आप सबने अभी तक पढ़ा कि निम्मी और सर जी ,, रानी मौसी के पड़ोसी रिंकु की सहायता से उसकी छत से होते हुए नीचे घर में उतर आयें है…… साथ में पुलिस के तीन आदमी भी है….. जैसे ही वो सब नीचे आतें है …. गोली चलने की जोर की आवाज आती हैं …
हम लोगों ने तो नहीं चलायी फिर ये गोली चलने की आवाज कहां से आयी … पुलिस वाले बोले…
अरे ये क्या हुआ??
अब आगे….
खबरदार कोई एक भी आदमी आगे बढ़ा तो….. नहीं तो निम्मी को गोली मार दूँगा …..
निम्मी का मौसा हाथ में पिस्टल लिए बोला….
सभी लोग रुक ज़ाते है …
बन्दूक निम्मी के सीने पर रखी हुई थी ….
निम्मी सहमी हुई थी ….
तभी उसकी नजर दूर खड़े राजू पर गयी…
निम्मी राजू को देख चहक उठी….
राजू तू आ गया…. मुझे पता था……. राजू ज़रूर आयेगा…. अब मज़ा आयेगा…
मौसा जी अब तुम नहीं बचोगे… मेरा बहादुर दोस्त जो आ गया है …..
निम्मी को अब गोली का भी डर नहीं था…..
इतना विश्वास जो था निम्मी को राजू पर …..
राजू भी निम्मी को देख मुस्कुरा दिया….
आ तो गए है ये सब……. पर हमें ले जाना आसान नहीं….
ऐसा कर रानी तू दीदी,,जीजा जी,,निम्मी और मन्नु को लेकर निकल….
पता है ना कहां जाना है ?? गाड़ी बाहर खड़ी है… मैँ इन चूहों से निपट कर आता हूँ…..
बड़ा आसान समझा था बच्चे तूने हमें पकड़ना …..
पुलिस वाले अपनी पोजीशन लिए हुए है ….
वो एक कदम भी आगे बढ़ने में डर रहे है कहीं उनकी गलती से निम्मी को कुछ ना हो जायें ….
छुटकी…..पवन(बहनोई ),,ये पुलिस क्यूँ आयीं है इस बखत घर …. सब कुछ तो सही चल रहा…. कुछ किया है का पवन ने….
निम्मी की माँ बोली….
निम्मी के बापू भीगी बिल्ली की तरह खंभे से चिपके खड़े है ….
इन्होने नहीं तुम्हारी छोरी से पूछो ….और क्या क्या गुल खिलायेगी…
और इस राजू से पूछो….. क्यूँ लाया है पुलिस को यहां………. गलती उसकी कम तुम्हारी छोरी की ज्यादा दीख रही जीजी…… एक यार गांव में छोड़कर आयीं…… एक यहां शहर में….. देख कैसे दोनों इसकी रक्षा करने आयें है …. ऐसी छोरी किसी को न दे भगवान… इसे अच्छा तो बाँझ ही रहे औरत… हां नहीं तो…
निम्मी की मौसी बोली…
तुम लोग इस 16 साल की बच्ची का बाल विवाह करवा रहे हो… और सोच रहे कि इतनी आसानी से कर लोगों…. ज़माने चले गए बाल विवाह के…. ये एक कानूनन अपराध है … ज़िसकी कड़ी से कड़ी सजा दी ज़ाती है … समझे… ऊपर से इस मौसा पर…
पुलिस आगे बोलती इस से पहले ही मौसा ने सबसे बाहर जाने का इशारा किया …..
निम्मी को भी मौसी के पास भेज़ दिया ….
निम्मी अपना हाथ छुड़ाने का प्रयास कर रही है …. पर निम्मी के बापू और उसकी माँ ने भी निम्मी को कसके जकड़ लिया है … उसे घसीटकर बाहर ले जाया जा रहा है ….
तेरा तो ब्याह कराके रहूँगी……कौन से बुरे कर्म किये मैने जो तू मेरी कोख में आयीं…… तेरा असर मेरी बाकी छोरियों पर भी पड़ेगा …. तू चली जायें घर से तो गंगा नहा ले हम….
निम्मी को घसीटते हुए उसकी माँ बोलती जा रही है …..
मौसा ने बन्दूक अब रिंकु पर तान ली है …
वो रिंकु को लेकर बाहर आ रहा है …
रिंकु की माँ की सांसे थम सी गयी है …
तभी पुलिस,, राजू, और सर जी अपने कदम बढ़ाते है ….
एक कदम भी आगे बढ़ाय़ा तो इसे मार डालूँगा ….
मौसा चिल्लाया….
साहब….. मेरे बच्चे को बचा लो…. मना किया था इसे इनके चक्कर में मत पड़ ……. वो तो बस भला करने चला था इस लड़की का….. मेरे लड़के की जान पर ही बन आ गयी….
रिंकु की माँ पुलिस वालों के हाथ जोड़ रही है……
हाथ से इशारा कर राजू रिंकु की माँ को शांत और धैर्य रखने का आश्वासन देता है …
जैसे ही मौसा रिंकु को लेके बाहर आता है … रिंकु को धकेलकर वो गाड़ी में बैठ जाता है …
गाड़ी फुल स्पीड में चल देती है ….
तभी राजू सर जी के साथ बाइक पर बैठता है …
पुलिस वाले भी जीप में बैठ मौसा की गाड़ी का पीछा कर रहे है…
तभी राजू बजरंग बली का नाम लेता है ….
मौसा की गाड़ी पता नहीं क्यूँ अचानक से रुक ज़ाती है ….
आगे से पुलिस ने भी गाड़ी को घेर लिया है …
तभी एक गोली फिर चलती है … जो मौसा चलाता है …
यह क्या गोली तो…..
खून जमीन पर पानी की तरह बह रहा है ….
आगे की कहानी कल…. आज का पार्ट थोड़ा छोटा है …. आज ज़रूरी काम से जाना पड़ा …
तब तक के लिए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
आप सभी को अंग्रेजी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
अगला भाग
एक प्यार ऐसा भी …(भाग -12) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा