अब तक आपने पढ़ा…..
गौरव के इज़हारे इश्क़ करने के बाद अनुराधा उस पर गुस्सा करती है… गौरव, राहुल, और मीरा अनुराधा को लेकर भरद्वाज मेंशन आ जाते हैं
अब आगे…..
सबसे मिलने के बाद अनुराधा और नर्स को गुलाबो के साथ शांति जी उसके कमरे में भेज देती है……
गौरव सबके साथ ही बैठ जाता है…. आज भी सब ही भरद्वाज मेंशन आए हुए थे…. दीनदयाल जी ने गौरव से पूछा – क्या बताया डॉक्टर ने अनुराधा के लिए ?
गौरव ने कहा….वो अभी पूरी तरह ठीक नही है …बस उपरी तौर पर ठीक है….चोट काफ़ी गहरी है.. बस ये अच्छा हुआ कि कोई इंजरी नहीं हुयी बाल बाल बची हैं ये….डॉक्टर ने बोला है . उनको अकेले छोड़ना नहीं है और ये नर्स रहेंगी इनके साथ…
“नर्स की क्या ज़रूरत है मैं रहूँगी ना अनुराधा के साथ स्मिता ने कहा वैसे भी अब उस हॉस्पिटल में तो मैं जॉब कर नही सकती “
आपकी जॉब आपकी ही है.. हमने डॉक्टर से बात की और उनको सब बताया…. आपका रिकॉर्ड इतना अच्छा है कि डॉक्टर खुद चाहते है कि आप वहीं रहे .. वहाँ किसी को कुछ नहीं पता कि क्या हुआ था…. राहुल ने कहा
स्मिता ने हैरानी से गौरव की तरफ देखा.. गौरव ने सिर हिला कर हाँ कहा
Thank You गौरव, राहुल जी मेरे इतना सब करने पर भी आपने मेरे लिए…
अरे वो सब छोड़ो …आप तो ये बताओ कि
अनुराधा जी को ठीक होने में कितना समय लगेगा क्योंकि कोई बहुत बेसब्री से उसके ठीक होने के इंतज़ार में है – राहुल ने गौरव की तरफ देखते हुए पूछा
उसके पास बैठी हुयी मीरा ने इस बात पर ज़ोर से उसके पैर पर मारा
उफ्फ क्या कर रही हो मीरा ? राहुल ने अपने पैर को सहलते हुए पूछा
तभी दीनदयाल जी ने कहा – राहुल लेकिन ऐसा कौन है जिसको अनुराधा का इंतज़ार है ?
कोई नही बाबा ये तो ऐसे ही बकवास करता रहता है… बस ये पूछना चाह रहा है कि इसको इस बार मैं कहाँ भेजूं – गौरव ने राहुल को घूरते हुए कहा ….
चलो आप सबकी बातें हा गयी हो तो खाना खा लें शांति जी ने कहा
जी बिलकुल…दीनदयाल जी कहते हुए उठे और बाक़ी सब
भी |
खाना खाने के बाद कणिका, स्मिता और मीरा अनुराधा के कमरे में आते है ..नर्स ने अनुराधा को भी खाना खिला
दिया था ……..वो बैठी हुयी थी…. सबको अपने कमरे में एकसाथ देख कर अनुराधा खुश हो गयी
अब ठीक लग रहा है अनुराधा… कणिका ने पूछा
हम्म ठीक है
स्मिता कमरे के कोने में खड़ी हुयी थी… अनुराधा ने धीरे से उसका नाम लिया लिया…स्मिता
स्मिता उसके पास गयी और हाथ जोड़ कर उस से माफ़ी मांगने लगी.. अनुराधा ने उसके हाथ को अपने हाथ में लेते हुए कहा…. सब ठीक है और आपको माफ़ी मांगने की कोई ज़रूरत नही है… स्मिता की आँखों में नमी तैर गयी
अरे यार फिर से ये सब नही कणिका ने स्मिता के आंसू पोंछते हुए कहा
हाँ अब बहुत हुआ ये सब… अरे सब कुछ ठीक है किसी को कुछ नही ..चलो अब मुस्कुरा दो ….अभी तो तुम्हें हमारी अनुराधा को ठीक करना है…हॉस्पिटल के चक्कर में कही इनको ना भूल जाना….मीरा ने कहा
मैं भूलने नहीं दूँगी मीरा तुम चिंता मत करो.. कणिका ने कहा
तभी किसी ने दरवाज़े पर knock किया… नर्स ने दरवाज़ा खोला तो कमिशनर साहब थे उनके साथ गौरव ,राहुल और दीनदयाल जी भी थे
मीरा, कणिका और स्मिता एक तरफ हो गए
कैसी है अनुराधा आप ? – कमिशनर साहब ने पूछा
ठीक हूँ सर…
बहुत बहादुरी दिखायी आपने…. I am proud of you .. हमारे सारे department को आप पर गर्व है.
सर क्या मैं अपने घर जा सकती हूँ… अनुराधा ने दीनदयाल जी की तरफ देखते हुए कहा
“बिलकुल भी नहीं शांति जी ने कमरे में आते हुए कहा … जब तक तुम पूरी तरह ठीक ना हों जो तब तक बिलकुल भी नहीं जाने देंगे हम…
राहुल ने गौरव से धीरे से कहा – लो तुम्हारी तो मुराद पूरी हो गयी अब तो कोई इनको जाने ही नही देगा… तो इसके retrun मे हमें क्या मिलेगा… ?
अंडमान का टिकट गौरव ने बिना उसकी तरफ देखे हुए कहा वैसे तुमने किया क्या है?
राहुल बस उसे मुह बना के देख रहा था…
कमीशनर साहब ने शांति जी की बात पर हँसते हुए अनुराधा की तरफ देखते हुए कहा – लो अब तो कुछ नहीं कह सकते.. जब तक शांति जी आपको जाने की इजाज़त ना दे दें..
वैसे जाना ही क्यों है ? आप तो मेरी सेक्योरिटी के लिए आयी थी ..जब तक मैं ना कहूँ आप जा ही नहीं सकती गौरव ने मुस्कुराते हुए कहा
हाँ ये बात तो सही है…. कमिशनर साहब ने कहा
अनुराधा ने गौरव की तरफ घूर कर देखा तो गौरव हँस रहा था…
चलो अब इनको आराम करने दो और स्मिता आप देख लेना ज़रा सब ठीक है ना… दीनदयाल जी ने कहा
जी मैं देख लूँगी ….स्मिता ने कहा
सब अनुराधा के कमरे से बाहर आ गए… कमिशनर साहब सबसे मिल कर वापस चले गए
राहुल के मम्मी पापा और सुरेंद्र जी भी अपने घर चले गए थे…
मीरा, राहुल, कणिका, स्मिता सब को गौरव ने रोक लिया था वो सब रात तक रुकने वाले थे…
वो सब नीचे ही दूसरे कमरे में बैठे हुए थे… अनुराधा अभी सो ही रही थी…
कणिका ने कहा…. बहुत ही brave है अनुराधा… कुछ भी कहो कमिशनर साहब ने सही कहा था
हम्म सच में – स्मिता ने कहा … मान गयी मैं अनुराधा को
मीरा ने कहा हाँ सही कहा .. Rahur तुम क्यों चुप हो…वैसे तो बड़ा गाना गाते रहते हो इस situation पर कोई गाना नही है
गौरव हँस दिया तो राहुल ने गाया
दोस्त दोस्त ना रहा… प्यार प्यार ना रहा
हम किसी के ना रहे… कोई हमारा ना रहा
ये क्या इतना दुख भरा गाना… मीरा ने कहा
अब गायेगा ही ना दुख भरा सबके सामने जो बकवास कर रहा था ये .. गौरव ने कहा
मीरा ज़ोर से हँसी और बोली… सही है इस बार क्या सज़ा है…
तुम ना बस मज़ाक बना लो मेरा… राहुल ने बुझे हुए मन से कहा… सब इसी का साथ देते है मेरे मम्मी पापा भी..
हाँ तो तुम उन्हें अपनी तरफ कर लो कुछ अच्छा करके गौरव ने कहा
अरे ये हा क्या रहा है बंद करो ये बहस.. गौरव मैं क्या कहती हूँ कि अब सब ठीक है चलो ना party करते है मेरे घर पर
तुम्हारी party ना बाबा ना इतना loud music और बेकार के लोग मैं तो नहीं जाने वाला राहुल ने कहा
अरे इस बार कोई नही बस हम लोग एक छोटा सा family get together..वो तो कर सकते है?
ठीक है लेकिन पहले अनुराधा को ठीक होने दो गौरव ने कहा
Ok… कणिका ने मुस्कुराते हुए कहा
ऐसे ही बातों में शाम से रात हो गयी… रात को खाना खा कर और अनुराधा से मिलकर मीरा,राहुल, कणिका और स्मिता चले गए |
अपने कमरे में जाने से पहले गौरव अनुराधा के कमरे में गया…. उस वक़्त नर्स रूम में नही थी….
गौरव ने अनुराधा से पूछा नर्स कहाँ है वो आपको अकेला छोड़ कर कैसे गयी… ?
अनुराधा ने उसकी तरफ देखा और बोली वो किचन में गयी है पानी लेने और वो यहीं है सुबह से आप बे वजह गुस्सा हो रहे है
गौरव अनुराधा के पास आया तो अनुराधा थोड़ा पीछे हो गयी…
क्या हुआ….जिसकी बहादुरी के चर्चे हो रहे है वो मुझसे डर रही हैं? गौरव ने कहा
अनुराधा ने अपने मन में कहा हज़ार दुश्मनों से लड़ लूँ मैं……. लेकिन ये जब मेरे नजदीक आते है तो पता नही क्यों डर लगता है कब क्या कर दें इनके दिमाग़ का भरोसा नही ?
क्या हुआ क्या सोचने लगी आप ?
कुछ नहीं….
चलें आप लेट जाएं इतना बैठना आपके लिए ठीक नही है…. वैसे भी आज आपने ठीक से rest नहीं किया कहते हुए गौरव उसके और नजदीक आ गया
मैं… मैं लेट जाऊँगी आप..
उसने इतना कहा ही था उस से पहले ही गौरव ने उसका तकिया ठीक किया और उसे लेटने में हेल्प करने लगा…. अनुराधा को उसके ऐसे पास आने से कुछ घबराहट सी हो रही थी उसके दिल की धड़कन बढ़ गयी थी…. वो कुछ कह ही नही पा रही थी
गौरव ने उसे ठीक से लिटाया.. ठीक है उसने पूछा
हम्म ….अनुराधा ने छोटा सा जवाब दिया
गौरव ने बड़े प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा मुस्कुराया और बोला good night…
सुबह मिलते हैं….
नर्स पानी ले कर आ गयी थी… जाते – जाते गौरव ने अनुराधा को मुड़ कर देखा एक फ्लाइंग किस की और मुस्कुराते हुए बाहर निकल गया…
मैं ठीक होती ना तो अभी बताती इनको … अनुराधा ने मन में सोचा और अपनी आँखे बंद कर ली|
गौरव अपने रूम में पहुँचा उसने चेंज किया और बेड पर आ कर लेट गया … उसने अपना मोबाइल खोला और pics देखने लगा जो मीरा ने function वाले दिन की भेजी थी…. उसमें से एक pic जो अनुराधा की थी… उसको देख कर गौरव के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी… वो बोला जितनी आप काबिल ऑफिसर हो उतनी ही ज़िद्दी भी हो…. लेकिन मैं आपसे थोड़ा ज़्यादा ज़िद्दी हूँ….. उसने फोन साइड में रखा और सो गया
अगले दिन अनुराधा ने अपनी आँखे खोली तो गौरव उसके पास चेयर पर बैठा हुआ उसे ही देख रहा था… अनुराधा ने अपनी आँखें बंद की और बोली…. अब ये तो हद हो गयी सपने में भी मुझे डराने आ गए ये ..हे भगवान् …अरे जाओ आप कम से कम सोने तो दें मुझे
गौरव हँसा और बोला सपना नहीं हक़ीकत है…. Good morning
अनुराधा ने अपनी आँखें खोली और बोली … आप मेरे कमरे में क्या कर रहे हैं? और नर्स कहाँ है?
मैं आपके कमरे में आपको देखने आया था और नर्स को मैंने बाहर भेज दिया है
क्यों?
आप सो रहीं थी और वो ऐसे ही वैसे भी वो बैठी ही थी तो बाहर बैठ जायेंगी उसमें क्या है … आप बताएं आपको क्या चाहिए ?
अब तो उठ गयी ना मैं बुलाइये उनको
अरे मैं हेल्प कर देता हूँ ना….
कोई ज़रूरत नहीं है….मैं उठ जाऊँगी अनुराधा ने कहा और उठने की कोशिश करने लगी…
गौरव ने आगे आ कर अनुराधा को उठाया और बेड के सहारे तकिया लगा कर बैठा दिया ….अनुराधा के खुले हुए बाल उसके चेहरे पर आ गए… गौरव ने उसके बालों को धीरे से पीछे किया वो उसके थोड़ा और क़रीब गया अनुराधा थोड़ा सा पीछे हुयी और उसे देखने लगी
गौरव ने कहा “जा रहा हूँ ….शाम को मिलता हूँ ….अपना ख़्याल रखना गौरव ने उसके माथे को चूमा अनुराधा से दूर हुआ और आवाज़ दी….नर्स
मुस्कुराते हुए गौरव कमरे से बाहर निकला और किशन के साथ ऑफिस के लिए निकल गया |
भाग – 19 का लिंक
भाग – 17 का लिंक
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
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