच्छे  लगे…..

पर तू ऐसे क्यूँ पूछ रही है  रानी  ….??

कुछ नहीं यार……तुझे पसंद है तो कोई बात नहीं…..

तभी उनको टोकते हुए सुरभि बोली…..

जीजा जी तो बहुत मोटे हैं …..

लग ही नहीं रहा कि वह कोई लड़के हैं…..

वह तो एक अंकल टाइप लग रहे हैं …..

तू  बुरा माने य़ा भला….

मुझे जैसा लगा बता दिया….

चुप कर सुरभि  तू …..

पता भी है मेरा जो दूल्हा है ना…..वह सरकारी नौकरी में है …..

और मोटे हैं तो क्या हुआ…..

दिल के अच्छे हैं …..

पापा ने बताया था कि थोड़े से हेल्दी हैं……

और बता …..

बाकी सब लोग आ गए ??

हां रिया …..

आ गए …..

तभी रिया की मां रिया को लेने आई …..

चल बिटिया …..

सगाई का समय हो गया है….

तेरा इंतजार हो रहा है …..

बहुत सुन्दर लग रही है मेरी बच्ची…नजर ना लग जायें ….

रिया की माँ ने बेटी की बलायें ली…..

रिया की सहेलियां रिया को लेकर स्टेज पर आयीं …..

विभु ने उठकर रिया का हाथ पकड़ लिया …..

दोनों की की आंखें टकराई…..

एक दूसरे के सामने खड़े थे रिया और विभू….

एक ओर रिया एक मासूम सी कम उम्र की,,पतले शरीर  की प्यारी सी लड़की लग रही थी….

और दूसरी ओर विभू  एक परिपक्व ,,,शरीर से स्वस्थ,,,लड़का तो नहीं कह सकते ….

हां एक आदमी ज़रूर लग रहा था …..

तभी पंडित जी बोले …..

बिटिया अंगूठी पहनाओ…..

रिया विभू को देखकर 1 एक पल  को तो उदास हो गई थी…..

फिर अगले ही पल सामने खड़े अपने पापा,,माँ,,अम्मा,,,सबको देखकर अपने चेहरे पर मुस्कान ले आई…..

अम्मा बोली …..

लाली …..पहरा दे जल्दी से अंगूठी …..

का सोच रही है ???

अम्मा की आवाज सुन रिया ने विभू  के बाएं हाथ की अनामिका  उंगली में अंगूठी पहना दी…..

रिया ने अपनी पलकें झुका ली….

फिर विभू  ने भी रिया को अंगूठी पहनायी …..

पूरा हॉल तालिया की गड़गड़ाहट   से गूंज उठा……

रिया और विभू  पर फूलों की बारिश की जा रही थी…..

रिया की गोद में विभू  की माँ और अम्मा ने न जाने कितने ही जोड़ी कपड़े,,,सोने के भारी गहने रखे और रिया के सर से पैसों की  न्योछावर की …..

कई  डलिया  फल भी विभू के घरवाले लायें  थे …..

एक-एक कर कुछ फल भी रिया की गोद में रखे गए…..

रिया की अम्मा कमर को झुकाये  आगे आकर अपनी एनक को ऊपर कर रिया को दिये गहने हाथ में लेकर देखने लगी…..

खूब पुख्ता बनवायों है जेवर तो छोरा वारों ने…..

छोरी कैसे भी पहर के सोये, टूटेंगे नाये…..

सही बोली अम्मा….

डिजाइन  भी नये ज़माने की है  …..

तुमने मोये काहे ना दिया ऐसा सेट….

अम्मा के बगल में बैठी उनकी बिटिया रेखा बोली…

अम्मा ने घूरकर  देखा रेखा को…

सब अपनी किस्मत का पायें हैँ समझी …….

कह रही ऐसो  सेट काहे ना दयो…..

रिया भी जेवर देखकर चहक उठी  …….

उसके चेहरे की मुस्कान अब बड़ी हो चली थी……

विभू भी रिया को देख मंद मंद मुस्कुरा रहा था……

सगाई का कार्यक्रम पूरा हुआ………..

रिया और विभू  की कई फोटो खींची गई……

रिया की मां अपने पतिदेव रघुवीरजी  को टोहनी मारकर बड़ी-बड़ी आंखों से देख रही थी…..

काहे मारे जा रही हो मुझे…..

का  देखा आपने लड़के में…..??

देखो अपनी रिया के आगे कैसा लग रहा है……

तुम भी हद करती हो……

हर चीज सुंदरता ही नहीं होती…..

देखना  अपनी रिया से कितना प्यार करेगा…..

उसके चेहरे में,,,उसकी आंखों में रिया के लिए प्यार नहीं दिख रहा तुम्हें ……

जो लड़का अभी से  कितनी फिक्र कर रहा है हमारी बिटिया की…..

तुमने बीच में देखा…..

कैसे लाली  के दुपट्टे को,,,उसके हाथ में  रख देता है जब जमीन पर आ रहा था तो……कि कहीं हमायी लाली  गिर ना जाए……

इससे  ही पता चलता है कि वह हमाई  रिया को जीवन भर खुश रखेगा ……

समझी …….

आप भी बस यही देखिए……

जो किस्मत में लिखा होगा वह तो होगा ही मेरी बेटी के साथ…….

सगाई सकुशल संपन्न हो गई ……

सभी लोग अपने घर की ओर रवाना हो गए…….

घर जाकर विभू रिया के ख्यालों में ही खोया रहता…….

कुछ दिन बाद विभू  ने रिया  को फोन किया……

रिया  ने फोन उठाया …..

हेलो जी……नमस्ते……

विभू…….नमस्ते सुन खिल खिलाकर हंस पड़ा……

आप हमसे भी नमस्ते करेंगी रिया जी…..

क्यूँ जी सभी बड़ों से तो नमस्ते ही करते हैं ना……

हां वह तो है लेकिन आप मुझे हेलो ,,हाय,,,कैसे हो ,,,ऐसे बोल सकती हैं ……

नहीं जी……अच्छा नहीं लगता……

कैसे फोन किया आपने???

क्यों मैं अपनी होने वाली बीवी को फोन नहीं कर सकता …..

नहीं नहीं…..ऐसी बात नहीं है …..

आपको पता है अब हमारी शादी में कुछ ही दिन बचे हैं …….

जी……जानती हूं…..

रिया धीरे से बोली ……

अच्छा अपने बारे में आप मुझे कुछ बताइए……

क्या बताऊं आपको तो पता ही है …..

मैंने बीए  किया है…….

मैं 20 साल की हूं……

मुझे डांस करना ,,गाना गाना,,,घूमना, फिरना,,मस्ती करना,,,बहुत अच्छा लगता है ……

यह तो बहुत अच्छी बात है ……

घूमने फिरने के तो हम भी शौकीन हैं …….

तो चलिए फिर बताइए …..

हनीमून पर कहां चलें???

रिया शर्मा गई…..

जहां आप ले चले ……

चलिए  ठीक है…….

प्लान बनाकर आपको बताते हैं …….

अच्छा जी …..फिर आपसे बात करती हूं ……

अम्मा आवाज लगा  रही हैं ……

ठीक है जी……

आप तो बात भी ज्यादा देर नहीं करती……

अब बताइए आपको कब फोन करूं???

जी मैं खुद कर लूंगी….जब फ्री हो जाऊंगी…..

ठीक है रिया…..

बाय टेक केयर……

बाय-बाय जी……

यह बोल रिया  ने फोन रख दिया……

रिया भागती हुई अम्मा के पास आई…….

ए लली…….

कितनी देर से तुझे आवाज लगा  रही हूं…..

कहां चली गई थी ……

अरे अम्मा तुम भी ……

अब लाली का ब्याह होने वाला है…..तो अपने खसम से बात ना करेगी …….

आजकल मॉडर्न जमाना है…….

का सच में री बिंदू ……

छोरा लाली से बात करें है???

क्यों अम्मा तुम्हें दीख ना रहो ……

लाली के चेहरे की लाली……

कैसे शर्मा रही है…….

मेरी तो आंखें भी कमजोर हो गई हैं ……

कछु ना दीख  रहो……

अम्मा क्यों बुलाया ???

कुछ काम था????

रिया बोली….

नेक  देर हमारे भी पास बैठ जाया कर लाली ……

कछु दिन में तू उड़ जाएगी……

तेरी बहुत सुध आएगी रे…….

अम्मा आपकी याद तो मुझे भी बहुत आएगी …….

अम्मा सुशीलाजी ने रिया के दोनों हाथों को चूम लिया ……

और उसे गले से लगा लिया …….

तभी रघुवीर जी बाहर से आए……

और बता लला…..

ब्याह की तैयारी कैसी चल रही ???

बाकी सब तो हो गया है अम्मा …….

गर्मी बहुत है ……

बस यही है कि जितने मेहमान बोले हैं …..

सभी आ जायें  ….

कहीं गर्मी को देखते वो कैंसिल ना कर दें ……

तू सबके ब्याह  में गिरते पड़ते  पहुंचो  है…..

कैसे ना आएंगे तेरी लाली के ब्याह में ……

पहली छोरी को ब्याह कर रहा है तू…..

सब आएंगे…….

ना आएंगे तो मैं सबके कान ना  खीचूंगी……

सबको कार्ड  बांट आयों ……??

अम्मा कार्ड  तो सभी को बांट दिए हैं ……

बाकी घर का काम आप देख लो ….

और भाभी से और रिया की महताई  से कह देना कि  साड़ी ,,बाकी कपड़े,,,गहने,,खुद ही जाकर के बाजार से ले आए……

मैं क्या-क्या देखूँगा…..

हां तो उसकी फिक्र मत  कर लला …..

वह सब हम औरतें देख लेंगी…..

तू बाहर को काम संभाल……

बाकी बड़े भाई साहब कब तक आएंगे अम्मा ???

कल की बोल रहा मुरली …….

ठीक है अम्मा ……

भाई साहब आ जाए तो थोड़ा चैन आयेँ …….

बैठ जा लला …..

तेरा पसीना पोंछ  दूं ……..

सुशीला  जी ने रघुवीर जी के माथे पर आए पसीने को अपनी साड़ी से पोंछा  …….

और पास में अपनी खाट के पास रखे  मटके से  पानी  पिलाया…….

शादी की तारीख भी पास आ गई ……..

आज हल्दी की रस्म थी…….

दोनों ही घरों में रिश्तेदारों का जमावड़ा लग चुका था……..

ढोलक की थाप चल रही थी …….

इधर रिया पीले रंग की साड़ी में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी……..

उधर विभू भी पीले रंग का कुर्ता पजामा पहने जंच रहा था………

कि तभी रिया को………

तब तक के लिए आप सभी को जय श्री श्याम ……

कहानी के साथ बने रहिएगा ……

इसमें कई दिलचस्प मोड़ आएंगे ……जो आपको पसंद आएंगे……

कोई त्रुटि हो उसके लिए माफी मांगती हूं …….

अगला भाग

नाजायज रिश्ता (भाग -3)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

आपकी लेखिका

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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