रति के देवर निकुंज की की शादी बहुत धूमधाम से हुई… नई बहू राशि जब ससुराल आई तो दूसरे दिन रिसेप्शन की तैयारी चल रही थी। दस साल बाद इस घर में शादी हो रही थी… रति की शादी के समय तो रिसेप्शन में ऐसे ही घर के ड्राइंग रूम को हल्का सजाया गया था और वही सोफे पर नया जोड़ा बैठ गया था…
रति को भी घर पर ही महिलाओं ने क्रीम पाउडर लगा तैयार कर दिया था,लोग बाग आए तोहफ़े दिए खाए और चल दिए थे पर निकुंज के पिता और बड़े भाई ने इस बार एक हॉल बुक किया था….बहुत लोगों को न्योता भी दिया गया था साथ ही राशि को तैयार करने के लिए एक लड़की घर पर ही आने वाली थी ये सब उसकी जेठानी रति ने उसे बता दिया था ।
रिसेप्शन वाले दिन वो लड़की जब राशि को तैयार कर रही थी राशि शीशे में खुद को देख बार बार बोल रही थी,“ देखिए मैं कभी इतना मेकअप नहीं की हूँ… शादी में भी मैंने बहुत हल्का मेकअप करवाया था जो मुझ पर खिल रहा था … आप इतना गहरा मेकअप नहीं करिए।”
उस लड़की ने जिसका नाम जाह्नवी था बोली,“ भाभी आप चिंता मत करिए… आप अच्छी लगेगी ।” कहते हुए उसने आँखों को बंद करने कहा और उसपर मेकअप करने लगी…
राशि तैयार होकर जब खुद को देखी तो बोली,“ जाह्नवी आपने कुछ ज़्यादा ही भारी मेकअप नहीं कर दिया है ,मुझे तो लग ही नहीं रहा ये मैं हूँ… प्लीज़ कम कर दीजिए ना।”
पर वो कहाँ सुनने वाली थी… ,“ भाभी आपको पता नहीं है वहाँ टीवी पर दिखोगी आप …ऐसे में लाइट मेकअप करूँगी तो अच्छा नहीं लगेगा….. बहुत अच्छी लग रही हो ।”
तभी कमरे में रति आई…उपर से नीचे देख ठीक लग रही हो ऐसे इशारा कर चलती बनी
जाह्नवी तैयार कर जाने लगी तभी निकुंज आ गए
“ तो भैया कैसी लग रही है भाभी…. मैंने अच्छे से तैयार किया है ना?” जाह्नवी ने पूछा
एक मुस्कान चेहरे पर ला निकुंज राशि को देख हामी भर दिए।
जाह्नवी कमरे से जब चली गई तो राशि ने पूछा,“ सच सच बताइए ना निकुंज कैसी लग रही हूँ…. वैसे मुझे अपना शादी वाला हल्का मेकअप पसंद आया था पर यहाँ पर इसने लीपा पोती कर दिया बोलने से सुन भी नहीं रही थी ।”
“ अरे ठीक लग रही हो… हाँ शादी के समय से ज़्यादा मेकअप लग रहा है पर अच्छा ही किया होगा उसने अब मुझे कहाँ मेकअप का आइडिया… भाभी से नहीं पूछा?” निकुंज ने कहा
“ हाँ एक बार वो आई थीं तो ठीक है बोल कर चल दीं।” राशि ने कहा
“ज़्यादा सोचो मत अच्छी लग रही हो भाभी ने कहा है तो ठीक ही होगा।” निकुंज ने कहा और कमरे से चल दिया
राशि नई नई क्या कर सकती थी मन मसोस कर रह गई क्योंकि कोई उसे समझ ही नहीं रहा था ।
रिसेप्शन हॉल में ससुराल के तरफ़ के लोग आ चुके थे उसे तो अपने मायके से आने वाले लोगों का इंतज़ार था…
कुछ देर में बहुत लोग उसके मायके से पहुँच गए…
“ ये क्या किया दीदी पूरा पाउडर का डिब्बा लगा कर बैठी हो?” उससे छोटे भाई ने राशि को देखते ही टोक दिया क्योंकि उसने बहन को कभी मेकअप में जो नहीं देखा था
उसने हौले से अपनी माँ को पास बुलाकर पूछा,“ माँ बहुत अजीब लग रही हूँ क्या?”
“ बहुत ज़्यादा मेकअप कर दी है… किसने किया तैयार?” माँ ने पूछा
“ माँ वो पार्लर वाली इन लोगों की पहचान की थी ज़बरदस्ती लीपा पोती कर दी मैं मना भी कर रही थी तो भी तारीफ़ कर कर के किए जा रही थी उपर से इनसे और भाभी से पूछी तो कहते ठीक है … अब बताओ मैं क्या करती?” राशि रुआँसी हो गई
तभी माँ ने राशि की चचेरी बहन को पास बुलाया और बोली,“ बेटा राशि का मेकअप थोड़ा ठीक कर दो …. इन लोगों ने मेरी बेटी को जाने क्या बना दिया है… सब देख कर हँस ही रहे होंगे सारी शक्ल सूरत बिगाड़ कर रख दिया उसने ।”सुमिता जी को भी ग़ुस्सा आ रहा था
चचेरी बहन ने रूमाल ले थोड़ा सा मेकअप बराबर कर दिया जिससे राशि अब ठीक लगने लगी तभी उसकी जेठानी पास आई और बोली ,“कोई बात है क्या?”
“ हाँ वो दीदी को जिसने तैयार किया इतना लीपा पोती कर दी कि वो हमारी दीदी लग ही नहीं रही ।” छोटे भाई ने कह ही दिया
रति सुमिता जी के चेहरे को देख समझ रही थी कि राशि की मम्मीको भी ये पसंद नहीं आया है वो बोली ,“अब हमें ये पार्लर वाले मेकअप का कोई आइडिया तो है नहीं जैसा उसने कहा हम मान गए… उपर से वो बहुत पहले से कह रखी थी नई भाभी को मैं तैयार करूँगी….. हम कुछ कह नहीं पाए दरअसल वो लड़की निकुंज जी के भैया के दोस्त की बहन है जो नया नया ही ये सब सीखी है ।”
“ इसलिए ही तो नौसिखिए से करवाने का हरजाना मेरी बेटी को देख कर समझ आ रहा है… बिना मेकअप ही ज़्यादा अच्छी लगती जिसे मेकअप से सुन्दर बनाना हो मेकअप की ज़रूरत उसको होती।” सुमिता जी बोली
” हाँ मैं समझ रही हूँ आपकी बेटी है ..।” रति कह कर माफी माँग कर चल दी
जो होना था हो चुका था…. हॉल में लोग देख चुके थे…. पर जब रिसेप्शन की तस्वीरें राशि ने देखी सिर पीट ली… ज़िन्दगी में फिर पार्लर जाकर मेकअप करवा कर सुन्दर दिखने से अच्छा है अपने असली रूप में रहना भगवान जाने क्यों हम अपने चेहरे पर मेकअप की परत लगा उसे बदसूरत बना देते हैं ।
दोस्तों ये एक हक़ीक़त है जिसे कहानी का रूप दे दी…. मैं ये बिलकुल नहीं कह रही हूँ कि मेकअप ख़राब होता है पर सब पर सब मेकअप जँचता ही हो ये ज़रूरी नहीं है….और किसी ख़ास मौक़े पर नए से मेकअप करवा कर राशि ने यही जाना कि अपने हिसाब से करवाना ज़्यादा सही था उसकी बात मान कर अपना ही चेहरा बिगाड़ लिया था ।
ये मेरे विचार है आपके विचार इससे इतर हो सकते हैं और मैं उसका सम्मान करती हूँ ।
धन्यवाद
रश्मि प्रकाश
Yeah toh sahi hai makeup se acha real face hota hai.