प्रिया और शेखर की शादी के बाद अगले दिन बहुत खुशी का माहौल होता है। शेखर के पापा कंस्ट्रक्शन बिजनेस में पहली बार कदम रखते हैं डील फाइनल होती है। डिनर के बाद सभी आपस में बात करते हैं और शादी के फंक्शन के बारे में डिसाइड करते हैं कि तभी किसी अननोन नंबर से प्रिया के मोबाइल पर कॉल आता है अब आगे-
शेखर ने प्रिया के फोन की तरफ देख कर इशारा किया।
प्रिया फोन लेने के लिए खड़ी उठी कि कॉल कट हो गई।
फिर कुछ सेकंड्स बाद दोबारा कॉल आई वही नंबर था।
प्रिया अपने रूम मे आ गई शेखर भी साथ था।
सुनिए! कोई अननोन नंबर है कोई बार बार कॉल कर रहा है।
डोंट वरी ले लो शायद कोई रॉन्ग नंबर होगा।
तब तक दोबारा कॉल आ चुकी थी, प्रिया ने कॉल रिसीव किया।
हैलो!
और कैसी रही तुम्हारी “फर्स्ट नाइट”??? पूछने वाले ने विह्सकी वॉयस में कहा।
अगर ये तुम्हें खुश न कर पाया हो तो मेरे पास आ जाओ उसके अंदर बहुत गुस्सा था।
उसकी बात सुनकर प्रिया बहुत बुरी तरह कांप उठी।
उसका चेहरा देखकर शेखर उसके करीब आ गया।
कहां है वो बास्टर्ड???
शेखर ने फोन ले लिया और स्पीकर पर डाल दिया,
कौन! तुझे बताना पड़ेगा कि मैं कौन हूं?
विक्रांत खन्ना, अट्टहास कर उठा।
नामर्द, आ गया अपनी औकात पर, अगर हिम्मत है तो
अपने नंबर से कॉल कर शेखर बुरी तरह से गरज उठा
मेरी वाइफ का नाम अपनी जुबान पर भूल कर भी मत लाना।
नहीं तो क्या??? विक्रांत खन्ना की हंसी गूंज उठी।
तू अच्छी तरह जानता है कि राजशेखर बाधवा क्या कर सकता है???
तेरी वजह से मेरी बहन ने सुसाइड अटेम्प्ट किया है।
वो अभी हॉस्पिटल में एडमिट है।
तुम दोनों भाई बहन साइको हो, हर चीज का जिम्मेदार मुझे ठहराओगे।
पर अब बात मेरी नहीं मेरी वाइफ की है, “एंड रिमेंबर” तुम्हें भुगतना ही होगा ।
दूसरी तरफ से फोन कट गया।
प्रिया के चेहरे पर डर और उसकी आंखों में आसूं थे। वह काउच पर बैठी शून्य में ताक रही थी। शेखर उसे देख रहा था। अचानक से वह उसकी तरफ बढ़ा और उसका हाथ खींच कर उसे अपने सीने से लगा लिया धीरे से उसके बालों पर हाथ फेरते हुए उसे बड़े प्यार से पूछा,
डर रही हो? प्रिया ने उसकी आंखों में झांका, शेखर! आप इतने कूल कैसे दिख सकते हैं???
रिनी ने सुसाइड अटेम्प्ट किया है।
तो क्या करूं?? दोनों मिलकर आंसू बहाएं??? उसकी चालाकियों से मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं।
वो ऐसा कुछ नहीं करेगी।
एक बात सुनो तुम यूं ही रोती रहोगी तो जान! मैं इसमें तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगा।
टाइम देखो कितनी जल्दी बीत रहा है। सारा दिन तुम्हारा इंतजार किया है और एक तुम हो कि तुम्हें मेरी परवाह ही नहीं है।
मैं जरा अभी आता हूं तुम्हारे लिए कुछ लाया था वो नीचे हॉल में ही रह गया है।
इंटरकाम पर कह दीजिए।
कुछ देर में एक खूबसूरत सा पैकेट उसके हाथ में था।
ये लो शेखर ने प्रिया के हाथ में थमा दिया।
खोलो
अभी, सुबह देखूंगी।
तो ठीक है मत देखो मेरे लिए तो अच्छा ही है वो अर्थपूर्ण दृष्टि से उसे देखते हुए मुस्कराया।
शेखर! आपके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है।
उसने बनावटी गुस्से से उसे देखते हुए पैकेट खोल दिया।
उसमें “ला पेरला” के नाइट ड्रेसेज देख कर वो शरमा गई।
उसने पैकेट फटाफट बेड पर रख दिया।
क्या हुआ??? शेखर ने उसे अपने आगोश में लेकर उसके कान को चूमा।
छि! आप ये खुद लेकर आए हैं उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया।
नहीं, अपनी एक्स को लेकर गया था।
मैं ये सब नहीं पहनूंगी
सही कह रही हो, वैसे भी कपड़े तो दीवार होते हैं।
शेखर! प्रिया ने उसे घूरा।
सुनो! अब तो तुम दी के घर चली जाओगी तो मैं तुम्हारे बगैर कैसे रह पाऊंगा????
अच्छा! आपको तो बस…… कहते हुए उसने सिर झुका लिया।
जानेमन बात अधूरी नहीं छोड़नी चाहिए कहते हुए उसने उसकी कमर पर हल्के से उंगलियां चलानी शुरू कर दी।
अचानक से उसने उसे अपने करीब किया और उसे गर्दन पर किस करते हुए मुस्कराया।
प्रिया के शरीर में सिहरन पैदा हो रही थी।
पर उसका ध्यान बार बार रिनी खन्ना की तरफ जा रहा था।
क्या सोच रही हो??? कुछ नहीं प्रिया उसकी आंखों में देखते हुए बोली।
रात को तो कम से कम ये साड़ी चेंज कर लो।
ठीक है, पर मैं वो नहीं पहनूंगी जो आप लाए हैं उसने कनखिओं से शेखर की तरफ देखा।
उसका माथा सिकुड़ गया था, हां तुम तो जब से मेरी लाइफ में आई हो तब से तुमने सिर्फ मुझे छोड़ कर बाकी सबकी बात मानी है।
तुम्हारी मर्जी मत पहनो, प्यार को ठुकराना तो तुम्हारी आदत है।
वो मुंह फेर कर फोन में बिजी हो गया।
प्रिया शेखर के गिफ्ट को पहन चुकी थी पर शर्म से बेहाल थी कि बाहर कैसे जाऊं उन्हें तो बस मनमानी करनी है।
वो बाहर जाने के लिए साहस बटोर रही थी कि अचानक से शेखर ने उसे आवाज दी
क्या रात वहीं गुजारनी है???
वो चुपचाप दबे पांव आई और जल्दी से ब्लैंकेट ओढ़ कर लेट गई।
शेखर फोन पर था।
हेलो!
कहो डार्लिंग! आज इतने दिनों बाद कैसे याद किया???
कुछ सेकेंड्स की चुप्पी के बाद
मेरी बाहें और मेरे ओंठ तुम्हारे जिस्म को मिस कर रहे हैं।
वो ठहाका मार कर हंस पड़ा।
……….. हां! शादी हो गई है पर वो तुम्हारी तरह हॉट नहीं है उसमें वो बात नहीं है।
वो साड़ी में लिपटी रहने वाली सूट पहनने वाली लड़की तुम्हारी बराबरी नहीं कर सकती।
शादी कैसे कर ली??? कभी कभी जब दिमाग काम नहीं करता तो इंसान गलत फैसले ले लेता है।
हुंअ, …..रूको कोई सुन न ले एक सेकेंड वो उठ कर बाहर बालकनी में चला गया।
इधर प्रिया को काटो तो खून नहीं, वो कांप उठी उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।
शेखर आपने मुझसे झूठ बोला, जाने कितनी लड़कियों से आपके रिलेशन हैं मैं तो सिर्फ रिनी के बारे में ही सोच रही थी।
मुझसे शादी एक गलत फैसला था।
कुछ देर तक वह बेतहाशा रोती रही।
छि! आप मुझे छू भी कैसे सकते हैं?? आज मैं………. गुस्से में उसकी मुट्ठियां भिंच गई।
वो गुस्से में उठी और धड़धड़ाते हुए बालकनी में चली गई।
उसने इधर-उधर नजरें दौड़ाई तो शेखर वहां नहीं था।
वो जोर से रो पड़ी उसने रोते हुए अपने गालों को साफ किया बड़बड़ाने लगी गलती मेरी है मुझे सोचना चाहिए था कि आपका और मेरा कोई जोड़ नहीं है।
मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकती हूं मगर बेवफाई नहीं, मैं झूठे रिश्ते को सहन नहीं करूंगी वो हताश हो कर चेयर पर बैठ गई।
क्रमशः
©® रचना कंडवाल
एक बार फिर भाग 40
एक बार फिर भाग 38
Please🙏🙏🙏🙏 ma’am thodi jldi jldi kahani ke parts upload kre itne dino ke baad nhi….
Absolutely