कुछ दिन पहले सीमा मायके आई हुई हैं ।भाईयो की एक ही बहन हैं सीमा इसलिय उसे भरपूर प्यार सम्मान तथा उसके हर जिद को पुरा करते हैं घर वाले माँ बाबुजी भी उसपर जान छिड़ाकते थे इन सब चीजो को सीमा ने गलत रुप से अपनाया हुआ था उसे लगता था मायके की हर चिज पे उसका अधिकार हैं वह भाईयो को जो भी बोलेगी भाई वह करेंगे उसकी हर इच्छा पूरी होगी।
सीमा के भाई की नई नई शादी हुई थी इन कुछ महिनो मे सीमा कितने बार अपने मायके आ चुकी थी उसकी भाभी भी समझ चुकी थी उसके ससुराल मे ननद रानी का बडा ही बोलबाला हैं रसोई की कोई भी चिज आचार हो या बड़ी वह तो बिन बोले ही माँ के प्यार के रुप मे उसे मिल जाता हैं साथ मे वह हर चिज मिलती हैं जो शौक से वह लोग खरीदते हैं उसमे भी ननद रानी का भी हिस्सा रहता हैं उदहारण के तौर पे एक दिन सीमा के भैया और भाभी मार्किट गए तो भाभी अपने लिए कुछ चीजे खरीदी मेकाअप का समान नेलपोलिस इत्यादी तो भैया ने कहा सीमा के लिए भी कुछ ले लो भाभी ने ननद रानी के लिए भी कुछ चीजे ले ली।
भाभी ने जब सीमा को सारा समान दिखाया और सीमा के लिए ली चीजे जब सीमा को दिखाई तो न जाने सीमा का मुँह बन गया वह बोल पड़ी भाभी मुझे तो आपकी चीजे ज्यादा पसंद आ रही हैं मैं वह नेल् पेंट और क्लिप ले रही हुँ आप यह वाला ले ले सासु माँ और पतिदेव चुप चाप देखने लगे कोई कुछ भी नही बोला सभी सीमा की आदतो से वाकिफ थे उसकी भाभी मन मारकर चुप रह गई।
“भाभी अब से जो भी लाये मेरे लिए अपनी तरह ही लाए मेरे लिए समझे ना” कहते हुए सीमा एक कुटिल हँसी हसने लगी”
भाभी समझ चुकी थी ननद रानी का स्वभाव वह अब कहीं भी कुछ खरदती तो ननद के लिए भी खरीद लेती थी चाहे घर के जरुरी समान हो या कपडे प्रसाधन इत्यादी।
भैया भाभी की शादी की सालगिरह थी कुछ विशेष प्रोग्राम था नही चूँकि सीमा घर की बेटी हैं इसलिए उसे बुलाया गया हैं रात को सभी होटल मे एक साथ खाना खाने गए फिर देर रात घर लौटकर सो गए।
सीमा के दिल मे बार बार ख्याल आ रहे थे भैया ने भाभी को क्या दिया सिर्फ फुलो का गुल्दस्ता!
सीमा जब सुबह उठी तो भाई सब्जी के लिए बाजर जा चुका था भाभी बाथरुम मे नहा रही थी इसी बिच सीमा उनके कमरे मे जाकर चारो तरफ नज़र दौडने लगी ड्रेसिंग टेबिल पर एक छोटा सा लाल रंग का बॉक्स था उसमे सोने का झूमके थे सीमा गुस्सा के तमतमकार बाहर चली गई जोर अवाज से माँ को बुलाने लगी”माँ माँ देखो तेरा बेटा बहू कितने चालक हैं सबके सामने फुलो का गुल्दस्ता छुप छुपाकर सोने के झुमके तेरी बहू कितनी सयानी हैं देखो हमसे छुपाया हम सब क्या पराये हैं वह न जाने क्या क्या बोल कर माँ को उकसाने लगी इसका कोई हिसाब नही।
भाभी नंद की जोरो की आवाजे सुनकर जब दौडी आई तो सास ने बहू पर सारा गुस्सा उडेल दिया “तुमने मेरे बेटे को बदल दिया वह तुम्हारे लिए गहने बनवाता हैं और हमे खबर तक नही होती कल बाहर घुमने ले जाना सबको बाहर खिलाना सब कुछ ढोंग था सबको अपनी खुशियो मे शामिल करना सब कुछ ढोंग था “
माँ आप गलत समझ रही हैं मुझे नही पता था इस गिफ्ट के बारे मे “
“भाभी आप झूठ मत बोलो मेरे भैया कभी भी हमसे कोई बात नही छुपाते वह बेशक आप को सरप्राइज गिफ्ट देते लेकिन हमसे नही छुपाते”
भाभी समझ चुकी थी ननद रानी ने सारा बखेडा (गुल खिलाना) खडा कर दिया हैं।माँ मैं सुबह आप लोगो को दिखाने ही वाली थी भाभी माँ के पास जाकर बोलने लगी तभी सीमा फिर से बोल पड़ी “हमे दिखाने से क्या हम ले लेते”
तभी भैया की अवाज गूँज पड़ी”हां मुझे डर यही था की कहीं तुम मुझसे इसी तरह के झुमके की मांग न कर बैठो क्युंकि मैं तुम्हारी भाभी को उसके विशेष अवसर पर यह झुमके देना चाहत था जो सिर्फ उसी के पास हो ,सच कहुँ तो दो दो जोड़े मैं इस महंगाई के बाज़ार मे करवा भी नही सकता,मैं बदला नही हुँ सिर्फ एक और रिश्ता मेरे साथ जुड गया हैं उसकी हर खुशी का ख्याल रखना मेरा फर्ज हैं।मैं तुम्हारी हर इच्छा आज भी पूरी करूंगा लेकिन हर रिश्ते की अपनी जगह हैं इसलिए अपनी भाभी को गलत बोलना बन्द कारो मैने इसे यह गिफ्ट आधी रात को दिया था तभी उसने कहा था सुबह को दीदी मांजी को दिखना है तब तक तो सीमा ने बखेडा कर दिया”
माँ ने स्थिति संभालते हुए कहा बेटा हमसे गलतफहमी हो गई सीमा गुस्सा के तमतमते हुए अपने कमरे मे चली गई।भाभी भी पिछे सीमा के पास गई “दीदी इनकी बातो का बुरा न मानिये इन्हे तो समझ ही नही कैसे बात करते हैं रिश्ते कितने नाजुक होते हैं आप को अगर पसंद हो यह झुमके, तो ले लिजिए “
नही मुझे यह झुमके नही चाहिये यह भैया ने आपके लिए बनाया हैं इस पर आपका अधिकार हैं अब समय के साथ हर रिश्ता बदलता हैं साथ मे उसका महत्व भी यह मैने समझने मे देर कर दी गलती मेरी है “
अच्छा अच्छा बहुत हो चुका इतनी बाते मत कर तुझे भाई दूज मे इसी तरह के झुमके दिला दूँगा”
नही भाई सच मे मुझे कुछ नही चाहिये सिर्फ प्यार देना अब से मैं भी ऐसा कुछ नही करूँगी की आप लोगो से मेरा रिश्ता खराब हो, कहते हुए सीमा अपने भाभी से गले मिलने लगी जिसे देखकर पास मे खड़ा भाई उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा”मैने भी तेरा दिल दुखने वाली कोई बात की हो तो माफ करना।
आराधना सेन