अभय की शादी की दूसरी वर्षगांठ थी वह नहीं चाहता था पिछली बार की तरह तान्या इस बार उसकी किसी बात पर अपना मूड खराब करें इसलिए आज उसने एक होटल में सरप्राइज पार्टी रखी थी जिसमें उसने कुछ खास खास लोगों को ही निमंत्रण दिया था जिसमें अभय की बहन और तान्या के मायके वाले भी आए थे बहुत अच्छे से सारा इंतजाम किया था । तान्या भी बहुत खुश थी लेकिन किसी भी रिश्ते से बहुत अपेक्षा भी रिश्तों में कड़वाहट पैदा करती है। ऐसा ही उन दोनों के साथ भी हुआ। होटल से आने के बाद रात के समय तान्या ने अभय को सुनाना शुरू कर दिया
मेरी दीदी और भाभी को शादी के इतने सालों बाद भी अपने-अपने पति से कितने महंगे महंगे गिफ्ट मिलते हैं और आपने एक होटल में पार्टी देकर इस बार मेरे गिफ्ट में से ही कटौती काट ली दूसरी एनिवर्सरी पर भी आपने मुझे चांदी की पायल ही उपहार में दी । आपका शादी के 2 साल बाद ही यह हाल है तो आगे तो भगवान जाने क्या होगा। अभय ने तान्या को समझाया भी कि देखो तानिया पिछले महीने ही पापा की आंखों का ऑपरेशन कराया था इस बार बजट नहीं था, अगले साल तुम्हें मनपसंद गिफ्ट दिलवा दूंगा। लेकिन तान्या पर अपने पति के समझाने का कोई असर नहीं हुआ, एक छोटी सी बात का इतना बतंगड़ बन गया
कि उनकी एनिवर्सरी की सारी खुशी भी धरी की धरी रह गई। गुस्से में अभय ने भी कह दिया तुम कैसी पत्नी हो जो अपने पति की मजबूरी भी नहीं समझती और बजाय मेरा साथ देने के मुझे ताने दिए जाती हो। मैं अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करता हूं तुम्हारी सुख सुविधाओं का ध्यान रखने की, लेकिन तुम मेरे प्यार का नाजायज फायदा उठा रही हो। अगर किसी शांत स्वभावव्यक्ति को गुस्सा आता है तो बहुत ज्यादा खतरनाक होता है बजाय रोज-रोज गुस्सा करने वाले व्यक्ति के, गुस्से में आज तो अभय ने यहां तक कह दिया।पता नहीं कौन सी घड़ी में मेरे मां-बाप ने तुम्हें मेरे लिए पसंद किया था मैं तंग आ गया हूं इस रिश्ते से।
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अभय के माता-पिता ने दोनों को मुश्किल से शांत किया। अच्छा खासा माहौल तनाव पूर्ण हो गया था दोनों एक दूसरे से कोई बात किए बिना करवट बदलकर सो गए। अगले दिन गुस्से में ही तानिया अपना बैग लेकर अपने मायके पहुंच गई। उसे इस तरह अकेले आया देख उसके माता-पिता घबरा गए।। सारी बात जानने के बाद तान्या की मां ने ही तान्या को समझाया। देखो बेटा तुम्हारा पति तुम्हारा कितना ख्याल रखना है क्या तुम्हारा उसकी परेशानी में उसे समझने का फर्ज नहीं बनता? तुम्हारी दीदी और तुम्हारी भाभी खुद जॉब करती हैं। घर में दोनों की कमाने से उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा मजबूत है।
फिर भी तुम्हारी हर छोटी-छोटी खुशी का ध्यान रखता है अभय।अरे तुम तो पढ़ी लिखी हो तुम्हें भी नौकरी आराम से मिल सकती है अपने पति का तुम्हें सहयोग करना चाहिए ना कि उसे जलील करना चाहिए। दो पल के गुस्से से प्यार भरे रिश्ते बिखर जाते हैं। असली प्यार तो एक दूसरे को समझने से होता है। तान्या को मायके में एक सप्ताह बीत चुका था लेकिन अभय का कोई फोन नहीं आया था,
तान्या को अब अपनी गलती का भी एहसास हो चुका था उसे पता था कि अभय के आत्म सम्मान को ठेस पहुंची है वह कभी फोन नहीं करेगा इसलिए पहल भी मुझे ही करनी होगी। मुझे ही अपना रिश्ता बचाना होगा। अगले ही दिन तान्या अपने ससुराल जाकर अपने पति से माफी मांगती है। और वादा करती है जिंदगी के हर मोड़ पर उसका साथ निभाने का। अब तक अभय का गुस्सा भी शांत हो चुका था उसने भी अपने व्यवहार के लिए अपनी पत्नी से क्षमा मांगी। एक टूटता टूटता रिश्ता आज आपस की समझदारी से बच गया था।
गुस्से में थोड़ा सा संयम से काम लिया करो
कभी तुम रूठो तो मैं मनाऊं
मैं रूठूं तो तुम मना लिया करो।
कुछ इस तरह से अपना रिश्ता बचा लिया करो।
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अभय ने अपनी पत्नी से कुछ इस तरह से अपनी भावनाएं व्यक्त की दोनों ही मुस्कुरा पड़े और एक दूसरे के गले लग गए।
पूजा शर्मा स्वरचित।