जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि दुर्गा कोचिंग वाली भावना मैडम ने राजू को सर जी के साथ कोचिंग में बुलाया था….. राजू बहुत ही ख़ुशी ख़ुशी सर जी के साथ कोचिंग में आया है …. पर यह क्या भावना मैडम तो……
अब आगे…..
भावना मैडम तो कोचिंग में थी ही नहीं… सर जी ने सभी से पूछा तो पता चला कि आज वो कोचिंग में नहीं आयेंगी…. तबियत सही नहीं है उनकी ….
राजू को बहुत ही गुस्सा आया….
मास्साब…. मैडम जी को नहीं आना था तो फ़ोन करके बता सकती थी…. ये तो गलत बात है … मैने आपको भी स्कूल से बुला लिया मेरे साथ चलने को…. इतनी दूर पेट्रोल खर्च करके हम आये और मैडम जी ही नहीं है …. आपका भी टाइम खराब कर दिया मैने सर जी…. अब कल को भी आना पड़ेगा ना …. बात तो करनी ही है ना ……
कोई बात नहीं राजू…. ये बड़े लोग है ….. ये तुमको क्यूँ बतायेगी कि मैं नहीं आ रही….. इनपे टाइम कहां ….. अच्छा चल अब… कल आते है …..
सर जी आगे बढ़ते हुए बोले….
सर जी रुकिये…. एक बार मैडम जी से बात कर लूँ…. फिर चलते है ….
रहने दे रे राजू….. बिमार है वो मैडम……. बताया न उस लड़के ने….. चल अब….
बस एक बार कर लूँ बात …..
राजू फ़ोन लगाता है ….
हेलो…. मैडम जी… प्रणाम…. आपने आज मुझे और सर जी को 4 बजे आने को बोला था… हम इतनी दूर से आयें है ….. फिर लौटना पड़ रहा है ….. सुना है आपकी तबियत खराब है ….
राजू बोला….
ओह मिस्टर राजू…. जी मैं तो भूल ही गयी कि आज आप आने वाले थे… वो तो तबियत खराब का बहाना करना पड़ता है जब आने का मन ना हो तो,,,नहीं तो स्टूडेन्ट्स फ़ोन कर करके परेशान कर देते है …. आप इतनी दूर से आयें है तो मेहनत खराब नहीं जायेगी…. आती हूँ कोचिंग…. आप 15 मिनट रुकिये वहीं ……
भावना मैडम राजू से बोली….
क्या कहा मैडमजी आपने….. आप टीचर होकर भी बच्चों से झूठ बोलते हो…. तो बच्चे क्या सीखेंगे….. हमारे मास्साब ने कभी हमें झूठ बोलना नहीं सिखाया… और ना ही कभी बोला….. ये तो बहुत गलत बात है मैडम जी आपकी…..
ओह मिस्टर राजू… सोरी…. आपने तो मुझे खुद एक नया लेशन सीखा दिया …. चलिये आगे से कभी झूठ नहीं बोलूँगी…. प्लीज वेट….. आई एम कमिंग ….
भावना मैडम बोली…
राजू चहकता हुआ सर जी के पास आया….
मास्साब मैडम जी आ रही है ….. 15 मिनट इंतजार करने को बोला है …..
क्या बात है राजू…..मान गए तुझे….. तेरी बात मानती है मैडम…… चलो इंतजार करते है फिर ……
सर जी बोले….
कुछ देर में कोचिंग में ह्ल्ला हुआ कि भावना मैडम की गाड़ी आ गयी है ….
सारे लड़के लड़किया जो रेलिंग पर खड़े थे सब जल्दी जल्दी क्लास में बैठ गए… रिसेप्शन वाली मैडम ने भी अपनी जगह पकड़ ली…. पोंछा वाला भी फिर से पोंछा लगाने लगा… सब कुछ व्यवस्थित हो गया….
देख रहा है राजू भावना मैडम का खौफ…..
हां सर जी…. लगता है सब बहुत डरते है भावना मैडमजी से…..
मैडम भावना बड़ी सी नीली गाड़ी से आँखों में चश्मा पहने,, गुलाबी रंग का टॉप पहने,, जींस और हाई बूट पहनके ,एक हाथ में घड़ी ,, दूसरे हाथ में फ़ोन लिए ऊतरी ….. होंठों पर ह्ल्के गुलाबी रंग की लिपिस्टिक लगी हुई थी….. आँखों में काजल…. कुल मिलाके किसी हिरोईन से कम नहीं लग रही थी भावना मैडम…..
सर जी राजू को टोहनी मारते हुए बोले….
देख रहा है राजू… कितनी सुन्दर है मैडम जी…….
मास्साब…..मुझे तो ना लगी…..मेरी निम्मी को ऐसे तैयार कर दो तो वो मैडम जी से भी बहुत ज्यादा सुन्दर लगेगी…..
राजू मासूमियत से बोला…..
सर जी कुछ और बोलते उससे पहले ही भावना मैडम आयीं…. चस्मे को नाक पर रख राजू की तरफ सरसरी निगाह डाल बोली….
मिस्टर राजू…… प्लीज कम इनसाइड …..
सर जी ने राजू से गमछा जेब में रखने को बोला….
तो क्या हुआ सर जी…. मेरा गमछा तो हमेशा मेरे साथ चलता है ….
ठीक है जैसा है वैसे ही चल…..
राजू और सर जी अंदर आयें….
मैडम भावना सामने छोटे से मंदिर में रखे गणेश भगवान और सरस्वती माँ की पूजा कर रही थी…..
राजू जोर से बोला… ये तो बहुत बढ़िया बात है मैडम जी कि आप सबसे पहले विद्या की देवी की पूजा करती है ….. मुझे भी आरती दे दीजिये …. मैं भी तो आज नया काम शुरू करने जा रहा हूँ…..
पास में खड़ी लड़की धीरे से बोली….
आपको पता है आप किससे बात कर रहे है …. और आपका एडमिशन हो गया क्या जो कह रहे है नये काम की शुरुआत कर रहे है …. वो देख रहे है इतनी लम्बी लाइन,,…..,
राजू और सर जी बाहर खड़ी लाइन देखते है …..
हां मैडम जी देख तो रहे है…तो….
राजू बोला….
ये लाइन एडमिशन लेने वालों की लगी है … इनमे से सिर्फ 10 लोगों को एडमिशन मिलेगा बाकी सीटें फुल हो चुकी है …. समझ आया आपको….
वो लड़की बोली…..
अच्छा मैडम जी… मुझे 10 नहीं बस एक सीट चाहिए….
राजू इतना बोल मैडम भावना की तरफ देखने लगा….
लीजिये मिस्टर राजू… आपको आरती चाहिए थी….
आरती की थाली राजू की तरफ बढ़ाते हुए मैडम बोली…..
राजू ने अपनी जेब से एक रूपये का सिक्का निकाल थाली में डाल दिया….. और दोनों हाथों से 5 बार आरती ली राजू ने….
सबकी निगाह राजू पर ही थी….
मैडम भावना ने पास में खड़े चपरासी को थाली पकड़ायी ….
हां तो मिस्टर राजू…. आपको अफसर बनना है ….
जी मैडम जी… बनना है …..
तो चलिये फिर आपको बताती हूँ अफसर बनने के लिए क्या क्या करना होता है …..
भावना मैडम राजू का हाथ पकड़ तेज कदमों से बढ़ते हुए उसे एक कमरे में लेकर आयीं … सर जी और बाकी लोग भी पीछे खड़े थे…
मैडम भावना ने राजू के चेहरे पर एक जोर का तमाचा ज़ड़ दिया….
आगे की कहानी कल…. तब तक के लिए जय श्री राम
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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -25) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा