विमला बड़ी बेचैनी से अपनी बेटी मोनिका और जमाई मयंक का मैरिज होम से आने का इंतजार कर रही थी बड़ी ख्वाहिश थी उनकी अपनी बेटी का विवाह देखने की उसे अपना आशीर्वाद देकर घर से विदा करने की जिसके लिए वह खुशी-खुशी विवाह की सारी तैयारी कर रही थी
इससे पहले की वें बेटी को अपना आशीर्वाद देकर विदा करती जब वह अपने रिश्तेदारों को फोन करके शादी में आने का निमंत्रण दे रही थी तभी अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था उनके पति की मौत भी दिल का दौरा पड़ने से कुछ साल पहले हो गई थी तब उन्होंने बड़ी मेहनत करके अपने बच्चों की परवरिश की थी।
बड़े बेटे विजय की शादी उन्होंने 1 साल पहले ही की थी अब बेटी की शादी करके वह अपने फर्ज से मुक्त होना चाहती थी परंतु इंसान सोचता कुछ और है और होता कुछ और है विजय ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया और उनकी देखभाल करने के साथ-साथ वह अपनी पत्नी रेखा को निर्देश देकर बहन के विवाह की तैयारी भी कर रहा था
बहन बहनोंई की ख्वाहिश के अनुसार उन्होंने शहर के एक प्रतिष्ठित मैरिज होम में शादी का पूरा इंतजाम कर दिया था अपनी मम्मी की इच्छा पूरी करने के लिए विजय ने बहन को घर से ही विदा करने का निर्णय लिया था जिस दिन बेटी की बारात आनी थी
उसी दिन ही विमला को अस्पताल से छुट्टी मिली थी वे बेटी के विवाह में शामिल होने की बहुत जिद कर रही थी पर विजय ने उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्हें घर में ही समय से दवाई लेकर आराम करने को बोल दिया था तब मन मसोस कर विमला घर पर ही रह कर बेटी का इंतजार करने लगी थी।
वरमाला और सात फेरे पडने के बाद जब विदाई की बेला आई तो विजय बहन बहनोंई को घर लेकर आ गया था ताकि उसकी मम्मी बेटी को आशीर्वाद देकर अपनी इच्छा पूरी कर सके मोनिका को दुल्हन के वेश में देखकर विमला की आंखें भर आई थी कांपते हाथों से जैसे ही उन्होंने बेटी को खुशी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देने के लिए मोनिका के सिर पर हाथ रखना चाहा तभी आधुनिक स्कूल में आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने वाली
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मोनिका गुस्सा करते हुए बोली”मम्मी मेरे सिर पर हाथ मत रखो मेरे बाल खराब हो जाएंगे” बेटी की बात सुनकर विमला दुखी हो गई थी उनका दुखी चेहरा देखकर मयंक मोनिका से बोला “किस्मत वाले होते हैं जिन्हें मां का आशीर्वाद मिलता है
तुम्हें आशीर्वाद से ज्यादा अपने बालों की चिंता है तुम्हें मम्मी से आशीर्वाद नहीं लेना तो मत लो पर मैं तो जरूर लूंगा
मम्मी जी आप मुझे आशीर्वाद दे दो” कहते हुए जब उसने विमला की तरफ मासूमियत से देखा तो विमला ने मन ही मन बेटी की सोच पर दुखी होकर जमाई को आशीर्वाद देने के लिए अपने दोनों हाथ उसके सिर पर रख कर मोनिका की तरफ देखते हुए बोली
“बच्चे कितनी भी गलती करें परंतु मां का आशीर्वाद सदैव उनके साथ रहता है मेरा आशीर्वाद है तुम दोनो का जीवन हमेशा खुशियों से महकता रहे”मम्मी की बात सुनकर मोनिका खिसियाते हुए इधर-उधर देखने लगी थी जिसके कारण उसको विदा करने के लिए आए
परिजन भी उसे सम्मान की बजाय उपहास की दृष्टि से देखने लगी थे लेकिन मोनिका पर उनके उपहास का कुछ भी असर नहीं पड़ा
क्योंकि उसे आशीर्वाद से ज्यादा ब्यूटीशियन से बनवाये गए डिजाइनर जुड़े से प्यार जो था बेदर्दी से मां के सीने को छलनी करते हुए वह मुस्कुराते हुए बाय-बाय करते हुए पति के साथ मायके की गलियों से विदा हो गई थी।
बीना शर्मा