प्रतिस्पर्धा- मंगला श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :

सुहाना और सविता दोनो बहनें थी। सुहाना बड़ी थी और सविता उससे चार साल छोटी थी ।

सुहाना को बचपन से ही विहान और संजीता ने बहुत लाड़ प्यार से पाला था क्योंकि उसका जन्म उन लोगो की शादी के काफी दिनों बाद बहुत मान मन्नत से हुआ था,

लेकिन जब चार साल बाद सविता का जन्म हुआ तो शुरुआत में तो सुहाना को अच्छा लगा परंतु धीरे धीरे उसको लगने लगा कि सविता के आने के बाद घर में उसकी अहमियत कम होने लगी है हालांकि ऐसा नही था परंतु अकेले ही सारा लाड़ प्यार पाने वाली सुहाना का मन अपना प्यार बट जाने के कारण अंदर ही अंदर कुंठित होता चला गया था।

अब उसके मन में सविता के प्रति एक प्रतिस्पर्धा और जलन की भावना ने जन्म ले लिया था।

वह उसको अपनी किसी चीज को खिलौने को नही छूने देती थी।

अगर थोड़ी देर के लिए ही अकेले उसके साथ रहती तो उसको हैरान परेशान कर देती या चुपचाप मार कर रुला देती ।

विहान और संजीता दोनो उसको बहुत प्यार करते समझाते पर उसका स्वभाव वक्त के साथ बड़े होते होते और भी क्रूर हो गया था।

वह बस किसी तरह भी सविता को अपनी जिंदगी से दूर करना चाहने लगी थी ।

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उसकी आदतों के कारण अब विहान और संजीता दोनो परेशान होते या तो उसको डटाते चिल्लाते पर वह अब उन पर ही बरस पड़ती और कहती कि हां मैं तो आपको अच्छी नही लगती हूं ना क्यों कि आपको तो सविता अच्छी लगती है वही आपकी बेटी है।

सविता बहुत ही सीधे स्वभाव की और विनम्र थी वह सुहाना से बहुत प्यार करती थी ।

वह कितनी बार ही सुहाना की गलतियों को छुपा लेती ,स्कूल में भी अब सुहाना अपनी ही बहन से हर बात में प्रतिस्पर्धा करती , जबकि वह बहुत बड़ी थी बड़ी क्लास में थी ।

जब भी कोई प्रतियोगिता होती वह अपनी बराबरी को छोड़ सविता को ही अपना प्रतिद्वंदी समझती थी ।

सविता पढ़ने में बहुत अच्छी थी इस कारण उसका नर्सरी से सीधे फर्स्ट क्लास में जाने का मौका मिल गया था वह पढ़ाई के साथ साथ ही हर काम में निपुण भी थी हर प्रतियोगिता में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती और प्रथम आती थी।

स्कूल में भी सभी उसको पसंद करते थे।

वक्त के साथ ही सुहाना और सविता दोनो कॉलेज में आ गई थी।

इस बार कॉलेज में इंट्रनेशल डांस कंपीटिशन होने वाला था ।

कई लड़के लडको ने सिंगल भी और ग्रुप डांस में हिस्सा लिया था ।

सुहाना और सविता दोनो ही डांस बहुत अच्छा करती थी ,दोनो ने ही

उस कंपीटिशन में हिस्सा लिया था।

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सुहाना डांस में अच्छी होने के बाद भी इनसिक्योर थी सविता को लेकर ऊपर से अंदर की नफरत और जलन की भावना के कारण उसके अंदर एक कुविचार आ गया था ।

उसने बीमार होने का बहाना किया और जब डॉ को दिखाया तो उसने कहा की उसको अजीब अजीब ख्याल आते है वह सो नही पाती है रातों को और कई तरह की परेशानी बता कर नींद की गोली लिखवा ली थी ।

और अब वह सुहाना से लाड़ प्यार जताने लगी थी ।

डांस कंपीटीशन की तारीख पास आने लगी थी ।

आखिर वह दिन आ ही गया जिस दिन डांस कंपीटीशन था ।उसने एक दिन पहले ही तैयारी कर ली थी ,उसने उस रात को दो गिलास दूध तैयार किया और एक गिलास में उसने नींद की गोलियां जो खाई नही थी वह बिन परिणाम का सोचे मिला दी और सविता को वह दूध दे दिया दोनो ने दूध पिया और थोड़ी देर बाद ही सविता सो गई थी गहरी नींद में।

दूसरे दिन सुहाना उठी और सविता को उठाने की कोशिश करने लगी परंतु सविता को कहां होश था वह तो बेसुध सोई हुई थी।

वह जल्दी से तैयार होकर संजीता से बोली मम्मी मैं कॉलेज जा रही हूं सविता अभी सो रही है शायद बहुत थक गई थी कल उसको बाद में उठाकर भेज देना और शाम को आप और पापा दोनो भी आना मम्मी कंपीटिशन देखने आपकी बेटियों का डांस देखने वह दिखावटी लाड़ जताकर बोली ।

संजीता और विहान सुहाना में बदलाव देखकर बहुत खुश थे ।

पर वह नही जानते थे की अंदर पनपती जलन और चिढ़ की भावना ने उनकी लाडली बेटी एक गलत कदम उठा चुकी है अपनी बहन को हराने के लिए ।

वह मन ही मन खुश होकर कॉलेज चली गई थी तीन बजे से प्रतियोगियों को अपना नाम नामंकन फार्म अंदर जमा करना था खुद के साइन कर के और अंदर जाना था ।

सुहाना को लगा था की सविता जब तक नींद से जागेगी अंदर आने का समय खत्म हो जाएगा ।

लेकिन वह यह बात नही जानती थी की उसने जल्दीबाजी में एक से ज्यादा नींद की गोली दूध में मिला दी थी ।

इधर कंपीटिशन शुरू हो गया था

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सुहाना का नंबर पांचवे क्रम पर था सविता नही आई थी उसके साथ के सभी लोग उससे बार बार पूछ रहे थे पर वह क्या बोलती वह बोली मैं तो जल्दी आ गई थी परंतु वह तैयार नही थी इस कारण वह देर से आने वाली थी ।

आखिर उसके नाम का

अनाउंसमेंट हो गया वह

स्टेज पर आकर सबको प्रणाम कर और चारो तरफ देखने लगी पर उसको मम्मी पापा सविता कोई नही दिखे उसका गाना शुरू हो गया था वह डांस करने लगी थी पर उसका मन बैचेन होने लगा था इस कारण वह अच्छी तरह प्रफार्म भी नहीं कर पाई थी ।

गाना खत्म होते ही वह बाहर आई और जहां समान जमा करा था वहां आकर समान निकलवाया जैसे ही मोबाइल मिला उसने ऑन किया देखा की मम्मी के कई कॉल आए हुएं थे उसने जल्दी से फोन लगाया मम्मी आप कोई भी आया वह उधर से फोन रिसीव होते ही पूछने लगी तो उसको मम्मी के रोने की आवाज सुनाई दी

मम्मी क्या हुआ ?

आप रो क्यों रही हो?

सुहाना सविता को आई सी यू में भर्ती किया है ।

क्यों क्या हुआ मम्मी ?

वह अब अनहोनी आशंका से डर गई थी ।

वह सविता उठ ही नही रही थी जब उसको पापा और मैंने उठाने की कोशिश की तो पता चला वह बेहोश है।

सुहाना सुनकर घबरा गई और बोली मम्मी आप किस अस्पताल में हो मैं वही आती हूं ।

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अब उसकी अपनी गलती का एहसास होने लगा था वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी।

जल्दी से उसने अपने कपड़े बदले और अपना बैग उठकर बाहर आई और अस्पताल पहुंच गई।

आई सी यू के बाहर विहान संजीता बैठे हुएं थे ।

संजीता की आंखे रो रोकर सूज गई थी ।

वह जैसे ही पास आई वह उससे लिपट कर रो पड़ी थी।

उसने पूछा कैसी है सविता अब ,

पता नही अभी तक होश नही आया है डॉ बोले की नींद की गोली खाने के कारण ऐसा हुआ है ।

परंतु उसने नींद की गोली खाई क्यों ?,यह समझ नही आ रहा है।

रात को तो वह मुझसे और पापा से अच्छी तरह बात करके गुड नाईट बोल कर गई थी ।

सुहाना को कुछ समझ नही आया की वह क्या बोले कैसे बोले की उसने ही दूध गोली में मिलाकर सविता को दी थी ।

आज उसको अपनी गलती जा एहसास हो रहा था अपनी नफरत और जलन की आग में वह इतना गिर गई थी की उसने सोचा ही नही की उसकी इस हरकत से उसकी बहन की जान पर बन आयेगी।

वह मन ही मन खुद को कोस रही थी और प्रार्थना कर रही थी की सविता अच्छी हो जाए आज के बाद वह अपनी बहन की खुद से ज्यादा केयर करेगी कभी उसको परेशान नही करेगी ।

तभी आई सी यू से डॉक्टर बाहर आकर बोले आपकी बेटी को होश आ गया है शर्मा जी ।

सुनकर विहान जी संजीता जी और सुहाना बोले क्या हम एक बार उससे मिल सकते है डॉक्टर ।

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जी हां पर ज्यादा बात मत करना ।

विहान जी और संजीता जी सुहाना

तेजी से अंदर गए सविता को देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए विहान जी बोले बेटा तुमको क्या जरूरत थी इस तरह नींद की गोली खाने की , सविता धीमे से सुहाना को देखा और बोली कुछ

नही पापा डांस कंपीटिशन का टेंशन होने के कारण नींद नही आ रही थी इस कारण सुहाना दीदी

के डिब्बे से निकाल कर मैंने गोली खा ली थी की थोड़ी नींद अच्छी आ जायेगी तो मैं रिलेक्स रहूंगी परंतु मालूम नही था कि इस तरह मन से कोई गोली नही लेनी चाहिए थी मुझको और रो पड़ी बोली अब कभी भी मन से कोई दवा नहीं लूंगी मम्मी ।

सुहाना जो की डर गई थी कि कही सविता यह नही बोल दे की रात को उसको मैंने ही जबरन दूध दिया था और सविता ने उसको साफ बचाकर उसको शर्मिंदा कर दिया था ।

वह रोने लगी थी ,और सविता का हाथ पकड़कर उसे आंखो ही आंखो में माफी मांगने लगी थी ,

पर सविता ने प्यार से उसका हाथ दबा दिया ।

विहान और संजीता बाहर चले गए तब सुहाना सविता के गले लग गई और बोली सविता मैं उम्र में तुमसे बड़ी हूं पर व्यवहार में आज भी तुमसे छोटी हूं मुझको माफ कर दो मेरी प्यारी बहना अबसे तुमको कभी भी नीचा नही दिखाऊंगी ,मेरे सपने से पहले तुम्हारा हर सपना पूरा करने की कोशिश करूंगी ।

सविता बोली नही दीदी आज से हम दोनो ही एक दूसरे के सपनो को पूरा करेगे आज मुझको मेरी बहन वापस मिल गई उसका प्यार मिल गया यही मेरे लिए बहुत बड़ी जीत है और उसके आंसू पोछने लगी थी।

मंगला श्रीवास्तव इंदौर

स्वरचित मौलिक कहानी

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