शादी की तैयारियों के बीच प्रिया दी के घर चली जाती है। शेखर दी के घर जाता है और वहां पर प्रिया के जीजा जी और शेखर शादी के बारे में डिस्कस करते हैं अब आगे डिनर के बाद जब शेखर निकलता है तो प्रिया उसे सी ऑफ करने आती है तभी उसे एक फोन आता है अब आगे-
क्या हुआ??? किसका फोन था???
ऑफिस से था।
परेशान हैं, प्रिया ने प्यार से पूछा
अरे नहीं, वो एकटक प्रिया को देखता रहा। ऐसे क्यों देख रहे हैं कुछ नहीं सोच रहा हूं आज रात कैसे कटेगी??
प्रिया ने झेंप कर मुंह दूसरी तरफ कर लिया।
नजरें फेर रही हो कहीं ऐसा न हो कि दोबारा नजर न आऊं।
मैं आपसे बात नहीं करूंगी वो गुस्से में बोली
अच्छा नजरें फेरो तुम और फिर बात करना भी बंद कर दो अजब गजब इंसाफ है तुम्हारा।
आप ऐसी बातें क्यों करते हैं??? दोबारा नजर नहीं आएंगे ईश्वर करे हर मुसीबत आप पर आने से पहले मुझ पर गुजर जाए उसका स्वर नम हो गया।
सॉरी शेखर ने गर्दन झुका ली
इतना प्यार करती हो???? इस प्यार को कभी बदलने मत देना उसने करीब आ कर उसके गाल पर किस किया और उसके हाथों को मजबूती से अपने हाथों में पकड़ लिया।
एक बात हमेशा याद रखना कि कोई भी बात हो तो पहले मुझसे पूछोगी, मेरी पूरी बात सुनोगी चाहे जैसी भी सिचुएशन हो।
शेखर आप ऐसी बात क्यों कर रहे हैं???
उसने शेखर की आंखों में झांका,
कुछ नहीं क्या इमोशनल होने का हक सिर्फ तुम्हें है???
वो जोर से हंस दिया।
पहुंच कर फोन कर दीजियेगा
अच्छा !
उसका फोन दोबारा रिंग हुआ, ओके मैं निकलता हूं सुनो! पंद्रह दिनों का अकेलापन नहीं झेल पाऊंगा बीच में तुम्हें आना पड़ेगा, मना मत करना वो उसका माथा चूम कर तेजी से बाहर निकल गया।
प्रिया भीतर आई तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
ये चल क्या रहा है??? दी ने उसके कान में कहा प्रिया इधर उधर देखने लगी ।
मैं तुमसे पूछ रही हूं दीवारों से नहीं
क्या??? प्रिया ने अनजान बनते हुए कहा
लगता है, अब अकेले रहने का मन नहीं कर रहा है।
अच्छा ही है नहीं तो शादी के बाद भी मुझे ही परेशान करती।
मेरी शादी हो गई तो क्या???? फिर भी मैं आपको परेशान करती रहूंगी,आप मुझसे छुटकारा नहीं पा सकती कह कर प्रिया ने मुंह सिकोड़ लिया।
वैसे दी जीजा जी ने शेखर को कितने पैसे दिए हैं????
उससे तुम्हें क्या मतलब है??? वो हमारे बीच का
मामला है।
दी हैसियत से ज्यादा मत कीजिएगा, आपके दो बच्चे भी हैं।
जब तक बच्चे बड़े होंगे तब तक इंतजाम हो जाएगा तू फिक्र मत कर।
शेखर का कॉल आया, उसने प्रिया को बताया कि जीजा जी ने उसे ऑफिस बुला कर फिर से कुछ चैक और कैश दिया है,
तुम्हे बताने से मना कर रहे हैं।
शेखर! जीजा जी ने कितना दिया है???
उन्होंने अपने सिर पर हाथ रखवाया है पर मुझे खुद गिल्टी फील हो रहा है।
उन्होंने अब तक सेंवटी लाख कैश के साथ चार करोड़ रूपए के चैक दिए हैं और भी देने को कह रहे हैं।
प्रिया का मुंह खुला रह गया।
वह इमोशनल होकर रोने लगी। शेखर हम लोग आपकी बराबरी नहीं कर सकते दी और जीजा जी……..
अच्छा! तुम परेशान मत हो आज शाम को मैं आ रहा हूं।
शेखर आया डिनर के बाद सब बैठे हुए थे उसने दी के हाथ अपने हाथों में ले लिए, दी आपसे एक बात कहूं आप के लिए मैं और प्रिया क्या अलग-अलग हैं???
तुम ऐसा क्यों कह रहे हो ???
क्या हुआ???
तो जीजा को मना कर दीजिए कि अब कुछ भी देने की जरूरत नहीं है।
इनफैक्ट मैं तो ये भी वापस कर रहा हूं शेखर ने चैक निकाल कर दी के हाथ में रख दिए।
शेखर ऐसा मत करो देखो मैं नाराज़ हो जाऊंगी।
आपने मुझे प्रिया को सौंपा है इससे बढ़ कर कोई और गिफ्ट नहीं हो सकता।
शेखर बड़ों का कहना मानते हैं दी ने चैक वापस उसकी ब्लेजर की पॉकेट में डाल दिए।
क्या तुम राजेश की बात का मान नहीं रखोगे???
शेखर ने मजबूर हो कर चुप्पी साध ली।
आज यहीं रूक जाओ शेखर! दी ने बड़े प्यार से कहा।
शेखर ने प्रिया की तरफ देखा प्रिया ने उसे आंखें दिखा कर मना कर दिया।
प्रिया! तुम शेखर से बात क्यों नहीं कर रही हो???
दी! मैडम को मुझे आंखें दिखाने से फुर्सत मिले तो बात करेंगी न।
तुम दोनों बातें करो मैं बच्चों को देखती हूं।
मौका पाते ही शेखर ने उसे हौले से छुआ हद है तुम भी अजीब हो लगता है तुम्हें मेरा साथ नही चाहिए।
दी से आप क्या कह रहे थे???प्रिया ने नजरें झुका ली।
ठीक है मैं जा रहा हूं।
मैंने ऐसा कब कहा? प्रिया हड़बड़ा कर बोली।
अच्छा तो तुम भी मुझे मिस कर रही हो?? फिर आंखों से डांट क्यों रही थी???शेखर ने मुस्कराते हुए उसका माथा चूम लिया।
कुछ देर की चुप्पी के बाद प्रिया ने धीरे से कहा दादी क्या सोचेंगी???
ये बात तो सही कही तुमने दादी क्या सोचेंगी??? मम्मी क्या सोचेंगी??? तुम्हारे पड़ोसी क्या सोचेंगे वह जोर से हंस पड़ा ये सारी दुनिया क्या सोचेगी कि शेखर वाधवा जोरू का गुलाम है????
ये तो हंड्रेड परसेंट सच है हूं मैं तुम्हारा….…
प्रिया ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया ऐसा न कहें शेखर!
शेखर ने उसका हाथ चूम लिया।
चलता हूं अगर तुम्हारा चेहरा कुछ देर और देखूंगा तो फिर जा नहीं पाऊंगा।
पर शादी के बाद मेरी इजाजत के बगैर कहीं नहीं जाओगी।
प्रिया ने अपनी आंख से काजल ले कर उसके कान के पीछे लगा दिया।
ये क्या कर रही हो??? बुरी नजरों से बचा रही हूं वो हौले से मुस्कुरा दी।
उसके जाने के बाद प्रिया अपने आप में खो गई उसे वो सब याद आ रहा था जब शेखर उसे पहली बार मिला था उनकी नोंक झोंक लड़ाइयां सब याद करते हुए वह इमोशनल हो गई।
एक हफ्ता बीत चुका था। सब कुछ अच्छे से हो रहा था।
ड्रेसेज के ट्रायल हो चुके थे गिफ्ट्स डिसाइड कर लिए थे।
प्रिया की सासू मां और दादी के लिए डायमंड के सेट और खूबसूरत साड़ियां ली गई। प्रिया के लिए भी एक सेट लिया गया था। प्रिया के ससुर और शेखर के लिए अरमानी के कलैक्शन से शॉपिंग की गई थी।
शेखर की फैमली ने तो प्रिया की दी, जीजा जी, दी की सासू मां और बच्चों के लिए बेइंतहा शॉपिंग कर ली थी।
आखिर वो दिन आ ही गया ।
डेस्टिनेशन वैडिंग के लिए सब जोधपुर पहुंच गए।
शादी के फंक्शन शुरू हुए।
मेहंदी में प्रिया ने बेहद खूबसूरत ग्रीन कलर का लहंगा पहना हुआ था।
एक बार फिर भाग 43
एक बार फिर भाग 41
©® रचना कंडवाल
Please next part jaldi update kr dijiyega jayada wait mt kraiyega
next part jaldi upload kijiye as soon as possible
Next part jaldi update karna plzz🙏
Next part kb aayega