अपने बच्चों को ऐसे अंकलों से बचाइए – संगीता अग्रवाल

चार साल की नन्ही टिया भागते हुए अपने प्यारे रवि अंकल की गोद में आकर बैठ गई…रवि अंकल ने भी जेब से चॉकलेट निकाली और टिया को गाल पर किस्सी करने का इशारा किया टिया ने भी झटपट किस्सी कर दी। पर ये क्या अंकल ने जल्दी से चेहरा घुमा लिया और गाल की जगह उनके होठ आ गए टिया के होठों के नीचे टिया ने एक दम मुंह पीछे कर लिया। उसके चेहरे के बदलते रंग देख रवि मुस्कुरा दिया और उसने चारो तरफ देखा टिया के पापा राहुल का ध्यान उसकी तरफ नही था और उसकी मम्मी नीलिमा रसोई में चाय बना रही थी।

उसने टिया को अपनी गोद में भींच लिया और उसकी जांघें मसलने लगा …धीरे धीरे उसका हाथ टिया की फ्रॉक में जाने लगा टिया को ये सब अच्छा नही लगा …. ” रवि अंकल ये बेड टच होता है !” अचानक टिया उसकी गोद से उठकर बोली।

” क्या हुआ बेटा ..?” नीलिमा चाय लेकर आती हुई बोली जबकि राहुल फोन पर था तो उसने कुछ सुना ही नहीं।

” अरे कुछ नही भाभी जी बच्ची को शायद चॉकलेट पसंद नही आई … हेना बेटा !” रवि हंसते हुए बोला और नीलिमा की नजर बचा टिया को आंखे दिखाई जिससे टिया सहम गई।



” टिया वैसे ही आप बहुत चॉकलेट खाते हो ऊपर से अंकल से भी और भाई साहब आप भी इतना मत बिगाड़िए इसे !” नीलिमा हंसते हुए बोली।

” अरे भाभीजी हमारी तो जान है हमारी बिटिया !” रवि टिया को खुद से और चिपकाते हुए बोला।

” सच रवि तू वाकई टिया को कितना प्यार करता है और ये भी तेरे साथ कितना खुश रहती है !” तब तक राहुल भी फोन से निमट कर बोला।

जवाब में रवि मुस्कुरा दिया टिया उसकी गोद से उतर अपने कमरे में चली गई। आज उसे अपने रवि अंकल का उसे इस तरह छूना अजीब लग रहा था बेड टच लग रहा था क्योंकि स्कूल में मैडम ने गुड टच बेड टच के बारे में बताया था तो टिया समझ गई ये बेड टच है। क्या उसे मम्मी को बताना चाहिए …वो उलझन में थी। नही अचानक उसे अंकल की वो आंखे याद आई और वो सहम गई।

अब अक्सर रवि अंकल आते और उसे बेड टच करते। टिया अब खुश होकर उनकी गोद में नही जाती थी बल्कि उनसे दूर भागती उनके आते ही कमरे में छिप जाती थी।

” क्या बात है भाभीजी आजकल टिया हमारे पास नही आती ना चॉकलेट मांगती है आपने मना किया है क्या उसे ?” एक दिन रवि बोला।

” अरे नही भाई साहब बच्ची है मूडी है … मैं अभी बुलाती हूं उसे !” नीलिमा चाय रख टिया को बुलाने गई।

” मम्मा मै नही जाऊंगी अंकल के पास वो बेड टच करते हैं !” टिया को बुलाने गई नीलिमा से टिया चिल्ला कर बोली।

” क्या मतलब ?” नीलिमा हैरानी से बोली।

” हां मम्मा टीचर ने बताया जब कोई आपको बाहर से आया इंसान यहां …यहां छुए तो वो बेड टच है और अंकल मुझे यहां बहुत जोर से छूते हैं मुझे अच्छा नहीं लगता इसलिए मैं नही जाऊंगी उनके पास !” ये बोल टिया चादर में मुंह छिपा रोने लगी। उसकी बात सुन नीलिमा सकते में आ गई क्या टिया सच बोल रही है पर वो झूठ भी क्यो बोलेगी इतनी सी बच्ची ऐसा क्यों कहेगी ….जरूर कुछ तो बात है। अगर टिया की कही बातें सच्ची हैं तो मेरे घर में मेरी नाक तले एक भक्षक मेरी बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाने को तैयार बैठा है मुझे अपनी बच्ची को बचाना होगा साथ ही उसका भयानक चेहरा सबके सामने लाना होगा पर ऐसे तो वो अपनी गलती स्वीकार करेगा नही राहुल भी उस पर शक नहीं करेगा क्योंकि लंगोटिया यार जो है वो उसका। मुझे ही कुछ करना होगा।



” बेटा तुम रो मत चलो तुम टॉयज से खेलो !” नीलिमा ने कहा और बाहर आ गई। 

” भाई साहब टिया को नींद आई थी वो सो गई आप कल आइएगा उससे मिलने भाभी जी को भी साथ लाइएगा बहुत दिन हो गए उनसे मिले हुए !” बाहर आ जबरदस्ती मुस्कुराते हुए नीलिमा रवि से बोली।

रवि के जाते ही उसने उसकी पत्नी मानसी को फोन किया और अपने बेटे सहित उसके घर खाने कर आने का न्यौता दिया।

अगले दिन उनके आने पर नीलिमा उनकी आवभगत में लग गई टिया अभी भी सामने नहीं आई।

” भाभी जी टिया नही दिख रही ?” आखिरकार रवि ने पूछ लिया।

” वो भाई साहब अपने कमरे में है आप खुद ले आइए उसे जाकर इतने हम खाना लगाते हैं !” नीलिमा बोली।

” ठीक है मैं लाता हूं उसे लगता है अपने रवि अंकल से नाराज़ है !”रवि उसके कमरे की तरफ चल दिया।

” भाभी जी प्लीज जो मैं आपसे कहूं उसे गलत मत समझिएगा मेरे साथ अंदर चलिए !” रवि के जाते ही नीलिमा मानसी से बोली और उसे रसोई में ले आई।

वहां उसने फोन रखा हुआ था जिसमे लाइव वीडियो चल रही थी और टिया का कमरा दिखाई दे रहा था।

” ये क्या है नीलिमा तुम ये सब क्यों दिखा रही हो मुझे !” मानसी अचरज से बोली ।



” आप बस देखिए मुझे खुद नही पता टिया ने जो कहा कितना सच है पर अभी उसका पता लगाना जितना मेरे लिए जरूरी उसे जानना आपके लिए भी जरूरी है।” नीलिमा बोली तो मानसी समझ गई कोई खास बात ही है इसलिए वो चुप रही।

” अरे टिया तुम बाहर क्यों नही आई हम तुमसे मिलने आए फिर भी !” रवि टिया के बेड पर बैठते हुए बोला रवि को देख टिया सहम गई !

” मुझे नही आना आपके पास !” टिया ये बोल लेट गई।।

” अरे ऐसा नहीं बोलते अंकल तो आपके लिए ही यहां आते है और आप है कि नखरे दिखाते हैं !” आखिरी शब्द बोलते बोलते रवि के स्वर सख्त हो गए और उसने झटके से टिया को गोद में बैठा लिया फिर जो उसने किया मानसी और नीलिमा दोनो के लिए हैरान कर देने वाला था। मानसी की नजर तो शर्म से झुक गई।

रवि टिया को गोद में ले उसके निजी अंगों को छेड़ रहा था टिया उसकी गोद से छिटक रही थी तो वो भद्दी हंसी हंस रहा था। नीलिमा के लिए अब बर्दाश्त से बाहर हो गया था सब वो फ़ौरन टिया के कमरे की तरफ बढ़ी पीछे पीछे मानसी भी चल दी उन दोनो को टिया के कमरे में जाता देख राहुल भी वही चल दिया। उनको आया देख रवि सकपका गया ।

नीलिमा कुछ बोलती उससे पहले ही मानसी ने आगे बढ़कर खींच के चांटा मारा रवि को।

” मानसी तुम्हारी इतनी हिम्मत !” रवि दांत पीस कर बोला।

” तुम्हारी नज़र गंदी है औरतों को ताड़ती है उनका सानिध्य ढूंढने की कोशिश करती है ये बात तो मै शादी के बाद ही जान गई थी किंतु ये आज पता लगा की तुम तो वो हैवान हो जो बच्ची को भी नही छोड़ता …छी … थू है तुम पर तो !” मानसी नफरत से बोली तब तक नीलिमा ने बेटी को गोद में उठा खुद से चिपटा लिया था। 



” भाभी आपने रवि से ऐसा क्यों कहा क्या किया है इसने ऐसा ….और ये थप्पड़ क्यों?” राहुल हैरान हो बोला।

” मैं बताती हूं …..!” नीलिमा बोली और उसने टिया ने जो उसे बताया और आज जो उन्होंने देखा वो सब राहुल को बताया।

” झूठ झूठ है टिया मेरी बच्ची है मेरे वंश जैसी है मेरे लिए तो !” रवि एक दम से बोला।

” नाम मत लो मेरी बच्ची का अपनी गंदी जुबान से .. हमने सब अपनी आंखों से देखा है !” ये बोल नीलिमा ने वहां छिपा कर रखा फोन निकाला जिसे वो रवि के आने से पहलेछिपा गई थी वीडियो कॉल से कनेक्ट कर अपने फोन में । रवि फोन को देखते ही नजर चुराने लगा।

” साले तुझे दोस्त माना इज्जत दी और तू मेरे घर की इज्जत मेरी मासूम बेटी के साथ ये घिनौना कांड कर रहा था !” राहुल रवि का गिरेबान पकड़ उसे दो थप्पड़ लगाता हुआ बोला। रवि की पोल खुल चुकी थी इसलिए उसका सिर झुक गया।

राहुल और नीलिमा तो रवि को पुलिस को देना चाहते थे पर मानसी के बहुत विनती करने पर उन्होंने ऐसा तो नहीं किया पर रवि को घर से धक्के दे निकाल दिया।

बाद में मानसी ने रवि से तलाक़ ले लिया क्योंकि उसकी हर गलती को माफ करती मानसी के लिए इस गुनाह को माफ करना असम्भव था।

दोस्तों हमारे आपके चारों ओर कुछ रवि जरूर होंगे जिनकी हमारे मासूमों पर गंदी निगाह होगी। आपके घर उनका बेधड़क आना भी होगा जो उनके हौसले को बढ़ा रहा होगा उन्हे पहचानिए और अपने बच्चों को रवि जैसे अंकलो से बचाइए वरना कही देर ना हो जाए। 

आपकी दोस्त

संगीता

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