एक बार फिर (भाग 25) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर केके खन्ना के घर जाकर उससे अपने ऊपर हुए हमले के बारे में कहता है। केके खन्ना रिनी खन्ना( शेखर की एक्स गर्लफ्रेंड) के पापा हैं। उसके भाई विक्रांत खन्ना ने ही शेखर के ऊपर हमला करवाया था।

अब आगे-

शेखर सिर‌ दर्द से परेशान था प्रिया उसके सिर को तब तक दबाती रही जब तक वह सो नहीं गया।

उसके सोने के बाद जब वह अपने रूम में आई काफी देर हो गई थी।

वह सोने की कोशिश करने लगी। शेखर के ख्याल से उसके होंठों पर मुस्कराहट आ गई।

सुबह उसकी आंख खुली तो बहुत देर हो गई थी। वह सोचने लगी कि ये ससुराल है यहां इतनी देर तक सोना सही नहीं है सब क्या सोचेंगे???

जल्दी से तैयार होकर नीचे आई सबके पैर छुए और

डाइनिंग टेबल पर बैठ गई।

शेखर भी अभी तक नहीं आया था।

देखो अपने लाडले को अभी तक साहबजादे की गुड मार्निंग नहीं हुई। शेखर के पापा गुस्से से बोले।

रात आपने उसे कुछ ज्यादा ही डांट दिया था।

प्रिया तुमसे कोई बात हुई उसकी।

मम्मी रात‌ को उनके बहुत सिर दर्द था। शायद इसलिए देर तक सोए हैं।

लगता है कि मेरी टीम में तो कोई नहीं है। तुम भी इन दोनों की टीम में शामिल हो ग‌ई हो बेटा।

ये दोनों तो उसकी गलतियों पर पर्दा डालने में माहिर हैं। उन्होंने दादी और मम्मी की ओर देखते हुए कहा।

तुमने उसे पूछा नहीं कि रात में इतनी देर तक कहां था?? वो भी बिना सिक्योरिटी के।

प्रिया चुप रही।

अभी उस पर अटैक हुआ है। कितनी बार कहा है कि अकेले कहीं मत जाना पर वो किसी की नहीं सुनता।

प्रिया बेटा उसे समझाओ।

प्रवीण! जाकर देखो छोटे साहब उठ ग‌ए हैं या नहीं???

जी, आधा घंटा पहले सर ने लैमन टी मंगवाई थी।

मैं देखती हूं पापा। प्रिया उठ कर ऊपर चली गई।

उसने डोर पर नॉक किया तो कोई जवाब नहीं आया।

भीतर‌ गई तो वो औंधे मुंह लेटा हुआ था।

लैमन टी भी वैसे ही रखी थी।

सुनिए! उसने धीरे से कहा पर उसने कोई जवाब नहीं दिया।

शायद सोया हुआ था।

उसने धीरे से उसके बाजू को हिलाया। शेखर! क्या हुआ??

आपकी तबीयत ठीक है???

आज कुछ अन‌ इजी फील हो रहा है। “आईएम नॉट फीलींग वेल” उसकी आवाज अलसाई हुई महसूस हो रही थी।

मुझे लग रहा है। उसने उसका माथा छुआ तो गर्म था।

एक तो रात इतनी देर से लौटे ऊपर से सर्दी बहुत थी।

शायद इसलिए आपको फीवर हो गया है। वो बड़बड़ाई

रात को तुम मेरी बाहों में आ जाती तो शायद मै इस समय ठीक होता।

इस हालत में भी मजाक सूझ रहा है आपको

मैं मम्मी को कहती हूं। वो डाक्टर को बुला लेंगी। छूने से बहुत गर्म महसूस हो रहा है।

ये सब आपकी मनमानी का नतीजा है। पापा भी आपसे गुस्सा हैं।

मुझे तुम्हें कुछ बताना है।

बाद में बता दीजियेगा जब तबीयत ठीक हो जाएगी।

वो उठ कर नीचे आई उसने मम्मी से कहा। वो घबरा ग‌ईं

हाय राम ! मेरा बच्चा मैंने उससे रात को बात भी नहीं की। उन्होंने तुरंत डॉक्टर को कॉल किया।

डाक्टर आए उन्होंने चैक किया तो 102 फीवर था।

उन्होंने मेडीसन दी और क्लिनिक आ कर टैस्ट करवाने को कहा।

शेखर बच्चे मम्मी ने इमोशनल हो कर उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।

पापा वहां पर खड़े थे और घूमते रहो इतनी ठंड में देर रात तक।

प्लीज! चुप रहिए शेखर की मम्मी उन्हें देखते हुए बोलीं।

मेडिसिन लेने के लिए कुछ खाना तो पड़ेगा न प्रिया ने कहा।

मन नहीं है।

दूध और कार्न फ्लैक्स खिला कर दवा देने के बाद शेखर की मम्मी प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली चलो तुम आराम करो।

प्रिया हम नीचे चलते हैं। प्रिया वहीं पर रूकना चाहती थी पर मम्मी के कहने से उसे नीचे जाना पड़ा।

वो दादी और मम्मी के साथ नीचे बैठ ग‌ईं।

मांजी आरती दीदी (शेखर की मां की बड़ी बहन कविता की सास) अपनी फैमिली के साथ आस्ट्रेलिया से वापस आ गई हैं।

सोच रही हूं कि प्रिया को साथ लेकर मिल आती हूं।

ट्रैवलिंग की‌ वजह से वो लोग थके हुए होंगे। मिलने मिलाने से फ्रैश फील होगा।

जाकर डिनर के लिए इन्वाइट कर दूंगी।

ठीक है बहू

इस बार तो आरती बहुत दिन लगा कर आई है।

जी, पोते पोती के विंटर होलीडेज चल रहे थे। इसलिए परेशानी नहीं हुई।

चलो प्रिया हम लोग चलते हैं।

मम्मी इन्हें काफी फीवर है अगर किसी चीज की जरूरत हुई तो???

हां ये भी ठीक है। वैसे भी जब वो बीमार होता है तो आसपास मुझे ढूंढता है अब ये जिम्मेदारी तुम्हें सौंप रही हूं।

वो मुस्कुरा दीं

प्रिया झेंप कर रह गई।

वो च‌लीं गई।

प्रिया ऊपर आई उसे शेखर के रूम में जाने में झिझक हो रही थी। उसने धीरे से डोर ओपन किया और अंदर झांका तो वो सो रहा था।

वो चुपचाप आकर चेयर पर बैठ गई।

उसने मैगजीन उठाई खोल कर देखने लगी उसमें शेखर के फोटो थे। ध्यान से देखने लगी क्योंकि जब वो असलियत में उसके सामने होता है तो वो ज्यादातर इधर उधर ही देखती रहती है। वो तस्वीर पर हाथ‌ फेर कर उसे महसूस कर रही थी। सच में सबसे जुदा, बिल्कुल अलग अंदाज उसे एक अलग सी कशिश महसूस हो रही थी।

ये सिर्फ मेरा है किसी और का नहीं प्यार से उसने पहले तस्वीर को फिर उसे देखा।

उसे अपने इस ख्याल पर हंसी आ गई।

मैगजीन के पन्ने उलटने के बाद उसने उसे एक तरफ रख दिया।

एक घंटे से ऊपर हो चुका था।

इतने में शेखर ने करवट ली। प्रिया उठी उसने उसके माथे को छुआ फीवर उतर गया था।

उसने अधमुंदी आंखों से उसे देखा।

अब कैसा फील हो रहा है???

उसने प्यार से पूछा

ठीक महसूस कर रहा हूं। मेरे पास बैठो

वो बैठी तो उसने अपना सिर उसकी गोद में रख दिया। वो उसके बालों में हाथ फेरने लगी।

आप पापा का कहा क्यों नहीं सुनते हैं??? कहीं भी अकेले क्यों जाते हैं??? वो आपकी बहुत चिंता करते हैं।

और तुम???

मैं क्यों नहीं करूंगी?? मैं क्या उनसे अलग हूं??

पूछोगी नहीं कि मैं कहां गया था???

उसने उसका हाथ अपने सीने से लगा लिया। उसकी आंखों में देखते हुए बोला।

मैं अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के घर गया था।

उसने प्रिया के हाथ में सरसराहट महसूस की‌।

वो खामोश थी उसने नजरें फेर ली। वो उठ कर बैठ गया।

मुझ पर गोली उसके भाई विक्रांत ने चलवाई थी। सामने पहाड़ी पर जो खूबसूरत बंगला है वो उसी का है।

वो बताते हुए प्रिया का चेहरा देख रहा था।‌‍ उसके चेहरे पर उसे कन्फ्यूजन और डर एक साथ दिखाई दे रहा था।

अब वो आपसे क्या चाहती है??

शेखर आप तो उसे छोड़ चुके हैं ना ??

नहीं, प्रिया का रियेक्सन जानने के लिए वो जानबूझकर कर हंसते हुए बोला।

प्रिया शेखर की तरफ देखते हुए

उठने लगी।

उसने जबरदस्ती उसे खींच कर बाहों में भर लिया।

प्लीज! छोड़िए मुझे आप हद करते हैं।

न मैं उसे छोड़ सकता हूं न तुम्हें

मैं दोनों को रखूंगा।

पर मैं ऐसी नहीं हूं। उसकी आवाज में रोष था।

तुम पहले नंबर पर रहोगी उसने उसे चिढ़ाने के अंदाज में कहा।

आप बहुत झूठ बोलते हैं। मैं आप पर यकीं नहीं कर सकती।

मतलब तुम उसके साथ मुझे शेयर कर सकती हो अगर तुम पहले नंबर पर रहो तो??

वो चुप हो गई। उसने उसे कस कर पकड़ा हुआ था।

अभी कुछ देर देर पहले आप बीमार थे। थोड़ा आराम हुआ तो फिर आप ऐसी बातें करने लगे। मैं आपसे बात नहीं करूंगी।

कोई आ जायेगा शेखर!

इस फ्लोर पर बिना बुलाए कोई नहीं आता।

मैं सिर्फ तुम्हारा हूं समझीं?? उसने उसे अपनी पकड़ से आजाद करते हुए कहा। प्रिया उठ कर अपने कपड़े सही करने लगी।

कोई देखेगा तो क्या कहेगा??? देखिए दुपट्टा कैसा हो गया है??? सच में उसमें सिलवटें उभर आई थीं।

मम्मी जी के आपकी हरकतें मुझे शर्मिंदा कर देंगी

इधर आओ। मैं यहीं ठीक हूं।

तुम्हें उसका नाम पता है रिनी खन्ना

वो पूरी फैमिली बहुत शातिर है।

उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ कि मैं तुमसे शादी कैसे कर सकता हूं। इसलिए उसके भाई ने मुझ पर अटैक करवाया।

पर आप तो उससे रिश्ता तोड़ चुके हैं। तुम्हें बताया तो था कि रिश्ता किस वजह से टूटा था।

वो कह रही थी कि वो तुम्हें सब कुछ बता देगी। उसके पास कुछ ऐसा है जो किसी को मालूम नहीं है वो उसे तुम्हें दिखाएगी।

जब मुझे मिलेगी तब की तब देखूंगी। फिलहाल मैं जा रही हूं। आप भी नहा लीजिए फ्रैश फील करेंगे।

तुम मुझे छोड़ तो नहीं दोगी???

तुम्हारी कसम मैं मर जाऊंगा। ये तो उससे मिलने के बाद ही डिसाइड होगा वो मुस्कुरा कर बाहर चली गई।

शाम को आरती मौसी अपनी पूरी फैमिली के साथ आ गईं। उन्होंने दादी को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लिया।

प्रिया की सासू मां ने उसे इंट्रोड्यूस करवाया। उन्होंने उसे प्यार से गले लगा कर आशीर्वाद दिया।

माहौल बड़ा खुशगवार था।

कविता ने प्रिया को गले लगा लिया। कैसी हो ???

मैं ठीक हूं। तुम तो बहुत दिनों वापस आ रही हो।

हां बच्चों की छुट्टियां थी इसलिए ज्यादा दिन रह लिए।

चल हम दोनों अलग बैठते हैं। कुछ अपनी बातें करेंगे।

वो दोनों सहेलियां अलग से एक कोने में बैठ ग‌ईं।

तो कैसी चल रही है तुम्हारी प्रेम कहानी??

प्रिया ने कुछ नहीं कहा वो जवाब में मुस्करा दी।

जब तुझ पर अटैक हुआ था तो मैं बहुत डर गई थी।

अच्छा हुआ कि वो पकड़ा गया।

बस कुछ समय बाद तो तुम मेरी देवरानी बना कर आ जाओगी फिर बहुत मज़े करेंगे।

लगता है कि तुमने सब प्लानिंग कर रखी है। प्रिया धीरे से हंस पड़ी।

तेरे लिए कुछ खास गिफ्ट लाई हूं। उसने एक छोटा सा पैकेट उसे पकड़ाया।

क्या है ये???

एक जबरदस्त परफ्यूम है इसे लगाओगी तो मेरा देवर तुम्हें कभी भूल नहीं पाएगा वो हंसते हुए बोली

अच्छा तो तुम जादुई चिराग लाई हो। प्रिया भी हंस पड़ी।

चलो न सबके साथ बैठते हैं।

इतने में शेखर वहां पर चला आया साथ में कविता के पतिदेव भी थे।

कांग्रेचुलेशंश प्रिया! हमारी फैमिली में शामिल होने के लिए।

थैंक्यू जीजा जी।

अब जीजा जी नहीं भैय्या कह सकती हो जैसे शेखर कहता है।

जी उसने जवाब दिया।

वाऊ भाभी “दिस इज नॉट फेयर” देवरानी मिली तो देवर को भूल ग‌ईं।

तुम्हें कैसे भूल सकती हूं??

सबसे अच्छा गिफ्ट तो तुमने मुझे दिया है। मेरी बेस्ट फ्रेंड को मेरी देवरानी बना कर।

खूब बातें होती रहीं बड़े अच्छे माहौल में डिनर हुआ।

रात करीब साढ़े दस बजे वो लोग वापस ग‌ए।

आज बहुत दिनों बाद बहन से मिलना हुआ तुम्हें तो बहुत खुशी हो रही होगी। बहुत सी बातें जमा रही होंगी तुम्हारे पास।

शेखर के पापा ने कहा।

हां बिल्कुल क्यों नहीं होंगी। दीदी ही मेरी सबसे करीबी हैं हम दोनों बहनें कम फ्रैंड ज्यादा हैं।

“चलो बच्चों गुड नाईट” मम्मी पापा सोने चले गए।

‌अब कैसी तबीयत है आपकी???

बड़ी देर बाद ख्याल आया तुम्हें

ठीक है, लगता है कल थकान हो गई थी।

शायद इस वजह से फीवर हुआ हो। इतने में प्रिया का फोन वाइब्रेंट हुआ। उसने खोला तो किसी अननोन नंबर से सेंवटीन मिस्ड कॉल्स थी।

वह हैरत में पड़ गई।

 

©® रचना कंडवाल

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