जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू सर जी के साथ भावना मैडम की दुर्गा कोचिंग एडमिशन के उद्धेश्य से आया हुआ है ….. भावना मैडम कोचिंग में पूजा कर राजू का हाथ पकड़ उसे एक कमरे में लेकर आयीं है …. बाकी सब लोग उनके पीछे खड़े है… तभी मैडम भावना राजू के चेहरे पर एक जोरदार तमाचा मारती है …..
अब आगे….
सभी लोग स्तब्ध रह ज़ाते है कि यह क्या हुआ….. ऐसा क्या किया राजू ने जो उसे मैडम ने इतनी जोर से मारा कि बेचारे का गाल लाल हो गया…..
सर जी का गुस्सा भी सांतवे आसमान पर था…. वो आगे बढ़ मैडम को खरी खोटी सुनाने वाले थे कि तभी राजू ने सर जी का हाथ पकड़ उन्हे पीछे ही रहने को कहा …..
भावना मैडम राजू के चेहरे की तरफ ही देख रही थी कि इतनी जोर का थप्पड़ मारने के बाद भी इस लड़के को बेइज्जती महसूस नहीं हुई…. ये तो वैसे ही है जैसे पहले था….. हाव भाव में भी कोई परिवर्तन नजर नहीं आया…..
मैडम पर ना रहा गया तो बोली…
मिस्टर राजू… आपको इतनी जोर से मारा मैने बाकी सबने अपने गाल पकड़ लिए पर आप तो बड़े बेशर्म है …. कोई फर्क नहीं पड़ा आप पर ….. ना ही आपने पूछा कि क्यूँ मारा मैने आपको…..
मैडम जी… गुरु शिष्य को मारे तो वजह पूछने की ज़रूरत नहीं समझता मैं …. कुछ तो गलती की ही होगी मैने तभी आपने सबके बीच मारा है मुझे….
राजू चेहरा नीचे किये बोला…..
हां मैडम भावना… बताईये… क्यूँ मारा आपने मेरे राजू को… वो कोई छोटा बच्चा नहीं कि भरे समाज के बीच आपने उसे इस तरह बेइज्जत किया …. कोई गलती भी हुई है अगर राजू से तो भी उसे डांट सकती थी, समझा सकती थी… पर मारना गलत है ….
सर जी राजू की तरफ से बोले…..
जी तो मैं बताती हूँ कि मैने मिस्टर राजू को थप्पड़ क्यूँ मारा….
सभी की निगाह मैडम भावना की तरफ थी कि वो क्या बोलने वाली हूँ….
मिस्टर राजू अफसर बनना चाहते थे… और उससे पहले ही रिश्वत खोरी कर रहे है …..
मैडम जी मैने कब रिश्वत दी आपको???
राजू मैडम जी की तरफ देख बोला….
आपने यहां आने के बाद देखा ना कि एडमिशन के लिए कितने बच्चे लाइन में खड़े है और आप बिना लाइन में लगे कि भावना मैडम ने बुलाया है यह बोल…सबसे आगे आ गए…. उसके बाद आपको पता भी चल गया कि मैं नहीं आ आऊंगी फिर भी आपने फ़ोन किया मुझे कि मैडम जी बहुत दूर से आयें है … आ जाईये….
आपको पता है ये सब बच्चे कहां कहां से और कब से आयें हुए है… कैसे कैसे एक एक दिन किराये पर रहकर गुजार रहे है
… 1000-1500 किलोमीटर का सफर इन लोगो ने दुर्गा कोचिंग में एडमिशन की आस से ही तय किया है ….. और आप अभी से ही खुद को यहां का स्टूडेंट समझने लगे मिस्टर राजू…. आपको पता है एक अफसर के हाथ में कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी होती है ….. आप ये रिश्वतखोरी नहीं कर रहे तो और क्या है ….??
बोलिये….
सोरी मैडम जी… मुझे नहीं पता था इसे रिश्वत देना कहते है ….
ठीक है फिर मैं भी लग जाता हूँ बाकी लोगों की तरह लाइन में… सर जी आप जाईये… मैं आ जाऊँगा….
राजू नजर झुकाये हुए बोला….
और सुनिये मिस्टर राजू और इनके सर जी….
देख रहे है इस लड़के को…. कितनी उम्र लगती होगी आपको इसकी… पिछले 8 सालों से कोचिंग कर रहे है … हर बार प्री पास कर ज़ाते है …. एक बार मेंस भी क्लीयर हो गया… इंटरव्यू में रह गए… लास्त अटेम्ट बचा है इनका…. अभी भी आस नहीं छोड़ी है इन्होने….. इसे कहते है डेडीकेशन … है आपमे में मिस्टर राजू ये जूनून …. आप तो सोच रहे है हलवा है अफसर बनना …. आ गए झोला उठाके अफसर बनने गांव से….
मैडम जी बोली जा रही थी….
ये लड़की शाम को कॉल सेंटर में काम करती है दिन में कोचिंग करती है …. अपने कोचिंग के पैसे के लिए कि मेरे माँ बाप के पास इतना नहीं है पर पढ़ना है …..
मैडम जी की इस बात पर राजू बोला…. तो मैडम जी अगर इन दीदी पे पैसा नहीं है तो आप पर तो बहुत है …. जो बच्चे अफसर के लिए पूरे मन से मेहनत कर रहे है उनको तो फ्री में पढ़ा सकते हो ना आप….. आपका पैसा कम नहीं होगा… वो अफसर बन जायेगी तो सारा पैसा वापस कर देंगी आपका दीदी…. हमारे इन मास्साब ने तो ना जाने कितने बच्चों को फ्री में पढ़ाया…. सारे कमजोर बच्चों को अपने घर बुलाते थे….. एक रूपया ना लिया किसी से कभी…..
राजू बोला…
राजू की बात सुन सभी लोग राजू की तरफ देखने लगे….
सर जी बोले…
कह तो सही रहा है राजू….
सर जी बोले…
मैडम गुस्से से आग बबूला हो गयी…..
वो कुछ बोलती उस से पहले राजू के फ़ोन पर उसकी अम्मा का फ़ोन आया…
राजू जोर से चिल्लाके बोला….
हां अम्मा बोलो… का कह रही…
लला… निम्मी आयीं है … तुझसे बात करना चाहे है …..घबरायी हुई है …..
हां अम्मा लाओ… कराओ बात निम्मी से…
सभी लोग राजू को देख हंसने लगे…..
बोल निम्मी … कैसी है तू …..
राजू आशीष के बापू मेरे घर आयें है रिश्ते की बात करने…. मुझे ना करनी उस आशीष से शादी…..
इतना बोल निम्मी रोने लगी….
राजू दुखी होकर कुछ बोलता उससे पहले भावना मैडम बोली…
स्पीकर पे फ़ोन रखा हुआ है मिस्टर राजू ने… इश्क बाजी कर रहे है …. और इन्हे अफसर बनना है …. लड़की भी पता नहीं क्या देखके इनको अपनी बात बता रही है ….
यह बोल भावना मैडम जोर से हंसने लगी…. इन्हे बाहर कीजिये… इश्क विश्क हमारी कोचिंग में एलाऊ नहीं… माहोल बिगाड़ रहे है ये….
गार्ड राजू को पकड़ बाहर कर रहा था उससे पहले राजू मैडम भावना का हाथ पकड़ ……
आगे की कहानी कल…. तब तक के लिए जय श्री राम
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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -26) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा