मन की वेदना-मुकेश पटेल : hindi kahani

आज मैंने निश्चय कर लिया था कि अब साहिल के साथ मुझे 1 दिन भी नहीं बिताना है मैंने अपना सारा सामान पैक कर लिया था मैं सोच रही थी कि  शाम को साहिल के ऑफिस से घर आने से पहले ही मैं पड़ोसी को चाबी देकर इस घर को छोड़कर हमेशा के लिए चली जाऊंगी।

लेकिन जैसे ही मैंने अपने कमरे से अपना एक पैर बाहर निकाला उसी वक्त तुरंत वापस आकर अपने बेड पर बैठ गई और सोचने लगी कि क्या मैं यह जो करने जा रही हूं वह फैसला सही है क्या यह डिसीजन सही है मुझे याद आने लगा।  अपने शादी के वह पुराने दिन कितनी मेहनत से मेरे पापा ने मेरी शादी साहिल से किया था लगभग 2 साल तक कितने लड़कों को देखा तब जाकर मेरे पापा ने साहिल को पसंद किया था

क्योंकि कोई भी लड़का मेरी पापा को पसंद ही नहीं आता था हर लड़के में कोई ना कोई कमी निकल ही आता था कितनी जांच-परख करने के बाद पापा ने मेरी शादी साहिल के साथ की थी लेकिन वह क्या जिसका डर था वही  हुआ। अब मैं करूं तो क्या करूं समझ नहीं आता था साहिल भी मुझे बहुत प्यार करते थे लेकिन अब उस प्यार ने मुझे प्यार नहीं बल्कि एक दिखावा पर नजर आता था।

बात आज से 2 साल पुरानी है वैसे तो हमारी शादी के 5 साल हो गए हैं लेकिन 3 साल हमारी शादी के इतने अच्छे से बीते कि हम हर साल कोई ना कोई नया जगह घूमने जाते थे अपनी शादी को इंजॉय करते थे हमने यह भी डिसाइड किया था कि अपने शादी के पांचवें साल में बच्चे पैदा करेंगे लेकिन पांचवें साल आते-आते हमारी जिंदगी बदल गई है बदल तो आज के 2 साल पहले ही गई थी हुआ यूं कि एक दिन साहिल शाम को अपने ऑफिस से घर आए साथ में ही एक लड़की भी घर आई।



उन्होंने बोला “माया कुछ दिनों के लिए रोशनी यहीं पर हमारे साथ रहेगी।”  तब तो मैंने साहिल से कुछ नहीं बोला लेकिन थोड़ी देर बाद जब वह हमारे कमरे में आए तो मैंने उनसे रोशनी के बारे में जिक्र किया कि कौन है यह रोशनी आज के पहले तो मैंने इसका नाम भी नहीं सुना है।  साहिल ने बस इतना ही बताया यह मेरी एक पुरानी दोस्त है तुम ज्यादा इस चक्कर में मत पड़ो बस जो कह रहा हूं वह करो हमारा ऊपर वाला जो कमरा है वह खाली कर दो अभी 10-15 दिन रोशनी यही रहेगी।

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मेरा मन बिल्कुल भी सोचने पर मजबूर हो गया था कि आखिर यह रोशनी है कौन आज के पहले एक बार भी इसका नाम मैंने नहीं सुना है ना अपने रिश्तेदारी में ना इनके किसी दोस्त के लिस्ट में फिर अचानक से यह कौन है जिसके लिए इतना मेहमान नवाजी किया जा रहा है।

लेकिन मैं भी कहां मानने वाली थी मैंने भी साहिल से पूछ लिया कि जब तक आप बताओगे नहीं की रोशनी है कौन ? मैं कुछ भी नहीं करने वाली हूँ अगर आपको कमरा साफ करना है तो जाओ साफ करो ।

तब जाकर साहिल ने यह बताया कि रोशनी हमारे कॉलेज के दिनों की दोस्त है जिसकी शादी कुछ दिनों पहले ही मुंबई में हुई थी लेकिन इसे अपने पति के साथ अभी कुछ दिन पहले ही तलाक हुआ है और यह वापस हमारे शहर आगरा आई है।  बहुत जल्द ही यह अपना रहने का इंतजाम कर लेगी तब तक एक दोस्त होने के नाते यह हमारे घर पर रहेगी।

लेकिन मेरा मन मानने को तैयार नहीं था जो कहानी साहिल बता रहे हैं वह बिल्कुल सही नहीं है कोई इतना दोस्त के लिए इतना तो नहीं करता है जो भी है मैंने उस दिन तो साहिल की बात को यकीन कर के रोशनी के लिए कमरा दे दिया।



उस दिन के बाद से तो जैसे हमारे खुशियों पर ग्रहण लगना ही शुरू हो गया।  अब हमारे और साहिल के बीच में एक रोशनी नाम की कबाब मे हड्डी भी आ गई थी।  कुछ दिनों के बाद तो ऐसा महसूस होने लगा कि यह घर मेरा नहीं बल्कि रोशनी का है और मैं इस घर की मेहमान हूं।  साहिल ऑफिस से आते ही सबसे पहले रोशनी के ही कमरे में जाते थे और वहीं बैठ कर चाय पीते थे मैं तो जैसे इस घर की सिर्फ नौकरानी बनकर रह गई थी उन दोनों की सेवा करते रहो।

हर वीकेंड पर हम और साहिल कहीं ना कहीं घूमने जाते थे कोई न कोई सिनेमा जरूर  हम देखते थे लेकिन अब तो रोशनी भी हमारे साथ जाने लगी और साहिल के जस्ट बगल में रोशनी ही बैठ जाती थी जैसे साहिल की बीवी मैं नहीं बल्कि वह हो।

देखते देखते 10 दिन बीत गया लेकिन रोशनी यहां से जाने का नाम नहीं ले रही थी मैंने एक दिन साहिल से भी पूछा कब तक रहेंगी यह महारानी।  साहिल इतनी आसानी से कह दिया कि तुम्हें परेशानी क्या है आखिर हमारा कमरा खाली ही तो है वह रह जाती है तो क्या हो गया बेचारी है और असहाय इसकी सहायता करना वैसे भी एक मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए।  मुझे साहिल के यह धर्म परायण बातें अच्छी नहीं लग रही थी।

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मैंने एक दिन रोशनी से भी पूछा कि अभी आप तक आपको अपना कमरा मिला या नहीं आप बोलो तो मैं एक ही प्रॉपर्टी डीलर से बात करूं।  यह आवाज सुनते ही रोशनी जैसे हिल सी गई क्योंकि उसे तो साहिल ने यहां पर रहने के लिए ही बुलाया था। यह कह कर कि हमारे ऊपर एक कमरा खाली है वहीं पर तुम रह लो।

धीरे-धीरे रोशनी अब हमारी किचन में भी प्रवेश कर गई थी। अब तो साहिल के लिए उसकी मनपसंद खाना बनाने का अधिकार भी मुझसे छिनती जा रही थी। कल तक जिस साहिल के लिए मैं उसकी पूरी दुनिया थी आज मैं सिर्फ एक नौकरानी बनकर रह गई थी मेरी जरूरत साहिल को सिर्फ अपने कपड़े जूते आदि के लिए ही थी महीनों बीत गए हम दोनों के बीच प्यार से बातें करते हुए।

एक दिन अचानक हमारे ससुर का फोन आया कि बहु हम लोग आ रहे हैं आगरा।  तुम्हारी सासू मां का पैर में काफी दर्द है तो कुछ दिनों के लिए आगरा में ही इलाज कराएंगे फिर वापस चले जाएंगे।  यह बात सुनते ही मुझे ऐसा लगा कि भगवान ने मेरी सुन ली चलो अब कम से कम मम्मी आ जाएगी तो रोशनी नाम के बला से छुटकारा पाने का कुछ तो उपाय बताएंगी।



मैंने सोचा कि फोन पर क्या बताना रोशनी के बारे में जब वह यहां पर आ जाएंगे तो सारा कुछ देख ही लेंगे।

अगले दिन मेरे सास-ससुर सुबह सुबह ही पधार चुके थे।  वह आकर जैसे ही घर में बैठे मैं यह क्या देख रही हूं रोशनी आकर उन दोनों को पैर छू ली और उन दोनों ने भी रोशनी से बोले  रोशनी बेटा तुम कब से आई हुई हो हमें तो कुछ बहू ने बताया ही नहीं है कि तुम भी यहीं पर हो।

अब तो मैं और भी ज्यादा ही शॉक्ड हो गई थी यह क्या है यह दोनों तो रोशनी को बहुत पहले से ही जानते हैं और रोशनी भी इनको अच्छी तरह से जानती है।

थोड़ी बहुत जो रोशनी को यहां से भगाने का रास्ता था अब लगभग वह भी खत्म हो गया था।  मैंने एक दिन मम्मी जी को अकेले में देख कर आखिर पूछ ही लिया कि मम्मी आप रोशनी को कैसे जानती हैं।

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मम्मी ने बोला तुम्हें नहीं पता रोशनी के बारे में अरे रोशनी और साहिल बचपन के दोस्त हैं इनकी दोस्ती ऐसी थी कि इन्हें दोनों एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते थे बात तो यहां तक पहुंच गई थी की दोनों की शादी हो जाएगी लेकिन अचानक से रोशनी ने किसी अमीर लड़के से शादी कर कर मुंबई चली गई।

उसके बाद तो साहिल कई महीनों तक बिल्कुल ही अकेला हो गया था वह ना किसी से बात करता था ना ऑफिस जाता था बड़ी मुश्किल से उस तन्हाई से उसे हम लोगों ने निकाला था लोगों ने बताया कि अगर आप साहिल को दोबारा से नई जिंदगी देना चाहते हैं तो इसकी शादी कर दो और उसी साल हमने साहिल की शादी तुम्हारे से कर दी थी।

यह सुन मुझे बहुत ज्यादा ही अफसोस हुआ कि कितना बड़ा झूठ मुझसे छुपाया गया है साहिल  एक तरफ कहता था यह सिर्फ मेरी दोस्त थी कभी नहीं बताया कि मैं इसको बहुत ज्यादा ही प्यार करता हूं और मेरी शादी भी इससे होने वाली थी।



सासू मां ने बताया कि रोशनी की शादी होने के बाद वह अक्सर फोन पर बात करती थी और उसने इस चीज की माफी भी मांग ली थी।  सासू मां ने रोशनी को माफ भी कर दिया था और इसके तलाक के बारे में भी सासू मां को पता था लेकिन यह पता नहीं था कि वह आजकल साहिल के घर में ही रह रही है।

अब तो मुझे पूरा यकीन हो गया था कि साहिल और रोशनी के बीच में कुछ न कुछ तो जरूर है अभी तक साहिल ने मुझे आखिर रोशनी के बारे में कुछ क्यों नहीं बताया सिर्फ इतना ही क्यों बताया कि वह मेरी एक दोस्त थी दोस्त और पूर्व प्रेमिका होने में बहुत ज्यादा ही अंतर है वह मुझे इस बात को क्यों छिपाए ।

अब मैंने भी ठान लिया था कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा अब मैं एक पल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी।  क्या मेरा कोई आत्म-सम्मान नहीं है? मैं अपने मायके चली जाऊंगी कोई भी जॉब करके अपना गुजारा कर लूंगी मैं पढ़ाई में शुरू से ही टॉप रही थी मैंथ मेरे फेवेरेट सब्जेक्ट में से एक था मैं ट्यूशन पढ़ा लूंगी लेकिन अब मैं इस घर में 1 मिनट भी नहीं रुकूंगी साहिल को जिसके साथ रहना है रहे उसने मेरी शराफत का यह सिला दिया है।  मैं सोच रही थी कि जैसे ही साहिल आएंगे उनको बता कर कि मैं जा रही हूं अपने मायके और यह घर हमेशा के लिए छोड़ कर चली जाऊंगी।

शाम हुआ साहिल घर आए घर आते ही मुझसे बोले तक भी नहीं सीधे ही रोशनी के कमरे में चले गए यह बात मुझे बहुत बुरा लगा क्या मेरा इतना भी अधिकार नहीं है थोड़ी देर हाल भी पूछ लो और बस उन्होंने इतना ही कहा माया एक कप चाय बनाकर ले आना । मैं संस्कारी पत्नी जो थी मैं मना नहीं कर पाई मैंने सोचा कि चलो आखिरी चाय पिलाकर ही इस घर से विदा लेती हूं मैंने किचन में गई और चाय बनाकर जैसे ही ऊपर गई तो कमरे में जोर जोर से आवाज आ रही थी।

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रोशनी साहिल को कह रही थी साहिल मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारे प्यार को नहीं समझ पाई मुझे फिर से अपना लो मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती हूं।  मैं कमरे में के बाहर खड़े होकर उन दोनों की बातें सुनने लगी तभी साहिल की आवाज आई रोशनी तुम जानती भी हो क्या कह रही हो तुम होश में तो हो मैं एक शादीशुदा आदमी हूं और मैं अपनी बीवी माया  को धोखा देने की सोच भी नहीं सकता हूं।

वह साधारण लड़की है लेकिन तुम्हारे जाने के बाद आज मैं यहां पर खड़ा हूं तो सिर्फ माया की वजह से हूं उसकी प्यार की वजह से हूं।  रोशनी कह रही थी मुझे पता है तुम माया के साथ खुश नहीं हो हम दोनों एक हैं हम फिर से एक हो सकते हैं। साहिल रोशनी को एक थप्पड़ जोर  से लगाया, तुम्हें किसने बोला कि हम खुश नहीं हैं तुमने मेरी शराफत का गलत फायदा उठाया मुझे लगा कि तुम अकेली हो तो अपने घर में तुम्हें रहने को जगह दे दिया कि चलो कोई बात नहीं लेकिन तुमने तो मेरा घर तोड़ने पर ही लग गई।  रोशनी बोली जा रही थी प्लीज साहिल मुझे अपना लो।

साहिल जोर से चिल्लाया तुम अपनी बकवास बंद करो मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि तुम इतना ज्यादा गिर सकती हो एक तो तुमने पैसे की लालच में मुझे छोड़कर किसी और से शादी किया है अब  जब उसने छोड़ दिया तो तुम मेरी जिंदगी बर्बाद करने में लग गई हो तुमने आज तक समझा ही नहीं कि प्रेम होता क्या है जब मैं तुमसे शादी करना चाहता था तब तुम ने मुझे ठुकराया और किसी और से शादी की और तुमने बोला साहिल मैंने तुम्हें कभी प्यार किया ही नहीं तुम तो मेरे एक अच्छे दोस्त हो।

आज उसी दोस्ती के खातिर मैंने तुझे अपने घर में जगह  दिया था लेकिन तुम उस दोस्ती के काबिल भी नहीं हो तुम तो मेरा घर ही तोड़ने पर लगी हुई हो।

रोशनी इस घर से मैं धक्के मार कर तुम्हें बाहर निकालूँ इससे पहले तुम यहां से चले जाओ।  शोरगुल सुनकर मेरे सास-ससुर भी छत के ऊपर आ गए थे और मुझसे पूछने लगे बहू क्या हुआ मैंने सिर्फ इशारे में अंदर की बातें सुनने को कहा।



तब तक साहिल रूम से बाहर निकले और हम लोगों को बाहर देखते ही बोलने लगे कि मम्मी पापा देखो इस लड़की पहले भी नागिन थी और आज भी नागिन हैं नागिन का तो स्वभाव होता है डसना और वह भी पहले भी किया था और आज भी कर रही है।  मैंने इसे अच्छा समझ कर अपने घर में आसरा दिया चलो कोई बात नहीं 10 दिनों बाद इसको कहीं पर अलग रूम दिलवा कर इस को शिफ्ट करवा दूंगा और हो सके तो कहीं जॉब भी लगवा दूंगा लेकिन यह तो ऐसी डायन है जो मेरा ही घर पर बर्बाद  करने पर चली गई।

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अब यहां पर 1 मिनट भी नहीं रह सकती है।  रोशनी भी बिना किसी से बोले चुपचाप घर से बाहर निकल गई थी।  मैंने अब घर छोड़ने का ख्याल बिल्कुल ही छोड़ दिया था बल्कि मैं अपने आप को दोषी समझ रही थी कि आज अगर मैं घर छोड़कर चली जाती तो साहिल तो बिल्कुल ही टूट जाते हैं कितना प्यार करते हैं मुझे मैं उनके प्यार को आज तक समझ ही नहीं पाई।

मैं वहां से दौड़ कर सीधे अपने कमरे में आई और खूब रोइ कितनी बड़ी गलती करने वाली थी मैं तभी साहिल अंदर आए और मुझे रोते हुए देख बोले अरे माया  तुम क्यों रो रही हो क्या हो गया तुम्हें मैंने साहिल से सारी बात बता दी। कि मैंने कितना गलत समझा आपको और आज तो मैं बहुत बड़ी गलती ही करने वाली थी आज यह घर में हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जाने वाली थी।  साहिल बोले अरे पगली इतने साल में तुमने क्या मुझे इतना भी नहीं समझा मैं तुम को कैसे छोड़ सकता हूं जिसने मुझे मेरी तन्हाइयों से बाहर निकाला। माया मैं तुम्हें दिल की गहराइयों से चाहता हूं और चाहता रहूंगा ऐसा कह कर साहिल ने माया को अपने बाहों में भर लिया।

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