उर्मिला अग्रवाल और मीरा जायसवाल दोनों अड़ोसी पड़ोसी थे । दोनों की उम्र में कोई आठ दस साल का अंतर होगा मतलब मीरा छोटी थी अग्रवाल भाभी से । उर्मिला भाभी का ऐसा सोचना था कि मैं जो काम करती हूं वैसा मुहल्ले में कोई कर ही नहीं सकता। वैसे तो वो बहुत फ़ूहड़ किस्म की महिला थी ।
लेकिन किसी की कोई तारीफ उनको अच्छी नहीं लगती थी ।एक बार मेरे घर पर किटी पार्टी थी तो मैंने सूजी के उत्तपम बनाए तो किटी की दूसरी मेम्बर ने पूछा लिया बड़े अच्छे लग रहे हैं मंजू कैसे बनाएं।तो तपाक से उर्मिला भाभी बोली पड़ी अरे इसमें क्या है बनाने में दही में सूजी घोलो और बना लो मेरे घर तो रोज बनता है ,
जबकि किटी पार्टी में सिर्फ पूड़ी सब्जी और पकौड़े हु बनते हैं और कुछ नहीं ।एक बार दोसे बनाए थे तो दोसे के बैटर में खाने वाला सोडा डाल दिया और उसको बनाना मुश्किल हो गया वो तवा से चिपकता ही नहीं था। मतलब किसी की तारीफ वो सुन नहीं सकती ।
इसी तरह मीरा जायसवाल की उनसे हर बात पर तकरार होती है।उस दिन पार्टी में चर्चा चल रही थी तो मीरा बोली मैंने तो रामायण , शिवपुराण,दो दो बार पढ़ लिया और अब भागवत कथा पढ़ रहे हैं ।और जो कुछ उसमें लिखा होता है दान पुण्य करने को वो सब भी कर देते हैं ।
क्या है अब इस उम्र में तो यही सबकुछ करना चाहिए।तो उर्मिला भाभी बीच में ही बोल पड़ी अरे तुमने तो दो बार ही पढ़ी हम तो पढ़ते ही रहते हैं कोई गिनती नहीं है इसी लिए इतने समय से किटी पार्टी छोड़ रखी थी (कुछ समय से किटी छोड़ रखी थी )अन्य मेम्बर्स के बार बार कहने पर फिर से शामिल हुई है ।
अब क्या किटी विटी करना ये उम्र तो भगवान का नाम लेने की है ।और हम लोग तो इतना दान पुण्य करते हैं कि दूसरा कोई दे नहीं सकता।और दान देकर तो बताना नहीं चाहिए दान तो इस हाथ से दो तो दूसरे हाथ को पता न चले वो होता है दान। जबकि ऐसा नहीं है उर्मिला भाभी और उनके पति नाम के ही भूखे हैं ।
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काश ॽ मैरा नाम हो जाए स्टेज पर मेरा नाम एनाउंस हो जाए । मीरा जायसवाल बोली अभी हमारे समधी ने भागवत कथा कराई थी तो मैंने भी 21, हजार दे दिया था तो तपाक से उर्मिला भाभी बोली तुमने तो 21, ही दिया हमने तो 51, हजार दिया बस अब तो नहले पर दहला।
अग्रवाल भाभी के दो बेटे और एक बेटी है बड़े बेटे और बेटी के दो दो बेटियां हैं बेटा नहीं तो बेटे के लिए उर्मिला भाभी लालायित रहती है कि कब पोता हो जाए तो मैं सबको लड्डू बांटे और बढ़िया पार्टी करें।अब छोटे बेटे की शादी करनी तो भगवान ने उनकी सुन ली उसके बेटा हो गया।अब कहां गए लड्डू पता नहीं जब भी मिलती है अब लड्डू की बात तो नहीं होती लेकिन पार्टी की होती है पार्टी करनी है पोता नौ साल का हो गया पार्टी अभी तक न हुई।
खुद के बच्चे जब बड़े हो जाते हैं शादी के बाद फिर ऐसा फंक्शन नहीं बचता कि करो फिर तो पोते पोतियों का फंक्शन रह जाता है । अभी मेरे बेटे को जुड़वां बच्चे हुए थे पहली सालगिरह पर हमने पार्टी की थी । वहां पर मीरा जायसवाल और उर्मिला भाभी में तकरार हो गई ।
मीरा बोली ऐसे नाती पोतों के जन्मदिन की पार्टी कर लो तो अच्छा लगता है और सबका मिलना जुलना भी हो जाता है ।अब मैं अपनी छोटी बेटी के बेटी जब दस साल की हो जाएगी तो पार्टी करेंगे सबको बुलाएंगे। तभी तपाक से उर्मिला भाभी बोली पड़ी तुमने कब पार्टी करनी थी क्यों भाभी जी दो साल पहले अपने पोते की पार्टी नहीं की थी कब की थी
तुमने पार्टी हमें तो नहीं बुलाया था , कैसी बात कर रही हो भाभी जी मुहल्ले में सबको तो बुलाया था ।तो उर्मिला भाभी बोली हमें तो याद नहीं। फिर उर्मिला भाभी बोली मीरा से अभी तुमने अपनी शादी की सालगिरह की पार्टी करनी थी तो नहीं बुलाया सिर्फ भंडारे में ही बुलाया था ।
तो मीरा बोली हां भंडारे में सबको बुलाया था और पार्टी में भाभी जी सिर्फ घर के लोग और मेरे कुछ नजदीक के लोग ही थे । तभी उर्मिला भाभी बोली देखो बुलाया करो तो सबको बुलाया करो हमें तो देखो मैं कुछ करती हूं तो किसी को नहीं छोड़ती सबको बुलाती हूं मेरे घर तो कुछ न कुछ होता ही रहता है।
इस तरह की तकरार उन दोनों की आपस में चलती ही रहती है ,जो कभी-कभी बहस का रूप ले लेती है। फिर तीसरे को बीच में पड़कर मामला को शांत करना पड़ता है। कुछ लोगों की आदत होती है अपने आपको सुपर मानने की । फिर वो किसी की बात सुनने को तैयार नहीं होते फिर आप चाहें जितना समझाए । अपने आपको तो ऐसे झमेलों से दूर रहने की आदत है आपकी क्या राय है बताइएगा।
धन्यवाद
मंजू ओमर
झांसी उत्तर प्रदेश