“खुल कर बताओ मनीषा क्या हुआ ? मैं तुम्हारी डॉक्टर हूँ “डॉक्टर नीरजा ने मनीषा से कहा। मनीषा को समझ में नहीँ आ रहा था कि वो उसे क्या बताये , कैसे बताये कि कल रात उसके अपने पति ने उसके साथ जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाये जिसके कारण उसका शरीर ही नहीँ मन भी घायल हो गया था । कल रात ही वह अपने पति के साथ अपने मायके से वापिस आई थी। उसके पिता के देहांत के दस दिन के अंदर ही भाई ने भी आत्महत्या कर ली थी । दोनों की अंतिम क्रिया के बाद रात बारह बजे के क़रीब वो घर पहुँचे थे ।
मनीषा तो आते ही बेडरूम में चली आई थी। मगर पति सुनील अपने माता पिता के पास घन्टा भर बात करने के बाद जब बेड रूम में आये तो मनीषा थक कर सो चुकी थी । आते ही सुनील ने जब उसे छूने की कोशिश की तो उसने हाथ हटा दिया । जिससे सुनील को गुस्सा आ गया था उसने मनीषा के साथ जबर्दस्ती करनी चाही तो मनीषा दर्द से चिल्ला उठी उसके कपड़े खून से भर गये थे । “तुम आदमी नहीँ जानवर हो “मनीषा दर्द से चिल्लाये जा रही थी उसने ख़ुद को बाथरूम में बंद कर लिया था।
सुनील शर्मिंदा सा खड़ा उसे बार बार दरवाजा खोलने को कह रहा था। इतने में उसके सास ससुर शोर सुन कर उठ कर आ गये। वो सुनील से पूछने लगे क्या हुआ है। “कुछ नहीं हुआ ,आप जाकर सो जायें “सुनील ने कहा। वो अपने कमरे में चले गये।
“मुझे माफ कर दो, मनीषा “
मनीषा ने दरवाज़ा खोल दिया। वो जानती थी कि सुनील का उसको hurt करने का कोई इरादा नहीं था। मगर जो होना था हो चुका था।
अगली सुबह सुनील उसे ख़ुद डॉक्टर के पास ले गये थे। मनीषा अपनी डॉक्टर से बात कर रही थी। सुनील को उन्होंने बाहर वेटिंग रूम में बैठने को कहा। “फिक्र मत करो मनीषा ,यह घाव पांच छः दिन में ठीक हो जायेंगे। मेरे पास तो ऐसे cases रोज़ आते हैं। तुम तो अभी तीस साल की हो ,मेरे पास अक्सर पचास से ऊपर की महिलायें भी आती हैं जिनके पति उनके साथ संबंध बनाते समय उनकी मानसिक स्थिति की बिल्कुल परवाह नहीं करते। हमारे घरों में कभी इन विषयों पर बात ही नहीं होती।
हम अपने बच्चों की शादी तो धूमधाम से कर देते हैं मगर उनको इस विषय की आधी अधूरी जानकारी होती है।इसलिये पुरुषों को यह पता ही नहीं होता कि स्त्री की इच्छा या अनिच्छा का भी आदर करना होता है। पति अक्सर इसे एकाधिकार समझते हैं। धीरे -धीरे स्त्रियाँ संकोच वश हालात से समझौता कर ही लेती हैं ,विडंबना तो यह है कि इस समस्या का कोई समाधान भी नहीं। यह है तो marital rape ही मगर पुरुषों की दृष्टि से देखा जाये तो अक्सर महिलायें बच्चे होने के बाद उनको पालने में और घर की अन्य जिम्मेदारियां निभाने में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि अपने पति के लिये टाइम नहीं निकाल पातीं। शारीरिक और मानसिक बदलाव महिलाओं में जल्दी आ जाते हैं।
दाम्पत्य जीवन में ठंडापन आ जाने के कारण पुरुष कई बार aggressive भी हो जाते हैं। अगर विदेशों की देखादेखी इन बातों पर विवाह टूटने लगेंगे तो 90% शादियाँ टूट जायेंगी।”
“कितना बिल हुआ ?”सुनील ने पूछा। “500 रुपये ” “सुनील ने बिल चुकाया और मनीषा के साथ घर को चल दिये जैसे कुछ हुआ ही न हो।
अनु “इंदु “