Moral stories in hindi प्रिया का दिमाग शेखर के बारे में सोच सोच कर परेशान हो गया था।
कल फिर उससे मिलना होगा। सोचते सोचते वो सो गई
अब आगे-
अगले दिन सुबह उठी सिर भारी था। ब्लैक टी बना एक बिस्किट खा कर डिस्प्रीन निगल कर वापस लेट गई।
आधा घंटे बाद उठी तो फिर ऑफिस में फोन किया सर मैं आज नहीं आ पाऊंगी तबीयत कुछ ठीक नहीं है।
प्रिया आना जरूरी है। “इट्स अर्जेंट”
जाना ही पड़ेगा।
बेमन से तैयार होने लगी अलमारी खोली बेकार कपड़े ढूंढने लगी।
पर उसकी च्वाइस हमेशा क्लासी थी।
वो चाहती थी कि वो ऐसी लगे कि शेखर क्या कोई भी उसकी तरफ देखना भी न चाहे।
पर ऐसा कुछ नहीं मिला जिसमें बुरी लग सकती थी।
काश! मैं नाइटी में जा सकती। अपने इस ख्याल पर उसे खुद हंसी आ गई।
उसने स्काई ब्लू बेस डार्क ब्लू जरी बार्डर सिल्क साड़ी के साथ कानों में उसी कलर के मीनाकारी स्टड से लुक कम्पलीट किया।
ब्लू कलर की छोटी सी बिंदी लगाकर बालों में ढ़ीला सा जूड़ा बना लिया।
एक हाथ में कड़ा डाल दूसरे हाथ में घड़ी पहन ली। मिरर में देखा तो खुद कन्फ्यूज हो गई कि बेकार ऐसे लगते हैं??
जब वह पहुंची तो लोग उसे नोटिस कर रहे थे कुछ कलीग्स ने तो उसे कॉम्प्लीमेंट भी किया।
आज उसने बैठने के लिए ऐसी जगह चुनी जहां से उस पर किसी का ध्यान न जाए।
पर सर ने उसे बुला कर आगे बैठा दिया।
शेखर ठीक उसके सामने बैठा था प्रिया ने उसे टोटली इग्नोर कर दिया।
जैसे ही लंच टाइम हुआ प्रिया सबके बीच बैठ गई ताकि शेखर उसे तंग न कर सके। तभी किसी ने उसे एक नोट पकड़ा दिया।
उस पर लिखा था “माई लव” शाम को मिलते हैं।
उसने नोट फाड़ कर डस्टबिन में डाल दिया।
लंच करने बैठी पर खाना गले से नीचे नहीं उतरा।
जैसे ही प्रोग्राम खत्म हुआ वो जल्दी जल्दी लगभग दौड़ कर निकल गई।
आज दी के घर चली जाती हूं।
क्योंकि वो देख चुकी थी कि शेखर मीडिया से बात कर रहा था।
प्रिया ने गाड़ी स्टार्ट की और बाहर निकल गई।
दी के घर पहुंच कर जान में जान आई।
उसने बच्चों को गले से लगा लिया।
दी उसे बड़े प्यार से देख रही थी।
आज बहुत खूबसूरत लग रही है।
चल आजा चाय पीते हैं। सच्ची दी आपकी अदरक वाली चाय बहुत मिस कर रही थी।
चलो पिलाओ।
कुछ दिन यहीं रुक जा।
दी कल छुट्टी है परसों चली जाऊंगी।
ऑफिस दूर पड़ता है यहां से।
तेरा बैग कहां है??? आज आपके कपड़े पहन लूंगी।
चल आजा चेंज कर ले आराम से बैठ तब बात करते हैं।
दी मां नहीं है पर आप मां जैसी परवाह करते हो वही प्यार आप में महसूस करती हूं।
उसकी आंखों में आसूं झिलमिलाने लगे।
पगली दी ने प्यार से उसे गले लगा लिया।
सोचने लगी दी को शेखर के बारे में बता दूं पर क्या बताऊं??? कविता से बात करूंगी वही उसे समझा देगी।
डिनर में दी ने उसकी पसंद के भरवां करेले, मशरूम पनीर बनाया बड़े प्यार से उसे जबरदस्ती खिला रही थी।
जीजा जी कह रहे थे प्रिया खा लो ऐसा मौका कभी कभी नसीब होता है। मुझ पर तो तुम्हारी दी हर समय गुस्सा रहती है।
दी की सासू मां ने जीजा जी को डांटते हुए कहा
राजेश बेटियों की बराबरी नहीं करनी चाहिए वो भी मेरी बेटी है।
बेटा तू तो आती नहीं है आ जाया कर मन लगा रहेगा।
जी मां जरूर आऊंगी।
बातें करते करते बारह बज गए।
दी को गुडनाईट कह कर सोने के लिए रूम में आ गई।
नींद आई तो सपने में भी शेखर दिखाई दिया हड़बड़ा कर जाग गई।
उठ कर बैठ गई पानी पिया। पता नहीं मुझे क्या हो गया है???
फिर खुद से कहा प्रिया सोने की कोशिश कर।
अगली सुबह देर से उठी तो खुद पर शर्म आ रही थी।
दीदी की सासू मां पूजा करके निवृत्त हो चुकी थीं
प्रिया आओ साथ में चाय पिएंगे।
गुनगुने पानी के बाद चाय पी कर लॉन में टहलने लगी।
आज सचमुच उसे सुकून महसूस हो रहा था।
नहा धोकर दी के साथ बैठ गई तभी उसका फोन बज उठा।
फोन देखा तो मालती का फोन था।
मेमसाब आप कहां हो मैं घर के बाहर खड़ी हूं।
मालती को बता कर वो आश्वस्त हो गई।
फोन उठा कर व्हाट्स ऐप चैक करने लगी। व्हाट्सएप पर मैसेज था
“अजी रूठ कर कहां जाइएगा जहां जाइएगा हमें पाइएगा।”
क्या करूं???? व्हाट्सएप पर ब्लॉक कर दिया।
सोच विचार कर उसने तय कर लिया था।
अब वो उससे सीधे सीधे बात करेगी और उसे कह देगी
कि वो उसमें इंटरेस्टेड नहीं है।
वो रिच फैमिली से बिलांग नहीं करती लेकिन ब्यूरोक्रेट्स क्लास से आती है।
वो सोच रही थी मैंने ये इज्जत ये ओहदा अपनी मेहनत से
हासिल किया है।
उसका क्या है???
बाप दादा की कमाई पर सीईओ बन कर बैठ गया है।
मेरा और उसका कोई मुकाबला नहीं है।
बेतहजीब इंसान
शेखर के बारे में जितना ज्यादा सोचती उसे उतना ही
गुस्सा आ जाता।
आगे क्या हुआ??? पढ़ेंगे तो हंसे बिना नहीं रह पाएंगे।
क्रमशः
Very nice story
Please merge it with path 6