बहू बहू है उसे बेटी जैसी क्यो बनाना – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” माफ़ करना मम्मीजी पता नही कैसे उठने मे देर हो गई !” नई बहू तान्या पल्लू संभालती हुई रसोई मे आई और सास सुलोचना जी से बोली।

” कोई बात नही बेटा इसमे माफ़ी वाली कौन सी बात है शादी कि रस्मो के कारण तुम थकी थी थोड़ा ज्यादा सो ली तो क्या फर्क पड़ गया कोमल ( सुलोचना जी की बेटी ) तो देखो अब तक नही उठी …लो तुम अपने और अनिकेत के लिए चाय ले जाओ !” सुलोचना जी हंस कर बोली।

” मम्मी जी आपने चाय बनाई है !” तान्या शर्मिंदा होते हुए बोली।

” कोई बात नही बेटा जैसे मेरे लिए कोमल वैसे तुम भी मेरी बेटी समान ही तो हो!” सुलोचना जी बोली तो तान्या मुस्कुराते हुए चाय की ट्रे लेकर चल दी।

” तान्या बेटा ये क्या साडी ऊपर से ये पल्लू अरे तुम हमारे लिए कोमल जैसी हो तो जैसे वो रहती है वैसे रहो !” तान्या जब तैयार होकर आई तो सुलोचना जी बोली” पर मम्मीजी नई बहू तो ऐसे ही अच्छी लगती है ना !” साडी की शौकीन तान्या बोली असल मे उसे ये सब शुरु शुरु मे करना अच्छा लग रहा था।

” बेटा तुम हमारे लिए बहू नही बेटी हो बिल्कुल कोमल की तरह तो हम चाहते है तुम उसकी तरह ही रहो बल्कि मैं तो कहूँगी तुम कोमल का सूट पहन लो फिर बाद मे नए सूट ले आना अनिकेत के साथ जाकर !” सुलोचना जी बोली।

तान्या जिसे शुरु मे बेटी की तरह हो सुनना अच्छा लग रहा था अब थोड़ा इस शब्द से चिढ सी होने लगी । उसे ऐसा लग रहा था मानो बेटी बनने के चक्कर मे उसकी पहचान ही खोती जा रही है। हर बात मे उसे ननद कोमल जैसा कहा जा रहा है तान्या इसमे कही गुम सी हो रही है । वो इस घर की बहू है कितने चाव से वो बहू बनने की तैयारी कर रही थी कितनी प्रैक्टिस की थी साडी पहनने की सिर पर पल्लू रखने की क्योकि उसे लगा था शुरु शुरु मे यही सब करना पड़ेगा उसे अच्छा भी लग रहा था ये सब पर उसे यहां बहू तो कोई मान ही नही रहा था सब बेटी जैसी कोमल जैसी कर रहे थे। हालांकि तान्या को तो खुशी होनी चाहिए कि उसे यहां सच मे बेटी माना जा रहा है पर उसे ये समझ नही आ रहा था बहू को बेटी क्यो माना जा रहा है उसे बेटी वाले नही बहू वाले लाड चाहिए थे क्योकि बेटी तो वो पिछले 25 साल से थी और उस घर की तो अभी भी बेटी ही है


” तान्या बेटा जाओ कोमल बुला रही है तुम्हे !” तभी सास की आवाज़ से वो अपनी सोच से बाहर आई।

” जी मम्मीजी !” तान्या बोली।

” मम्मीजी नही मम्मी बोलो जैसे कोमल बोलती है अब तुम भी मेरी बेटी हो और मैं तुम्हारी मम्मी !” सुलोचना जी बोली।

” भाभी लो आप ये सूट पहनो आप पर बहुत अच्छा लगेगा !” तान्या जब कोमल के कमरे मे पहुंची तो कोमल एक सूट देते हुए बोली।

” कोमल मुझे साडी मे कोई दिक्कत नही है आप परेशान मत हो !” तान्या प्यार से बोली।

” भाभी ये सूट पुराना नही है बस एक बार का पहना हुआ है फिर भी आप चाहो तो कोई ओर सूट देख लो !” तान्या बोली।

” कोमल आप मेरी ननद है आपका पुराना सूट पहनने मे मुझे दिक्कत नही पर मुझे साडी पहनना अच्छा लग रहा है । वैसे भी एक आप ही तो है जो मुझे भाभी बुलाती है तो मुझे एहसास होता है कि नए रिश्ते जुड़े है मुझसे वरना तो ..।” तान्या बोली पर फिर कुछ सोच चुप हो गई।

” वरना तो क्या भाभी ?” कोमल ध्यान से तान्या के चेहरे को देखते हुए बोली।

” कुछ नही चलिए बाहर चलते है !” तान्या बात टालते हुए बोली पर कोमल उसके चेहरे की उदासी देख समझ गई थी बहुत कुछ।

” तान्या , कोमल देखो बेटा कौन आया है !” दोनो कमरे से निकल ही रही थी कि सुलोचना जी की आवाज़ सुनाई दी। दोनो बाहर आई तो देखा कोमल की ताई जी मधु जो पड़ोस मे रहती थी आई है । तान्या ने उनके पैर छुए और चाय नाश्ता लेने चली गई


” और सुनाओ सुलोचना बहू के साथ कैसी निभ रही है ?” मधु जी बोली।

” बस भाभी बढ़िया निभ रही है वैसे भी मैने तो इसे कोमल की तरह अपनी बेटी बना लिया है क्यो बेटा !” सुलोचना जी बोली तभी वहाँ तान्या आ गई!

” मम्मी कितना आप बेटी बेटी करो पर बेटी तो इस घर की मैं ही रहूंगी भाभी तो बहू ही रहेंगी ना मेरी जगह थोड़ी ना ले लेंगी !” कोमल अपनी भाभी का चेहरा पढ़ते हुए एकदम से बोली।

” ऐसा नही बोलते बेटा तान्या भी अब इस घर की बेटी ही है और वो तुम्हारी जगह थोड़ी ना ले रही है !” सुलोचना जी बोली।।

” कोमल मुझे आपकी जगह लेनी भी नही आप इस घर की बेटी हो ओर रहोगी मुझे तो बहू बनना है क्योकि बेटी तो मैं हूँ पहले से और मैं चाहती भी यही हूँ मेरी पहचान एक बहू के रूप मे बने यहां आपके जैसी बेटी की नही ।” तान्या आख़िरकार बोल ही पड़ी।

” पर बेटा ..!” सुलोचना जी कुछ बोलने को हुई ।

” मम्मी ठीक तो बोल रही है भाभी हर वक़्त कोमल जैसी कोमल जैसी सुनकर उन्हे भी तो अजीब लगता होगा मुझे कोई बार बार ऐसा बोले तो मुझे भी बुरा लगेगा । मम्मी क्यो नही कोमल कोमल जैसी हो और तान्या तान्या जैसी । एक बेटी एक बहू दोनो का अपना वजूद दोनो की अपनी पहचान !” तान्या के कुछ बोलने से पहले ही कोमल बोल पड़ी।

” नही कोमल ऐसी बात नही बस वो ..!” तान्या ने ये बोल सिर झुका लिया।

 ” भाभी आप गलत नही हो हर रिश्ते का अपना वजूद होना ही चाहिए मैं खुद शादी के बाद किसी की बेटी नही बहू बनना चाहूंगी क्योकि नए घर मे नया रिश्ता जीना चाहूंगी । वैसे भी बहू होना क्या गलत होता जो बार बार उसे बोला जाता तुम हमारी बेटी जैसी हो अरे बहू है वो बहू ही मानो ना !” कोमल बोली।

” शायद तुम सही कह रही हो कोमल हम लोग बहू को बेटी जैसी बोल बोल ये दिखाते मानो बहू होना गलत है । क्यो नही उसे बहू बनाते क्योकि वो बहू है बेटी जैसी नही ! वैसे भी उसने बेटी का प्यार तो इतने साल पाया है आगे भी पायेगी पर ससुराल मे उसे बहू वाला प्यार मिलना चाहिए अब हम अपनी बहू को उसके हिस्से का बहू वाला प्यार देंगे क्योकि बेटी वाला देने को तो कोमल है ना !” सुलोचना जी तान्या के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली।

” ये बिल्कुल सही बात कही तूने सुलोचना हमें बहू को बहू के रूप मे ही स्वीकार करना चाहिए जिससे ससुराल मे उसका अपना भी वजूद रहे वो बेटी जैसी ना बनकर रह जाये !” ताई जी बोली।

” हां भाभी और तुम बहू अब तुम्हे बहू वाला और कोमल को बेटी वाला प्यार ही मिलेगा पर हां दोनो को गलती होने पर डांट भी मिलेगी अपने अपने हिस्से की।” सुलोचना जी हंस कर बोली तो तान्या और कोमल दोनो उनके गले लग गई।

दोस्तों अक्सर ससुराल मे बहू को बेटी जैसी बेटी जैसी बोल उसका वजूद गौण कर दिया जाता है जब बहू लाये है तो उसे बहू वाला प्यार दीजिये ना बेटी तो वो पहले से किसी की है ही। बहू को बहू समझ उसको अपना अस्तित्व बनाने दीजिये ससुराल मे क्योकि सिर्फ बेटी कहने या उसकी तरह बहू से व्यवहार कर के ही तो आप अच्छे ससुराल वाले नही बन जाते बात तो तब है जब बहू को ससुराल मे अपनी जगह मिले । वैसे भी बहू शब्द मे क्या खराबी है जो उसे बेटी जैसी बनाना

आपकी दोस्त
संगीता अग्रवाल 

4 thoughts on “बहू बहू है उसे बेटी जैसी क्यो बनाना – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi”

  1. Sahi Mayne me to bahu Asli beti hoti jo Budapest ka Sahara hoti hai hai apni bety to paraie ho jati hai jab vah apni grahasti sambhal letihai aur apne bachon me aur apne Sasural me kho jati hai

    Reply
  2. Actually Jo mile woh achha nahi lagta, jo na mile woh achha lagta hai. Kismat hoti hai jinko beti ki tarah samjha jata hai. Yahan bhi problem dhoond hi Li.

    Reply

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!