एक प्यार ऐसा भी …(भाग -16) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू उस आंटी के जाल से बाहर निकल आया है …. पर अम्मा के दिये 5000 रूपये से हाथ धो बैठा है  …. वो पार्क में बेंच पर बैठा खाना खा रहा है ….और सर जी का इंतजार कर रहा है …. राजू के साथ में एक अंकल भी बैठे है … वो राजू से खाना खाने के लिए साथ चलने का आग्रह करते है …. शहर में एक बार धोखा खा चुका राजू अंकल के साथ जाने से मना कर देता है ….. अंकल हंसकर बोलते है जानते हो मैं कौन हूँ…. इधर गांव में राजू के बाबा को करिया सांप ने काट लिया है …. पूरा गांव राजू के घर आ गया है …

अब आगे..

सरजी के फ़ोन पर गांव से राजू के बापू फ़ोन करते है ….

हां बोलो… क्या कह रहे पप्पू जी???

सर गाड़ी चलाते हुए बात कर रहे है ….

मास्साब अगर राजू तुम्हारे पास पहुँच गयो है तो उसे बताये दो कि बाबा को करिया ने काट लिया है …. अबकि शायद बच ना पायें…..

अरे … ये तो बुरा हुआ…. ठीक है मैं राजू के पास ही जा रहा हूँ….

उसे बताता हूँ….. अगली बस से  गांव भेज़ दूँगा ….

सर जी बोले….

ठीक है …… मास्साब….. राम राम…

राम राम जी …

सर जी…. शिवाजी पार्क पहुँच चुके है …..

कौन हो आप अंकल…. मुझे नहीं पता … मैं तो पहली बार शहर आया हूँ …. मुझे कैसे पता होगा कि आप कौन हो……..

राजू बोला…

बेटा मैं एक पुलिस ऑफिसर (आईपीएस )हूँ…… और तुम बोल रहे कि मैं तुम्हारा पैसा चुरा लूँगा…..

अच्छा किसने चुराये तुम्हारे पैसे ,,,मुझे बताओ…. मैं कोशिश करूँगा कि तुम्हारे पैसे तुम्हे दिला सकूँ…. यहाँ तो रोज थोड़े टाइम के लिए बैठने आ जाता हूँ…. वरना समय का बहुत अभाव रहता है …….

जय हिन्द सर ….. आप तो विपुल पांडेय (आईपी स) है ना  ….मैं पहचान गया आपको…

तू तो बड़ा किस्मत वाला है रे राजू…इतने बड़े अफसर इतने समय से तेरे साथ बैठे है….

सामने से आते सर जी राजू से बोले..

नमस्ते मास्साब….

राजू ने उठके सर जी के पैर छुये ….फिर उन अंकल के भी पैर छुये उसने  ……

नहीं बेटा….. मेरे मत छुये …. तुम्हारे गुरु तो यही है….. ज़िन्होने तुम्हे इतने अच्छे संस्कार दिये है ……

राजू और सर जी मुस्कुरा दिये ….

हां राजू…… तू बता रहा था सर जी को …. तेरे पैसे किसने लिये…… बता ज़रा इनको….बहुत बड़े अफसर है ,, तेरे पैसे दिलवा देंगे…..

अच्छा सर जी….फिर बताता हूँ….

राजू शहर में आने पर अपने साथ घटित पूरे घटनाक्रम को क्रमवार बताता है …..

ओह….तो ये बात है …. उस एरिया का तो मुझे पता है ….

अच्छा बेटा तुम उस लड़की को पहचान जाओगे जो पहाड़ो से आयीं है …. और उससे जबरन य़े काम करवाय़ा जा रहा है ….

अफसर राजू के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले…..

हां सर जी…. उन दीदी का चेहरा मुझे अच्छे से याद है ….

तो ठीक है फिर मैं फोर्स बुलाता हूँ…. हम सब चलते है वहां…..

सुन राजू….. तेरे बाबा को करिया ने काट लिया है … तेरे बापू का फ़ोन आय़ा था कि राजू को भेज दो…..

अब बाबा शायद ना बच पायें तेरे… वैसे तो उनकी ऊमर भी 90 पार कर गयी… चले भी गए तो मोक्ष पा ज़ायेंगे…. मन हो तो चला जा…..

सरजी बोले…..

मास्साब….. मैने कितनी बार बाबा से बोली कि करिया के बच्चों को परेशान मत किय़ा करो… पर ना मानते है …. छेड़ते रहते है उसे….

गुस्सा तो आयेगा ही करिया को…..

उसके बच्चे है ….

मैं था तो कभी परेशान ना किया …. दूध दे देता था उसके बच्चों को… खूब खुश रहता था…..

वैसे करिया वफादार है …. शंभू (सपेरा ) करिया को बुलायेंगे तो सारा जहर चूस लेगा वो….. बाबा सही हो ज़ायेंगे…. बस उसने सबक देने के लिए ऐसा किया है …..

अच्छा फिर ठीक… फिर चल उस आंटी को पकड़वाते है पहले फिर एक दिन के लिए गांव डोल आना तू ….

सर जी बोले….

ठीक है मास्साब……..

इधर अंकल की फोर्स की गाड़ी आ चुकी है ……

वो सभी को बैठने का बोलते है …..

गाड़ी उस आंटी के अड्डे की तरफ चल चुकी है ….

राजू उस कमरे की तरफ इशारा करता है ….. जहां वो आंटी राजू को लेकर गयी थी ….

दो लोग आपत्तिजनक हालत में थे….

पूरे में खबर आग की तरह फैल गयी कि रेड पड़ी है पुलिस की…

सभी भाग जाओ….

सब सरपट दौड़ रहे है ….. जो जैसे हाल में है ,, वैसे ही घबराकर भाग रहा है …..

कोई किसी के ऊपर गिरा जा रहा है ….. लड़कियों ने अपने मुंह बांध लिए है …..

पुलिस एक एककर सबको दबोच रही है ….

राजू उस दीदी को भी पहचान जाता है ….

वो पहाड़ी लड़की दूर से ही राजू के हाथ जोड़ती है …..

लगभग सभी पकड़े गए है ….

वो आंटी जो राजू को लेकर गयी थी ,,, किसी सेठ के साथ गाड़ी में बैठकर रफूचक्कर होने का प्रयास करती है …..

राजू पुलिस को बताता है ….

आंटी की गाड़ी को भी पुलिस वाले रोक लेते है ……

लगभग सभी पकड़े गए है ….

वो आंटी राजू को खा जाने वाली नजरों से देखती है …..

पुलिस वाले राजू के  दिये 5000 रूपये मांगते है ज़िसे चुपचाप वो आंटी भीगी बिल्ली सी बन उनके हाथ में रख देती है …..

पुलिस वाले अंकल,,राजू को शाबाशी देते है …..

और इनाम दिलाने का वादा करते है ….

तुमसे तो मिलता रहूँगा बेटा… इसी शिवाजी पार्क में आया करना…. तुम्हे अपने बच्चों से मिलवाऊंगा ….

अच्छा सर जी…. राजू ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा है …..

ठीक है फिर हम चलते है ….

सर जी और राजू अंकल को सल्युट कर जय हिन्द बोलते है …..

राजू और सर  बस स्टैंड पर पहुँचते है ……

अच्छा राजू…… मैं तेरे लिए फ़ोन खरीदकर रखूँगा …. और कमरे की व्यवस्था भी अपने कमरे के पास ही करवा दूँगा… अभी तू बाबा को देखने गांव चला जा….. और ये ले खाना…. घर से लाया था…. खा लेना रास्ते में….

ठीक है सर जी…. मैं बापू के साथ ही आऊंगा अब शहर ….. अकेले बिना फ़ोन के डर लगेगा मुझे…..

तो ठीक है दो चार दिन में मैं ही आता हूँ गांव…. तेरे बाबा को भी देख आऊंगा…. तू मेरे साथ ही चला आना…..

ये सही रहेगा मास्साब….

राजू को सर जी ने बस में बैठा दिया है …..

इधर गांव में बात चल रही है कि राजू के बाबा को विषबेल है …. इसका तो उपाय करना पड़ेगा…..

निम्मी को राकेश खबर देता है ….

निम्मी राजू चौराहे पर आ गया है …. बस गांव पहुँच रहा है …..

निम्मी को राजू के बाबा की खबर नहीं हुई है ….

वो झट से शीशे के आगे जा खुद को निहार रही है …..

नया सूट बक्से से निकाल पहनती है …..

वो मन ही मन सोच रही है …. राजू आ रहा है तो अच्छी सी बन जाऊँ….

निम्मी के  बांवरे  मन में राजू के लिये प्रेम की शुरुआत हो चुकी है ….

आगे की कहानी कल…. तब तक के लिए जय बजरंग बली….

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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