Moral Stories in Hindi : स्वाति कमरे में सोने गई थी पर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी फिर भी आँखें बंद करके सोने की कोशिश कर रही थी । उसी समय माँ के कमरे से चीखने की आवाज़ें सुनाई देने लगी। वे भाई को पुकार रहीं थीं रवि जल्दी आ देख तेरे पापा को क्या हुआ है ।
स्वाति,रवि और विमला तीनों भागकर माता-पिता के कमरे में पहुँचे। पिताजी हाँफ रहे थे । ऐसा लग रहा था जैसे कि उनके सीने में दर्द हो रहा हो । रवि जल्दी से डॉक्टर को फोन करके उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जा रहा था । स्वाति भी उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गई थी।
उस समय भी उन लोगों ने स्वाति को पिता के पास आने नहीं दिया था यह कहकर कि तुम्हारे कारण उनकी यह हालत हुई है । वह रोते हुए कहने लगी कि मेरी जो भी गलती हो उसका ज़िक्र अभी मत करो अभी तो मुझे साथ जाने दो पर उन्होंने उस पर पिता की इस हालत का इलज़ाम लगाया और उन्हें लेकर अस्पताल चले गए?
आख़िर ऐसा क्या हुआ था कि पिता के इस हालत का इलज़ाम स्वाति पर लगा ।
स्वाति अपने माता-पिता की तीसरी संतान है। उसका बड़ा भाई और एक बड़ी बहन है दोनों की शादी हो गई थी अलग शहर में रहते हैं ।
स्वाति के बड़े पिताजी ही इनके घर के निर्णय भी लेते थे । उन्होंने ही स्वाति को पोस्ट ग्रेजुएट और लाइब्रेरियन का कोर्स भी कराया था । वह एक स्कूल में लाइब्रेरियन की नौकरी करती थी । कुछ दिनों से उसके लिए रिश्ते देख रहे थे तो उसने अपने घर में साफ़ साफ़ बताया था कि वह शहर में रहने वाले लड़के से ही शादी करेगी ताकि वह नौकरी कर सके ।
उसे डर इस बात का था कि उनके बड़े पिताजी ने अपनी दोनों बेटियों और स्वाति की बहन का भी रिश्ता गाँव में ही कराया था । उन तीनों ने बिना किसी विरोध के शादी कर लिया और खुश थे ।
स्वाति के बड़े पिताजी उसके लिए भी एक रिश्ता लाए थे । लड़का डॉक्टर है पर गाँव में प्रैक्टिस करता है । स्वाति ने पिता से कहा पापा ज़रूरी नहीं है कि लड़का डॉक्टर या इंजीनियर हो वह शहर में नौकरी करता है तो मेरे लिए बस है । बड़े पिताजी से कह नहीं सकती थी इसलिए माता-पिता से कहा। जब घर वालों से बात नहीं बनी तो उसने उस डॉक्टर लड़के वरूण से बात किया था ।
पिताजी को कल रात ही पता चला था कि स्वाति ने डॉक्टर वरुण से पूछा था कि वह शहर में नौकरी ढूँढ सकता है क्या? उन्हें लगा कि स्वाति ने वरुण से बात करके बहुत बड़ी गलती कर दी है। घर की इज़्ज़त का ख़्याल नहीं रखा इसलिए रात को स्वाति पर ख़ूब ग़ुस्से से चिल्ला रहे थे जिससे उनका बी पी बढ़ गया और दिल का दौरा पड़ गया था ।
उन्हें आई सी यू में रखा गया था । माँ भाई और बहन ने कहा कि पिताजी को जीवित देखना चाहती हो तो इस रिश्ते के लिए हाँ कर दो ।
घर वालों के कहने और पिता की जान बचाने तथा अपने सर पर लगे इलज़ाम को हटाने के लिए वह गाँव के डॉक्टर वरुण से शादी करने के लिए तैयार हो गई थी ।
उसके हाँ कहते ही घर में ख़ुशियाँ वापस आ गईं और पिताजी भी जल्दी से ठीक हो कर घर सही सलामत वापस आ गए थे ।
स्वाति की शादी डॉक्टर वरुण से हो गई थी। उसकी क़िस्मत अच्छी थी कि वरुण बहुत ही अच्छा था। वह उसका बहुत ख़याल रखता था । उसने उससे कहा भी था कि तुम शहर में नौकरी कर लो वीकेंड में और छुट्टियों में आते रहना या मैं आ जाऊँगा । लेकिन स्वाति ने इस ऑफर को ठुकराते हुए स्कूल में इस्तीफ़ा दे दिया और वरुण के साथ गाँव में ही बस गई थी ।
के कामेश्वरी