Moral Stories in Hindi : प्रतिदिन की भांति उस दिन भी अनन्या शाम को झूले में बैठकर समीर के ऑफिस से आने का इंतजार कर रही थी… वो सोच रही थी रोज-रोज बस वही एक ही दिनचर्या , कभी-कभी जिंदगी में एक ही दिनचर्या से ऊब सी गई हूं ।
तभी अनन्या ने सोचा… आज कुछ नया करती हूं , जल्दी से अंदर आई कमरे में सुर्ख लाल रंग की शिफॉन की साड़ी पहनी और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगाकर सुंदर तरीके से खुद को सजाया… वो सज सँवरकर काफी खुश थी …आज वो स्वयं ही स्वयं की तारीफ कर रही थी….” मैं सच में बहुत सुंदर लग रही हूं “
मन ही मन सोच रही थी समीर आएंगे तो उनसे बालों में गुलाब का फूल लगवाऊंगी , समीर को बताऊंगी… कभी-कभी उम्र पचास प्लस के बाद भी… ऐसे पल , ऐसे लम्हे की लालसा तो होती ही है , वरना जिंदगी बोरिंग नहीं हो जाएगी …!
अरे समीर आ गए.. गेट खोलते ही समीर ने आश्चर्य से पूछा ..कहीं जा रही हो क्या ? तैयार होकर बैठी हो… नहीं समीर , आज मैंने तुम्हारे लिए …सिर्फ तुम्हारे लिए ही श्रृंगार किया है… बस एक ही कमी है मेरे बालों में ये गुलाब का फूल लगा दो ….गुलाबी रंग के गुलाब का फूल पकड़ाते हुए अनन्या ने कहा..।
स्वभाव से शर्मीले अभिव्यक्ति में कंजूसी…. समीर का स्वभाव था । फूल लगाने वाली बात पर समीर ने कहा… अरे यार मुझे ना ..ये सब चोंचले पसंद नहीं है , तुम्हें फूल लगाने का शौक है तो खुद ही लगा लेती… बाकी का श्रृंगार तो तुमने खुद ही किया है ना… फिर गुलाब का फूल मुझसे ही क्यों लगवाना है …मेरे समझ से ये परे है ।
आकाश के इस जवाब से अनन्या मायूस हो गई वो मन ही मन बड़बड़ाई….” खडूस पति ” ही मुझे मिले हैं ।
समीर और अनन्या रोज शाम को झूले में बैठकर चाय पीते थे , समीर पहले अंदर गया… फिर बाहर आकर धीरे से दूसरे लाल रंग के गुलाब का फूल गमले से तोड़ अनन्या के बालों में लगाते हुए कहा… ये लाल गुलाब , तुम्हारे बालों में लगाने से तुम्हारी सुंदरता और बढ़ गई है… बड़ी प्यारी लग रही हो ।
इस उम्र में भी अनन्या के गाल… खुशी मिश्रित शर्म से गुलाब की तरह ही लाल हो गए …और अनन्या खुद को मशहूर एंकर सलमा सुल्ताना से कम नहीं समझ रही थी …।
आज समीर ने अपने ऊपर लगे खडूस पति के “इल्जाम ” को खत्म कर दिया ।
( स्वरचित मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित रचना )
#इल्जाम
श्रीमती संध्या त्रिपाठी