रिश्ता तेरा मेरा-  अन्नु माथुर   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : शिप्रा.. मम्मी -मम्मी करती हुई घर के अंदर आ रही थी । लो आ गई तूफान मेल …आरती किचन में से ही बड़बड़ाई हाँ .. मैं यहाँ हूँ किचन में क्या हुआ ?

तभी दूसरे कमरे से प्रकाश जी बाहर आए और बोले – आज क्या हो गया हमारी रिपोर्टर साहिब को ? ये शिप्रा के पाप थे ।

तभी एक और कमरे से रुचि निकल कर आई और बोली – क्या दीदू जब आती हो तब घर को हिला देती हो । किसी को हार्टअटैक आ ही जायेगा देखना तुम ….और लिविंग रूम के सोफे पर आ कर बैठ गई और ज़ोर से हिला दिया शिप्रा को । शिप्रा मुस्कुरा दी और बोली तो तू डॉक्टर है ना बचा ही लेगी और ज़ोर से हँसने लगी।

तभी आरती नाश्ता बना कर ले आई और बोली चलो चलो बातें बाद में पहले नाश्ता कर लो ।

शिप्रा आरती के गले मे हाथ डाल बोली मम्मी पहले अपनी शादी वाली एल्बम दो न प्लीज़ ।

“दीदू पहले नाश्ता तो कर लो बाद में देख लेना” -रुचि बोली

नही .. शिप्रा बोली पहले दो ना मम्मी ।

प्रकाश बोले – दे दो आरती नही तो ये नाश्ता करने नही

देगी । आरती उफ़्फ़ करती हुई उठी और बड़बड़ाते हुए बोली ये लड़की ना चैन नही लेने देती ।

आरती अलमारी में से एल्बम निकल कर ले आई और शिप्रा को देते हुए बोली और कुछ ?

शिप्रा दाँत दिखा कर बोली “नहीं “

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उसने जल्दी से एलबम हाथ मे ली और एक फोटो को प्रकाश को दिखते हुए बोली – पापा ये आनन्द चाचा है ना हमारे ?

प्रकाश ने उस फोटो तरफ देखा उनकी आँखों मे नमी तैर गई और वो बोले हाँ पता तो है तुम्हे फिर ?

शिप्रा प्रकाश के पास बैठेते हुए बोली – पापा आप यकीन नही करेंगें लेकिन बिल्कुल ऐसी ही शक्ल और एकदम चाचा की तरह दिखने वाले एक लड़के जिसका नाम समीर है आज हमारे यहाँ जॉइन किया है । मैं उसे देख कर एकदम आश्चर्य में पड़ गई ।इसलिए ये एलबम माँग रही थी मम्मी से कॉन्फैर्म करने के लिए।

तभी रुचि अपने मुँह में पकोड़ा खाते हुए बोली – ” अरे दीदू दुनियां में एक तरह के सात लोग होते है तो हो सकता है कि तुम उसी में से किसी से मिल ली होगी । और ठहाका लगा कर हँसने लगी”।

आरती और प्रकाश ने अपने आँखों मे आई नमी को छुपाया और मुस्कुरा दिये ।

शिप्रा बोली पाप मुझे पता है अपने बताया है कि क्या हुआ था लेकिन पता नही क्यों उसे देख कर एक अपनापन सा लगा।

प्रकाश उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोले – ” ऐसा है तो घर ले आना हम भी देख लेंगें क्यों आरती ?

आरती मुस्कुरा दी और सिर हिला हाँ में मंजूरी दे दी ।

रात के खाने के बाद आरती अपने कमरे में आई तो एल्बम उसके पलंग पर रखी हुई थी। उसने भारी मन से एल्बम को हाथ मे लिया और आनन्द की फोटो जो शिप्रा दिखाई थी उस पर हाथ फेरने लगी दो बूँद उसकी आँखों से निकल कर फ़ोटो पर गिर गए ।

तभी कमरे में प्रकाश बोलते हुए आए -” आरती वो मेरी किताब … वो इतना ही बोल पाए थे कि आरती ने मुँह ऊपर उठाया और अपने पल्लू से आँखों को पोंछती हुई बोली .. कौन सी किताब ? पलंग पर एलबम में आनन्द की फोटो पर प्रकाश की नज़र गई और वो सब समझ गए उन्होंने सांस भरी और आरती को अपनी बाहों में भर लिया । आरती फूट -फूट कर प्रकाश के सीने से लिपट कर रोने लगी। प्रकाश उसके सिर पर हाथ फेर कर कुछ रुआंसा से हो गया ।

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बीता हुआ वक़्त फिर से दोनों को याद गया । आनन्द की शादी बड़ी सी सुंदर सी लड़की नीलू से तय हुई माँ , पिताजी दोनों नही थे उसके …..चाचा ने ही उसे पाल- पोस कर बड़ा किया था और उन्होंने शादी भी नही की थी ।

वो एक ही नज़र में आरती ,अम्मा और प्रकाश को पसंद आ गई थी।

आनन्द को भी नीलू बहुत अच्छी लगी। सब कुछ तय हो गया जल्दी ही शादी का दिन आ गया आरती बहुत खुश थी एक तो नीलू बहुत ही प्यारी थी और दूसरे उसे कोई साथी मिल जाएगा । वो खूब दौड़- दौड़ कर काम कर रही थी। सारी रस्में होने के बाद ट्रेन से बारात लेकर वो नीलू के गाँव मे पहुँचे । खूब अच्छी शादी हुई । दूसरे दिन विदाई थी नीलू के चाचा ने नम आँखों से उसे विदा किया । और स्टेशन पर छोड़ने आये ।उन्होंने प्रकाश और अम्मा से नीलू का ख़्याल रखने को बोला और हाथ जोड़ लिए।

सब वापस आ गए और शादी की की रस्में हुई अगले दिन पूजा थी तभी आनन्द को हार्टअटैक आ गया और उसने वही पर दम तोड़ दिया ।खुशी के माहौल में मातम छा गया।

नीलू तो सन्न रह गई। किसी को कुछ समझ मे नही

आया । डेढ़ महीने बाद पता चला कि नीलू माँ बनने वाली है । अम्मा का सुन कर बुरा हाल हो गया उन्होंने तभी की तभी नीलू को घर छोड़ कर जाने के लिए बोल दिया |

प्रकाश और आरती ने अम्मा को बहुत समझने की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक नही सुनी।

हार कर नीलू को उसके चाचा के पास भेज दिया । और अम्मा ने फरमान जारी कर दिया कि कोई उसका नाम नही लगा और न ही कोई उसकी ख़बर लेगा की वो कहाँ है। अगर उनको पता चला तो वो उससे भी नाता तोड़ लेंगी ।

उसकी कोई भी तस्वीर इस घर मे नही होनी चाहिए।

समय बीता अम्मा का देहांत हो गया प्रकाश ने आरती के कहने पर कोशिश की नीलू को ढूँढने की लेकिन पता चला कि वो घर बेच कर चली गई कहाँ ये किसी को भी पता नही।

आरती अभी भी सिसक रही थी प्रकाश ने उसे पलंग पर बिठाया और पानी दिया । वो कुछ बोले नही बस उनके पास बैठ गए।

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■ ■ ■ ■

अगले दिन ऑफिस में

शिप्रा बार – बार समीर की तरफ देख रही थी तभी पीछे से काजल आ कर बोली ” शर्म कर यार ..छोटा है तुझसे खा ही जाएगी क्या उसको”?

उफ़्फ़ …शिप्रा बोली अरे ! तू यहां बैठ पहले और ये फोटो देख। काजल ने फ़ोटो देखी आश्चर्य करते हुए बोली अरे रे रे रे रे ये तो बिल्कुल समीर जैसे है ।

शिप्रा बोली ‘” हाँ … मैने तुझे बताया था ना ।

काजल बोली इसकी इंफॉर्मेशन निकल लेते है नई जॉइनिंग है तो मिल जाएगी मैं ऑफिस से पता करती हूँ।

उसकी ज़रूरत नही शिप्रा बोली मैने सब देख लिया । ये दिल्ली का ही है यमुना नगर में रहता है । सारी पढ़ाई यहीं पर की है।

काजल बोली-” अच्छा तो पूछ लेते है कि घर मे कौन – कौन

है “?

शिप्रा बोली ” क्या ऐसे पूछना ठीक होगा ?”

काजल बोली -” देख .. एक बार पूछ कर सब पता चलेगा वरना ऐसे तो कुछ नही हो सकता और हम तो रिपोर्टर है हमारा तो काम ही ये है ना ख़बर निकलना …कह कर उसने आँख मार दी और बोली रुक लंच टाइम में पूछते है ।”

लंच टाइम होते ही काजल और शिप्रा समीर के पास गई और बोली ” हैलो समीर … समीर ने शिप्रा और काजल को देखा तो अपनी कुर्सी से खड़ा गया और झुक कर हैलो बोला – हैलो मैम …. बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?

शिप्रा बोली “समीर कुछ बात करनी है तुमसे लंच करते है साथ मे ?

ओके मैम – समीर ने अपना काम बंद किया और उन दोनों के साथ चल दिया।

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वो लोग ऑफिस के बाहर एक होटल में आ गए । काजल ने खाने का आर्डर दिया और शिप्रा को पूछने का इशारा किया ।

शिप्रा समीर से बोली – ” समीर बात ऐसी है कि ….इतना कह कर उसने फ़ोटो निकल कर समीर के सामने रख दी और बोली ” ये मेरे चाचा की फ़ोटो है …और वो अब नही है लेकिन तुम्हारी शक़्ल बिल्कुल उनसे मिलती है….तो मैं थोड़ा परेशान हूँ कि ऐसा कैसे हो सकता है कि तुम्हारी शक़्ल मेरे चाचा से इतनी मिलती है”।

समीर ने फ़ोटो को अपने हाथ मे लिया और वो ख़ुद भी आश्चर्य में पड़ गया वो बडे ग़ौर से उसको देखना लगा फिर बोला -” हाँ ये तो बिल्कुल मेरे जैसे दिखते है । लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है ….मैं तो आपको जानता भी नही हूँ |

कभी पहले देखा भी नही “।

शिप्रा बोली “यही बात मुझे परेशान कर रही है ? “

अच्छा …तुम्हारी मम्मी का क्या नाम है ?

नीलिमा सक्सैना समीर बोला

और पापा ? काजल ने पूछा

समीर बोला कि मैने जब से होश संभाला मम्मी को ही देखा और हमारे चाचा नाना को मतलब मम्मी के चाचा

को ।

“और तुम्हारे पापा “? शिप्रा ने पूछा

समीर बोला “- उनके बारे में ज़्यादा नही पता मुझे बस इतना पता है कि वो नही है | मेरे जन्म से पहले ही वो ये दुनिया छोड़ कर चले गए | उनकी कोई तस्वीर भी मैंने देखी नहीं और कभी नाना या मम्मी उनका ज़िक्र करते नहीं |

‘मतलब सिंगल मदर – शिप्रा बोली”

ह्म्म्म समीर – “बोला आप ऐसा कह सकते हो” ।

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तुम्हारी मम्मी की कोई तस्वीर है तुम्हारे पास ?

हाँ है ये कह कर समीर ने अपने फ़ोन में नीलिमा की तस्वीर दिखाई ।

लेकिन शिप्रा को कुछ याद नही आया कि उसने कही देखा है उन्हें या नही ।

काजल बोली कि ये तो सच है कि तुम शिप्रा के चाचा जैसे दिखते हो और एक बात ये भी सच है कि अब वो इस दुनिया मे नही है और उनकी शादी के अगले दिन ही उनका देहांत ही गया । तो अब बात ये है कि इनकी शक़्ल तुमसे इतनी क्यों मिलती है ?

काजल बोली शिप्रा एक काम करते है परसो संडे है तो क्यों ना तुम समीर को इसकी मम्मी के साथ अपने घर बुला लो । अंकल आंटी को भी तो मिलना ही है ना समीर से ।

ग्रेट ओके ….कह कर शिप्रा ने समीर को बोला “समीर परसो शाम को मेरे घर आ रहे हो तुम अपनी मम्मी के

साथ।

जी… मैं ?

मैं .. मैं कुछ नही आना है बस शिप्रा बोली ।

ठीक है कह कर समीर अपना खाना खाने लगा।

शिप्रा ने रात को घर आकर आरती और प्रकाश को बता दिया कि समीर को उसने संडे की शाम को घर बुलाया है ।

संडे की शाम को आरती खाना बनाने में व्यस्त थी शिप्रा और काजल दिनों उसकी मदद कर रहे थे। फिर सब तैयार होने चले गए ।

■ ■ ■ ■

घर की घंटी बजी शिप्रा दरवाज़ा खोलने के लिए गई दरवाज़े पर समीर खड़ा था अपनी मम्मी के साथ उसने मुस्कुरा कर अंदर आने को बोला और काजल को आवाज़ लगाई .. काजल बाहर आजा समीर आ गया । और दोनों को बैठने का इशारा किया । काजल आई और दोनों ने उन्हें हाथ जोड़ कर नमस्ते कहा । शिप्रा अपनी मम्मी- पाप को बुलाने अंदर चली गई ।

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आरती अपनी साड़ी ठीक करते हुए लिविंग रूम में आई नमस्ते करने के लिए जैसे ही हाथ जोड़ने लगी उसकी नज़र समीर पर गई और फिर नीलिमा पर वो एकदम से वही पर जम सी गई पीछे से प्रकाश ने बोला क्या हुआ? चलो ….. आरती कुछ बोल नही पा रही थी प्रकाश ने दोबारा कहा और सामने समीर और नीलिमा को देखा । वो हैरानी से दोनों को देखे जा रहा था ।

नीलिमा उठ कर खड़ी हो गई और आरती के पास जाने के लिए आगे बढ़ी उसकी ऑंखों में आँसू आ गए वो जल्दी से जाकर उसके पैर छूने के लिए नीचे झुकी ही थी कि आरती न उसे कस कर गले से लगा लिया और रोने लगी ।

नीलिमा ने भी आरती को कस कर पकड़ रखा था ।

शिप्रा, काजल ,समीर हैरान होकर देख रहे थे प्रकाश की ऑंखों में भी आँसू थे ।

पीछे से रुचि भी पानी की ट्रे लिए खड़ी सब देख रही थी ।

सिसकी भरते हुए आरती ने नीलिमा को सोफे पर

बैठाया । फिर उसने समीर को देखा ..समीर ने झुक कर पैर छुए और आरती ने नीलिमा की तरफ देखा उसने “हाँ ” में सिर हिलाया । प्रकाश ने भी आगे बढ़ कर समीर को गले से लगा लिया और उनकी आँखों से आँसू निकल आए ।

सब शांत थे बाक़ी किसी को कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन शिप्रा कुछ कुछ समझ रही थी ।

तभी नीलिमा बोली “दीदी समीर आनन्द का ही बेटा है ।”

सब आश्चर्य से उसकी तरफ देख रहे थे क्योंकि सबको ये ही पता था कि शादी के अगले दिन ही आनन्द का देहांत हो गया था और वो दिनों एक साथ रहे ही नही तो कब ये सब..?

नीलिमा ने सांस भरते हुए कहा “दीदी मेरी विदाई के बाद ट्रेन में जब आप सब लोग हम दोनों को छोड़ कर सोने चले गए तो हम कुछ ज़्यादा ही क़रीब आ गए मैने आनन्द को बहुत मना भी किया लेकिन उन्होंने मेरी एक नही सुनी और इतना कह कर वो चुप हो गई “

फिर थोड़ा रुक कर बोली …मैं क्या बताती किसी को और कोई विश्वास ही नही करता । आपको भी बताना चाहा लेकिन नही बता सकी क्योकि मुझे खुद ही कुछ समझ नही आ रहा था ।

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मैं आपकी परेशानियां नही बढ़ाना नहीं चाहती थी….इसीलिए चाचा के पास आ गई । उन्होंने मुझसे कुछ नही कहा और मुझ पर भरोसा किया वो शहर छोड़ दिया और दिल्ली आ गए। चाचा पहले दिल्ली में ही रहा करते थे |

समीर के जन्म के बाद मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की और नौकरी की चाचा ने समीर की ज़िम्मेदार उठा ली ।

5 साल पहले ही वो हमें छोड़ कर चले गए ।

आरती ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और बोली -” अगर शिप्रा ने समीर को ना देखा होता या ज़िद ना की होती तो हम तो कभी तुमको देख ही नही पाते “

प्रकाश ने भी कहा ” अम्मा की वजह से हम तुमको ढूँढने ज़्यादा दूर जा ही नही सके कसम दे दी थी उन्होंने और उनके देहांत के बाद तुम कही मिली ही नही ।”

नीलिमा बोली – ” भइया जी आपकी कोई गलती नही है …ना ही अम्मा जी की वो सब क़िस्मत की बात थी और देखिए ना ये भी क़िस्मत की ही बात है कि हम सब मिल गए ।”

“लेकिन आप सब दिल्ली में कैसे ..नीलिमा ने पूछा “?

प्रकाश ने कहा -” मेरा रिटायरमेंट हो गया शिप्रा को यह जॉब मिल गई रुचि को डॉक्टरी की पढ़ाई करनी थी और उसका एडमिशन भी यही हो गया । इसलिए हम वहाँ का सब बेच कर यही आ गए ।”

तभी शिप्रा बोली “मतलब आप नीलू चाची है और ये हमारा भाई समीर ?”

हाँ …गर्दन हिला कर नीलिमा ने कहा और शिप्रा के गाल पर हाथ रख कर बोली तुम बहुत छोटी थी तब मैने तुम्हें देखा था ।

तभी रुचि बोली “अरे मैं भी हूँ चाची ज़ोर से बोलते हुए वो नीलिमा के गले लग गई “।

नीलिमा ने दोनों को गले लगा लिया और समीर की तरफ देखते हुए बोली ” समीर ये दोनों तुम्हारी बहने है “

समीर अपनी जगह से उठ कर खड़ा हो गया और जा कर उन सब को गले से लगा लिया ।

नीलिमा ने समीर को कहा ” समीर ……

समीर ने कहा -“कुछ कहने की ज़रुरत नही है मम्मी मैं समझ सकता हूँ मैं आपको किसी भी बात के लिए दोष नही दूँगा मुझे

अपने मिल गए और क्या चाहिए |

प्रकाश बोले “- अब हम सब साथ रहेंगे जो होना था हो गया ।”

सबकी आँखों मे खुशी के आँसू थे।

काजल को तो यकीन ही नही हो रहा था । वो कोने में खड़ी होकर देख रही थी ।

तभी वो बोली ” आंटी अब तो सब ठीक हो गया सब मिल गए अब खाना खाले भूख लगी है”?

शिप्रा हँसते हुए बोली हाँ ..हाँ …क्यों नहीं… चलो रुचि खाना लगते है।

आरती ने नीलिमा से कहा …बहुत अच्छी परवरिश की है तुमने समीर की । नीलिमा मुस्कुरा दी ।

कभी – कभी जिंदगी हमसे सब कुछ ले जाती जी लेकिन वापस भी दुगुना करती है ।

अन्नु माथुर

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