कुछ कहते रहिए (भाग 1)- लतिका श्रीवास्तव 

हेलो बेटा हेलो….शैलजा जी मोबाइल पर कहती जा रही थीं….पर शायद उधर से कोई उनकी बात सुनकर भी अनसुना करता जा रहा था….मनोहर जी के गुस्से का  पारा बढ़ता जा रहा था….क्या हो गया है इसे जवाब क्यों नहीं देता हम लोगों की बात ही नही सुनता …इतना व्यस्त हो गया है वहां जाकर..!!जब से गया है बात ही करना छोड़ दिया है। कहीं किसी दिक्कत में तो नहीं पड़ गया है….कुछ चिंतित भी हो उठे थे वो…!

दूर जा चुका था मेरा बेटा अब परिवार से…बहुत दूर….

शैलजा जी को हठात वो दिन याद आ गया…..

……मां मुझे आपसे एक बात कहनी थी ….अगर आप फ्री हों…..वरुण की कुछ अलग सी आवाज सुनकर शैल्लाजा ने मुड़ कर देखा तो बेटा कुछ कांपता सा दिखा ..क्या बात है बेटा इतना नर्वस क्यों है तबियत ठीक नहीं है क्या….उन्होंने पूछा तो वो कुछ बोला नहीं खड़ा ही रहा…” मां वो…!हां बेटा कह दे क्या कहना चाह रहा है उन्होंने खुद ही कुर्सी पर बैठते हुए कहा

मां वो आपसे बताना चाहता था कि….फिर चुप हो गया…

अरे कोई सहेली बन गई है क्या शैलजा ने हंसकर उसकी घबराहट दूर करने की कोशिश की….

हां मां यही बताना था….मुझे आरती बहुत पसंद है मैने फैसला कर लिया है…आप लोगों को कोई ऐतराज तो नही होगा।




अवाक रह गईं थीं शैलजा।अचानक जैसे बड़ा सा पत्थर किसी ने मार दिया हो।

अरे तूने फैसला कर लिया है क्या….!

हां मां ऐसा ही है…पर आप लोग..!!!!?

हम लोग क्या!!!अगर फैसला ही कर लिया है तो फिर क्या!!हम लोग तो फैसला लेने के बाद आए ना!इतने दिनों बाद बता रहा है…..थोड़ी नाराजगी का पुट अनजाने ही मां की आवाज में आ गया था वो वरुण को हिला गया था।

मां ऐसा नहीं है मैं समझ नहीं पाता था कि आपसे ये बात कैसे कहूं….कहीं आप नाराज़ ना हो जाएं!!सकपका सा गया था वरुण जैसे कोई अपराध कर दिया हो।

बेटा इसमें नाराजगी वाली कौन सी बात है!!क्या ये कोई गलत काम है!!शादी तो तुझे ही करना है …तो फैसला भी तेरा ही रहेगा!!शैलजा के कहते ही उसने ..”मां आप पहले ये फोटो देख लीजिए  अपना मोबाइल निकालते हुए कहा!

शैलजा ने उत्सुकता से फोटो देख ली पर कहा कुछ भी नहीं।

अधीर होकर बेटे ने खुद ही बहुत आहिस्ता से पूछ ही लिया मां क्या आपको पसंद नहीं आई!!आप मिलेंगी उससे..!!

अब मेरे कुछ मिलने कहने से क्या फर्क पड़ेगा बेटा!!तेरी पसंद है ठीक है!!पापा को भी तू ही बता देना……!कहकर शैलजा जी ने मुंह घुमा लिया था..!

इतना ही काफी था वरुण के लिए मां की अनकही समझने के लिए…..हर बात मां से ही तो बेधड़क कहता आया है अभी तक वो …बचपन से अपनी मां की सांसों की रफ्तार से उनके दिल की बात समझने का अभ्यस्त वरुण आज अचानक अकेला सा महसूस करने लगा था…!

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#परिवार 

लतिका श्रीवास्तव

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