एक बार फिर (भाग 27) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

विक्रांत खन्ना प्रिया को धमकी देता है कि वो इस शादी से पीछे हट जाए। जिससे प्रिया बहुत सहम जाती है। शेखर उसे तसल्ली देता है कि मेरे होते हुए वह कुछ नहीं कर सकता। वो अपने मम्मी पापा से कोर्ट मैरिज करवाने को कहता है। कोर्ट मैरिज की बात सुनकर उसकी दादी नाराज हो जाती है। और वह शेखर को डांटती है जिससे प्रिया बहुत इम्बेरेस्ड फील करती है

अब आगे-

प्रिया के कहने पर शेखर उठ कर बाहर चला गया। वो रोते रोते थक गई फिर सोचने लगी।

मुझे बहुत फर्क पड़ता है शेखर आप बिना सोचे समझे कुछ भी कह देते हैं ये नहीं देखते कि उस बात का मुझ पर क्या इफेक्ट पड़ेगा???

बाहर आकर शेखर अपने रूम की बालकनी चला गया। वो महसूस कर रहा था कि उसने प्रिया को बिना बताए ये सब कहा है गलती तो हुई है।

‌इधर प्रिया सोच रही थी कि वो मम्मी पापा और दादी से क्या कहेगी???

वो नीचे उतर कर दादी के रूम में चली गई। आज उसे दादी के रूम में जाने में डर लग रहा था।

वो कुछ देर तक चुपचाप खड़ी रही फिर उसने नॉक किया।

कौन???

दादी जी मैं हूं। आ जाओ।

वो अंदर गई और चुपचाप खड़ी हो गई। खड़ी क्यों हो??

बैठो। वो चुपचाप सिर झुका कर बैठ गई। उसने धीरे से सिर उठा कर उन्हें देखा वो उसे ही देख रही थीं।

कुछ कहना चाहती हो??

दादी आप मेरा यकीन करें मैंने उन्हें ऐसा कुछ कहने को नहीं कहा था उसकी आवाज आंसुओं में भीग गई।

तो फिर रो क्यों रही हो??? दादी के स्वर में नाराजगी थी।

आजकल के बच्चे रीति-रिवाज, परंपराओं को महत्व नहीं देते हैं।

सब अपनी मनमानी कर रहे हैं। जहां तक तुम्हारी सुरक्षा की बात है उसकी सारी जिम्मेदारी हम लोगों की है। ऐसा नहीं है कि हम कोर्ट मैरिज करके खानदान की‌ इज्जत को दागदार करें।

बेटे! अब उनका स्वर नरम था। मैं जानती हूं कि उसने ये सब अपनी मर्जी से कहा है। वो तो है ही कमअक्ल तुम उसे मना कर दो।

दादी मैं उन्हें मना कर चुकी हूं ।मेरी वजह से किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी।

तो चलो फिर शेफ से कह कर कुछ मीठा बनवाओ आज मीठा खाने का बहुत मन है दादी ने उसका हाथ पकड़ कर कहा।

जी दादी मैं अभी आती हूं।

वो उठ कर बाहर आ गई। अब वह हल्का महसूस कर रही थी।

उसने देखा कि शेखर स्टेयर से नीचे आ रहा था। वो ब्लू जींस और ब्लैक ब्लेजर पहने हुए था।

प्रिया ने उसे इग्नोर कर दिया और किचन की तरफ चली गई।

वो समझ चुका था कि वो अभी भी गुस्से में है इसलिए वो घर से बाहर निकल गया।

लंच टाइम में प्रिया डाइनिंग टेबल पर मम्मी का सामना करने में असहज महसूस कर रही थी।

उसका खाने का मन नहीं था पर बैठना जरूरी है। क्योंकि जो रायता शेखर ने बिखेरा था उसको समेटना अब उसकी जिम्मेदारी थी।

लंच चल ही रहा था कि तभी किसी ने घर में एंटर किया।

एक लड़का जो लगभग शेखर की उम्र का था। दिखने में खासा फिट, अच्छी हाईट,गोरा रंग लुक में र‌ईसी झलक रही थी।

उसे देखकर शेखर की मम्मी और दादी के चेहरे पर खुशी झलक उठी।

अरे! तुम

उसने झट से दादी और मम्मी के पैर छुए।

कैसे हो बेटा?? दादी ने उसके सिर पर हाथ फेरा।

बेटे समर पूरे सिक्स मंथ बाद ??? जर्मनी से कब लौटे???? शेखर की मम्मी ने मुस्कराते हुए पूछा।

आंटी कल ही।

इससे मिलो ये शेखर की होने वाली वाइफ है।

प्रिया!

वो प्रिया की तरफ ध्यान से देखने लगा।

अच्छा तो ये हैं मेरी होने वाली भाभी। वो मुस्कराया।

हैलो भाभी! प्रिया ने हल्के से मुस्कुरा कर उसका अभिवादन स्वीकार किया।

प्रिया ये समर सिंह चौहान है शेखर के बचपन का दोस्त और चौहान इंडस्ट्रीज के मालिक वीपी चौहान का बेटा

आओ लंच कर करते हैं उन्होंने उसके लिए प्लेट लगाने का इशारा किया।

वो डाइनिंग पर बैठ गया।

लंच के बाद सब हॉल में बैठ ग‌ए। कमाल की बात है कि शेखर ने हमें नहीं बताया कि तुम आ गए हो।

आंटी उसे पता नहीं है ये उसके लिए सरप्राइज है।

प्रिया उसकी नजरें खुद पर महसूस कर रही थी। जिस कारण उसे अजीब महसूस हो रहा था।

भाभी तो लाखों में एक ढूंढी है मेरे भाई ने।

इसलिए ही मेरे कहने पर भी उसने पिक नहीं भेजी थी।

मिलने पर अच्छी खबर लूंगा।

वैसे वो है कहां???

प्रिया वो कहां गया है???

मम्मी बता कर नहीं ग‌ए हैं?? उसने धीरे से कहा। हां उसके काम ऐसे ही होते हैं एक दम शॉक्ड करने वाले वो कब क्या कर दे??? कुछ पता नहीं।

इस महीने पच्चीस की शादी की डेट है।

अच्छा! उसने मुझे नहीं बताया। उसके चेहरे पर आश्चर्य था।

‌शेखर की मम्मी भी चौंक कर उसे देखने लगीं।

क्या?? तुम्हें नहीं बताया??? उससे मुझे यही उम्मीद थी।

और सुनो आज सुबह ही उसने कहा कि कोर्ट मैरिज कर लेते हैं।

उफ्फ! इस लड़के के दिमाग में जाने क्या चलता रहता है।

नहीं आंटी कोई तो वजह होगी जिससे उसने ऐसा कहा होगा।

विक्रांत खन्ना इसकी वजह है। उसने प्रिया को धमकी देकर शादी से पीछे हटने को कहा।

विक्रांत खन्ना का चैप्टर अभी भी चल रहा है। उसने ही शेखर पर गोली चलवाई थी।

क्या??? शेखर की मम्मी हैरत में पड़ गईं। उसने तो इस बारे में हमें कुछ नहीं बताया।

ताज्जुब है कि उसने ये बात घर पर नहीं बताई।

तो फिर आपने क्या सोचा है??? किस बारे में?? कोर्ट मैरिज के बारे में। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। दादी गंभीरता से बोलीं।

पच्चीस तारीख आने में क्या देर है??

भाभी आप एकदम खामोश हैं?? आप अपने बारे में कुछ बताइए।

जी मैं इंडियन रेवेन्यू सर्विस में हूं।

ओह शेखर बड़ा किस्मत वाला है। बड़ी जहीन, खूबसूरत और समझदार लड़की चुनी है उसने।

अच्छा! तुम फ्लर्ट करने पर उतर आए भाभी है वो तुम्हारी दादी ने उसका कान पकड़ लिया।

नहीं दादी सच कह रहा हूं उसने अपना कान छुड़ाते हुए कहा।

भाभी! आपकी नजर में कोई आप जैसी दूसरी लड़की हो तो मेरा ध्यान रखिएगा।

प्रिया का चेहरा सुर्ख हो गया।

अच्छा आंटी मैं चलता हूं।” आईएम श्योर” कि वो ऑफिस गया होगा मैं उससे वहीं जा कर मिलता हूं।

वो चला गया।

उसके जाने के बाद मम्मी और दादी आपस में बात करने लगे।

विक्रांत खन्ना और उसका बाप दोनों ही घटिया इंसान हैं।

वो दोनों चाहते क्या हैं??? शेखर ने हमें इस बारे में कुछ नहीं बताया।

मम्मी इन्होंने मुझे बताया था। जिस दिन रात को देर से लौटे थे उस दिन विक्रांत खन्ना के घर उससे मिलने ग‌ए थे।

फिर अगले दिन इन्हें फीवर हो गया था।

आप लोग परेशान हो जाएंगे इसलिए नहीं बताया होगा।

इस लड़के की लापरवाही से हम बहुत परेशान हैं उनके चेहरे पर चिंता दिख रही थी।

उधर समर शेखर के ऑफिस पहुंच चुका था।

शेखर के ऑफिस में उसने उसकी सेक्रेटरी से पूछा कि वो ऑफिस में है??

“यस सर” वो अंदर ही हैं।

उसने डोर खोला और अंदर दाखिल हो गया।

सरप्राइज!

शेखर ने उसकी तरफ देखा और बेहद खुश हो कर उसके गले लग गया।

वाऊ सबसे अच्छा सरप्राइज।

कैसे हो???

मैं तुमसे नाराज हूं शादी की डेट फिक्स हो गई और मुझे बताया भी नहीं।

तुम ही सरप्राइज दे सकते हो मैं नहीं वो मुस्कराया।

हम दोनों बचपन के दोस्त हैं बेस्ट फ्रैंड

मैं इस बात पर एग्री नहीं करता हूं। अगर मैं तुम्हारा दोस्त होता तो क्या मुझे सब कुछ पता नहीं होता।

उसने शेखर के कंधे पर हाथ रखा महज छह महीने पहले तुम्हारा भरोसा टूटा है। तुम्हारे साथ इतना बड़ा फ्राड हुआ।

मैं अच्छी तरह जानता हूं कि बचपन की फ्रैंडशिप प्यार में तब्दील हुई थी। सात साल पुरानी रिलेशनशिप टूटी है। मैंने तुम्हें टूट कर बिखरते हुए देखा था। तुम बहुत इमोशनल इंसान हो और जूनून की हद तक जिद्दी भी और आज मैं तुम्हें फिर से ऐसे देख रहा हूं। तुम सच में खुश हो या खुश होने का ढोंग कर रहे हो??

महज दो महीने में प्यार और इतनी जल्दी शादी इवन जल्दबाजी में कोर्ट मैरिज की बात वो भी तब जब शादी इसी महीने पच्चीस को है

और मैं मुझे पता तक नहीं है।

शेखर बताओ कि तुम्हें इतनी जल्दी किस बात की है???

तुम घर से आ रहे हो ??? शेखर गंभीर था।

हां

सबसे मिले प्रिया से भी???

हां, कैसी लगी तुम्हें???

बहुत अच्छी, बिल्कुल फ्रैश फ्लावर की तरह, बेहद शांत बहुत खूबसूरत और समझदार लगी।

पर मैं ये भी जानता हूं कि रिनी से तुमने कितना प्यार किया था???

एक नजर में इंसान को पहचानने की क्षमता रखता हूं। समझ चुका हूं कि रिनी और प्रिया भाभी का कोई मुकाबला नहीं है। इसलिए तुमने प्रिया भाभी को चूज किया है।

देखो! शेखर अगर तुम महज रिनी को सबक सिखाने के लिए ये शादी कर रहे हो तो तुम गलत कर रहे हो।

वो भी उस बेचारी उस लड़की के साथ शायद जो तुम्हें बहुत चाहती है।

शेखर गंभीर था। मैं उससे प्यार करता हूं समर

पता नहीं कैसे?? मगर उसकी शराफत और उसकी सादगी और मासूमियत पर मर मिटा हूं।

तुम्हें पता है मेरे ऊपर चली हुई गोली उसने खुद पर झेल ली थी।

शेखर अगर तुम सच में उसे चाहते हो तो मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं। पर अगर तुम रिनी की वजह से ऐसा कर रहे हो तो एक बार सोचना जरूर कि जब रिनी ने तुम्हें धोखा दिया था तो तुम्हारा क्या हाल हुआ था???

कहीं ऐसा तो नहीं है कि अब सिचुएशन चेंज हो चुकी है।

तुम रिनी की जगह हो और प्रिया भाभी तुम्हारी जगह पर है।

समर मैं रिनी को सबक तो सिखा कर रहूंगा पर प्रिया को मोहरा बना कर नहीं वो मेरी क्वीन ऑफ हार्ट है। मैं कभी उसे तकलीफ नहीं दे सकता।

“आई विश” ऐसा ही हो।

मैं प्रिया भाभी को बहुत ध्यान से देख रहा था उन्हें भी शाय़द अजीब लगा होगा। ये जानने की कोशिश कर रहा था कि उनमें ऐसा क्या है कि “द राजशेखर बाधवा” शादी की डेट तक भी रूकने को तैयार नहीं है।

कहीं तुम भाभी पर नजरें तो नहीं मार रहे थे। शेखर ने उसे कहा।

मार भी लेता पर उन्होंने मुझे घास नहीं डाली। उनके एटीट्यूड से मैं समझ गया कि वो कैसी हैं???

कैसी मतलब?? शेखर ने हंसते हुए कहा

वन लाइनर आंसर वाली

तुम नहीं समझ सकते कि उसे मनाने के लिए मैंने कितनी मेहनत की है।

वो रिनी‌ जैसी सेल्फिश,सेल्फ सेंटर्ड और पैसे पर मरने वाली लड़की नहीं है।

उसे शादी के लिए प्रपोज करने के लिए मुझे मम्मी पापा को साथ ले जाना पड़ा।

ओह वेरी गुड इसका मतलब शेखर साहब दिल से बीवी का गुलाम बनने की तैयारी कर रहे हैं।

ओके में चलता हूं। कल क्या कर रहे हो??

घर पर आ जाओ।

कल डिनर साथ करते हैं।

भाभी को साथ लाना। वो नहीं आएगी

क्यों??

वो कोर्ट मैरिज की बात से बहुत नाराज हैं।

फिर वो बहुत ट्रेडिशनल सोच रखती है। शादी से पहले वो किसी के घर नहीं जाएगी।

हमारे यहां भी मैं उसे उसकी सिक्योरिटी के चक्कर में जबरदस्ती लाया हूं।

तुम सोच भी नहीं सकते उसने मुझ पर कैसी कैसी रोक‌ लगा रखी हैं???

उसके जाने के बाद शेखर सोच में डूब गया। क्या सच में वो अपने बदले के लिए प्रिया का इस्तेमाल कर रहा है??

मैं इतना सेल्फिश कैसे हो सकता हूं??

मैं ऐसा नहीं करूंगा नहीं बिल्कुल नहीं।

आज उसे मनाना भी पड़ेगा।

शाम सात बजे घर पहुंच कर सबसे पहले प्रिया के रूम में गया पर वो वहां नहीं थी।

उसकी मम्मी भी घर पर नहीं थीं।

कहीं मम्मी उसे दीदी के घर छोड़ने तो नहीं चली गईं।

वो जल्दी से ग्राउंड फ्लोर पर दादी के रूम में चला आया।

दादी ने उसे देखा और कुछ नहीं कहा।

दादी मॉम कहां हैं??

वो बाहर ग‌ई है और प्रिया???

माफ कर दीजिए दादी

प्लीज दादी उसने दादी का गाल चूम लिया।

दोनों ग‌ए हैं ?? दादी सॉरी जैसा आप कहेंगी वैसा ही होगा।

मुझसे बात मत कर।‍

प्रिया और मम्मी दोनों वापस आ ग‌ए थे।

दादी के रूम में शेखर को देख कर मम्मी चौंक ग‌ई।प्रिया ने उसे इग्नोर कर दिया।

तुमसे मुझे कुछ पूछना है मम्मी ने सीधे बात शुरू कर दी।

तुम पर अटैक विक्रांत खन्ना ने करवाया था।

हां

उसके बावजूद भी तुम उसके घर ग‌ए???

ये बैकबाइटिंग किसने की ??? कहते हुए उसने प्रिया की तरफ देखा।

अगर समर यहां न आता तो शायद हमें पता भी नहीं चलता।

तुमसे हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं???

तुमने पुलिस को बताया ये सब?? मॉम एविडेंस नहीं है।

आप लोगों को भी बताने आया था।

और पापा ने मेरी बात सुने बगैर मुझे बहुत बुरी तरह डांटा था। आपने भी मुझसे बात नहीं की थी।

तभी तुम बिना सिक्योरिटी के देर रात तक बाहर रहते हो???

सॉरी मॉम

वैसे आप लोग ग‌ए कहां थे??

प्रिया के लिए और अपने लिए ज्वैलरी सैट‌ के आर्डर दिए हैं।

कुछ सिल्क की साड़ियों का आर्डर मैंने तभी कर दिया था जब रिश्ता तय हुआ था। उनका भी फोन आया था। बनारस से कल साड़ियां पहुंच जाएंगी। उनका आदमी पहुंचाने आ रहा है।

मुझे तुमसे कुछ बात करनी है प्रिया! शेखर ने कहा

प्रिया कुछ नहीं कहती तो तुम इसका फायदा उठाते हो।

सुबह तुमने जो कुछ कहा इसे बताया तक नहीं।

प्रिया दादी के पास ही बैठी रही। वो रूम से बाहर निकल गया।

प्रिया तुम भी चेंज कर लो बेटा डिनर का टाइम भी हो रहा है।

उसे न चाहते हुए भी रूम में आना पड़ा।

उसने रूम में पहुंच कर डोर लॉक किया और हाथ मुंह धोकर चेंज करने के लिए धीमी रोशनी कर दी।

तभी किसी ने डोर पर नॉक किया। वो समझ गई कि शेखर ही है।

उसने फटाफट चेंज करके लाइट ऑन कर दी। एक दो बार नॉक करने के बाद शांति छा गई।

लगता है चला गया।

उसने डोर ओपन किया और बाहर आ गई।

वो गया नहीं था बल्कि अपने रूम के बाहर टहल रहा था।

अंदर आओ तुमसे कुछ बात करनी है। उसने उसे इग्नोर कर दिया।

वो आगे बढ़ने लगी।

अगर मैं जबरदस्ती करूंगा तो फिर तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा।

इसलिए मेरी बात सुनती जाओ।

वो रूक गई अंदर चलो उसने उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने डोर बंद कर दिया। मेरी तरफ देखो बहुत नाराज हो। उसने कोमलता से कहा।

जो मैं कहने जा रहा हूं उसे समझने की कोशिश करो।

उसने जबरदस्ती उसे बाहों में ले लिया।

वो अपना चेहरा उसके करीब ले आया। गुस्सा हो??? आवाज में नरमी थी।

कभी मेरी धड़कनें सुनी हैं तुमने???

जब मैं कुछ कहता हूं तो सुनती क्यों नहीं हो???

सौ बार कहा है कि मेरे सब्र का इम्तिहान मत लो। उसकी आवाज की गहराई वो महसूस कर रही थी।

क्रमशः

©® रचना कंडवाल

एक बार फिर भाग 26 

एक बार फिर (भाग -28)

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