फैसला – स्मृता पी श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

अनुष्का, एक मेधावी, सूंदर अपने मम्मी पापा के आंखों का तारा थी| हमेशा मम्मी पापा की हर बात को एक आज्ञाकारी बच्ची की तरह मानते हुए इस जमाने में भी बाहरी दुनिया से बचते हुए पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहती|  अपनी इच्छा से सजना सवरना और टीचिंग की।  अपनी मर्यादा में रहते हुए कभी प्यार मोहब्बत में नहीं पड़ी।  मम्मी पापा ने समय के साथ जवान होती बेटी के लिए बहुत सोच विचार कर एक लड़का विराट, जो की अच्छी आय इंजीनियर, सरकारी नौकरी और छोटे से परिवार का था।  उसे अनुष्का के लिए पसंद किया। 

 विराट बहुत ही सुदर्शन, संस्कारी, परिपक़्व, जिम्मेदार, अपने मातापिता और परिवार के प्रति समर्पित लड़का था।  वह भी कभी किसी लड़की की प्यार मोहब्बत में नहीं पड़ा था।

 सब देख समझ कर ही दोनों की सहमति से शादी तय कर दी गयी।  समय के विपरीत आदर्शो को मानते हुए शादीसगाई के बीच समय कम होने के बावजूद उन लोगों के बीच कभी संवाद नहीं हु आ ।  शादी अच्छे से संपन्न हो यी| धीरेधीरे उन लोगों की झिझक भी मिट गई। साल के अंदर ही अनुष्का ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया ,उसका नाम महक रखा|

अब दोनों फिर उसकी परवरिश में व्यस्त हो गए| विराट अपने ऑफिस में और दोस्तों के साथ व्यस्त रहता, अनुष्का की जरूरत को अपनी समझ से स्वयं ही पूरी कर देता, कभी भी अनुष्का को अपने फैसलों में शामिल नहीं करता, चाहे किसी जगह जाना हो घूमना हो या रिश्तेदारी आदि में फैसले स्वयं ही लेता।  कभीकभी अनुष्का को अतिथियों के आने के बारे में भी देर सबेर ही पता लगता, उसका काम सिर्फ जिम्मेदारी पूरी करना होता | विराट को दिखावा करना या सार्वजनिकरूप से  परिवार के बीच अनुष्का से बोलना हंसना पसंद नहीं आता था। 

 धीरेधीरे समय बीतता रहा अब महक 5 साल की हो गई, स्कूल जाने लगी। 

 अनुष्का भी उसकी पढ़ाई लिखाई में व्यस्त हो गयी।  लेकिन समय बीतते अनुष्का विराट की आदतों से परेशान होने लगी।  अब परिवार में एक नन्हा मृदुल भी शामिल हो गया,|

सब ठीक ही चल रहा था।  किंतु बहुत मशीनी हो रहा था।उसे बहुत घुटन महसूस हो रही थी l वह बाहर जाकर काम करना चाहती थी l लेकिन बच्चों की वजह से वह बाहर निकाल कर काम भी नहीं कर सकती थीl अनुष्का दूसरे जोड़ों को हंसते खिल

 खिलाते देखकर यह चाहती थी कि विराट भी दूसरे लोगों की तरह उसके साथ खुश रहे पर विराट को हाथ में हाथ डाले घूमने बाहर खाना मॉडर्न कपड़े पहनना आदि चीजों को ओछी कह कर हमेशा सार्वजनिक रूप से दूरी बनाकर रखता, विराट हमेशा एक परिपक्व जिम्मेदार और  गंभीर ही बना रहता |अनुष्का जिसे बचपन से जवानी तक हमेशा सर्व गुण

 संपन्न बनने की इच्छा थी, लेकिन अब वह आजकल की लड़कियों की तरह पति के साथ सार्वजनिक रूप से हंसना बोलना और मॉडर्न कपड़े पहनाना चाहती थी ,जो की शादी से पहले वह गलत और मर्यादा के प्रतिकूल समझती थी वह भी अपने सभी अरमान पूरे करना चाहती थी। 

एक बार अनुष्का ने अपनी एक सहेली से अपने मन की बात साझा की, सहेली ने उसे विराट से अपनी बात करने का सुझाव दिया। अनुष्का ने विराट से सब कुछ साझा किया और बताया कि अब वह सब कुछ करना चाहती है जो उसे कभी गलत लगता था विराट ने भी इस बारे में सोचा, प्यार तो वह भी अनुष्का से बहुत करता था   फिर उन दोनों ने अपने बच्चों को नाना नानी के पास एक हफ्ते के लिए भेज दिया।  विराट ने ऑफिस से छुट्टी लेकर मुंबई की फ्लाइट और होटल की बुकिंग करवा ली ।  हफ्ते भर अनुष्का को मनपसंद शॉपिंग, घूमना आदि करवाया।  फिर एक बार दोनों ने एक दूसरे को नए 

सिरे से देखा और महसूस किया | अपने मन की सारी बातें ईमानदारी से एक दूसरे के साथ हमेशा साझा करने का फैसला लिया। 

 दोनों घर लौटते लौटते एक दूसरे के मन के भी काफी करीब गए थे | विराट ने अनुष्का को 

अपने फैसलों में शामिल करना शुरू कर दिया |अब वह कभीकभी मॉडर्न कपड़े लाकर अनुष्का को आग्रह कर पहनने की इच्छा जाहिर करता| अब चारों विराट अनुष्का महक मृदुल बहुत खुश हैं  

 मोरल ऑफ़ स्टोरी पति पत्नी को समय के साथ अपने व्यवहार में आए बदलावो को अपने साथी के साथ ईमानदारी से साझा करना चाहिए, जिस से समय के साथ उनका रिश्ता और भी मजबूत बंधन बन सके|

Smrita P Srivastava

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