तनु को अपनी मां से काफी लगाव था एक तो वो घर मैं बड़ी थी और लड़की होने के नाते कुछ लगाव अलग ही होते है और उसके दोनो भाई छोटे थे तो उन्हें भी खुशी होती की दीदी मां के साथ उनका भी ध्यान रख रही है ।
तनु की शादी के बाद भी मां के प्रति लगाव कम नहीं हुआ था वो रोज मां से बात करती और कुछ भी जरूरत होती तो ससुराल से आ जाती उसका पति कुशल भी उसको समझता था तो कभी मना नहीं करता इस तरह ही दिन गुजर रहे थे फिर भाई की शादी हो गई तनु को थोड़ी राहत मिली लेकिन फिर भी वो अपनी मां को देखने आ ही जाती।
एक दिन उसकी भाभी रेणु ने सास को तनु से बात करते सुना की अपनी जायदाद मैं से हम तीन हिस्से करेंगे तू भी बराबर हकदार है ।आखिर सेवा तो तू ही ज्यादा करती है तेरे पापा ने ही ये फैसला लिया है ये सुनकर रेणु को जलन हुई की इनको हिस्सा क्यों मिले उसके दिमाग मैं बैठ गया की दीदी जायदाद के लालच मैं ही आती है ।तनु कुछ बोलती तब तक वो अपने पति को बोलने चली गई।
तनु बोली मां मुझे किसी चीज की कमी नही है मुझे आपका आशीर्वाद ही चाहिए बस ।आप दोनो भाई
को ही दे दो बस सबका प्यार बना रहे ।
रेणु ने जा कर अपने पति संजय से सारी बात बड़ा चढ़ा कर बताई की दीदी अपना हिस्सा मांग रही थी इसलिए वो मां ,पिताजी की नजर मैं अच्छी बनी हुई है बरना हम क्या उनका ध्यान नहीं रखते ।
रेणु ने देवर राजेश को भी अपनी बातों से भड़का दिया कल तक जो बहन का ख्याल रखना उन्हे सुकून देता था अब वो मतलबी लगने लगा ।
आज तनु जा रही थी तो रेणु बोली दीदी आप मांजी की चिंता मत करो हम उनका ध्यान रख लेंगे आप फालतू परेशान होती हो ।
तनु को सुनकर खुशी हुई की रेणु अपनी जिम्मेदारी समझ रही है उसने आना कम कर दिया।
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इस बात को एक साल निकल गया अब भाई भी कम ही फोन लगाते तनु ही मां से बात कर लेती।
आज पता चला की मां गिर गई है और उन्हें पंद्रह दिन बिस्तर से हिलने की भी मना किया है ।तनु बोली मैं यही रुक जाती हूं ।रेणु घर के काम के साथ मां को कैसे देखेगी ।
रेणु बोली नहीं मैं देख लूंगी भाई भी बोले दीदी आप रहने दो ये दिखावा करना ।
सुनकर तनु को बुरा लगा बोला इसमें दिखावा कैसा वो मेरी भी मां है ।राजेश बोला हमें पता है ये सब आप जायदाद के लिए कर रही हो ताकि आपको ज्यादा हिस्सा मिल सके ।
उसकी बातें सुनकर तनु का खून खौल उठा बोली
हर किसी की नजर मैं रिश्ते की कीमत नहीं होती कुछ रिश्ते लगाव से भी जुड़े रहते है मैने तो पहले ही मना कर दिया अपना हिस्सा लेने से ।और तुम लोगों को तो मिल रहा है तो तुम भी लालच मैं सेवा कर रहे हो क्या।
समझ नहीं आता लड़कों को हिस्सा अपने आप मिलता है और लड़की के लिए लालच और रिश्ते टूटने की वजह क्यों बन जाता है ।ठीक है मैं चली जाती हूं करो तुम लोग सेवा और तनु जाने लगी
तब मां बोली तू इनकी बातों का बुरा मत मान जब तक हम है ये तेरा घर है ।
तीनों मुंह लटकाए खड़े थे ।अनजाने मैं उन्होंने दीदी का दिल दुखा दिया
स्वरचित
अंजना ठाकुर