सुनो न संजू, हम अपने ड्राइंग 2 टन का AC लगवा लें क्या? इस बार हमारे घर में “किटी पार्टी” हो रही हैं लेडीज़ की, यह कूलर बिल्कुल चीप टाइप लगता है..
तुम्हें नहीं पता है अनुष्का, तुम से शादी करके तो मैं रोज खून के आँसू रोता हूँ… कहकर उसका पति संजू उर्फ़ संजय गुस्से से बिना खाये पीयें ही बेडरूम में सोने चला गया।
संजय के यह तीखे बोल सुनकर अनुष्का स्तब्ध रह गई..अभी 3 साल पहले ही तो मुझसे प्रेम विवाह किया था, तब यही संजय जी कहतें थे कि मैं तुम्हें पलकों पर बिठाकर रखूँगा, शादी होने और बेटे के हो जाने के बाद अब वही प्रेमिका बीबी बन जाने के बाद क्या खून के आँसू रुलाने लगती हैं।
जब तक अनुष्का बेडरूम में सोने आई, संजय सो चुके थे, मग़र अनुष्का के आँखों की नींद ग़ायब थी.. उसने देखा कि संजय ने बेडरूम का AC भी ऑन नहीं किया है अभी, उफ़्फ़ इतनीं गर्मी में सिर्फ़ पंखे में कैसे सो लेतें हैं यह ..अनुष्का ने रिमोट से AC ऑन किया और फिर सोच में डूब गई..
क्या इनकी जिंदगी में कोई और आ गई है? या मुझसे इनका मन भर गया है? आख़िर क्या ग़लत डिमांड कर दी उसने संजू से जो उसे इतना गुस्सा आ गया है.. अरे मेरे पापाजी ने तो कहा ही था कि वह हमारे घर के सारे कमरों में AC लगवा देंगे, फिर संजू को इतना संकोच क्यों हो रहा है, AC लगवाने में, कौन सा उनकी जेब का पैसा खर्च हो जाएगा..
अनुष्का और संजय ने 3 वर्ष पूर्व प्रेम विवाह किया था, दोनों साथ ही पढ़ते थे, साथ पढ़ते पढ़ते ही दोनों एक दूसरे के प्रेम में डूब गये थे, दोनों ही सजातीय थे, लेकिन दोनों के रहन सहन में जमीन आसमान का फ़र्क था.. संजय मध्यमवर्गीय परिवार से आता था, जबकि अनुष्का के पिता शहर के नामी उद्योगपति थे..
इसी जमीन आसमान के फर्क की वजह से संजय ने अनुष्का से विवाह करने को मना कर दिया था, मग़र अनुष्का की जिद को देखते हुये अपना जॉब लगने के बाद विवाह की शर्त रखी..
संजय की इसी खुद्दारी की वजह से अनुष्का के पिता सेठ धनपत को संजय बहुत पसंद था।
जैसे ही संजय बैंक का प्रोबेशनरी ऑफिसर बना, वह अपने माता-पिता के साथ सेठ धनपत जी से अनुष्का का हाँथ माँगने.. सेठ धनपत ने बड़े धूमधाम से अपनी बेटी की शादी की और उसे स्वेच्छा से गृहस्थी की सारी वस्तुएं दी।
विवाह तक तो संजय ने अनुष्का को कुछ न कहा, परन्तु विवाह के बाद उसने सेठ धनपत और अनुष्का को साफ साफ कह दिया कि अब अनुष्का मेरी पत्नी है, मैं अपने सामर्थ्य के अनुसार उसका भरण पोषण करने में सक्षम हूँ, यदि फिर भी आपने मुझे कोई आर्थिक मदद या उपहार दिया तो वह मुझपर कर्ज़ रहेगा।धनपत जी तो कायल थे ही संजय को खुद्दारी के, मग़र अनुष्का को यह बात पसन्द नहीं आई। अनुष्का को तो येन केन प्रकारेण अपने विवाह से पूर्व वाले स्टेटस की आदत पड़ चुकी थी।
संजय ने बेटे दीपक के जन्म से पहले ही एक फ्लैट खरीदा था, जिसकी किश्तों में उसकी एक तिहाई तनख़्वाह निकल जाती थी, फिर कार, बड़ा फ्लैट टीवी.. अनुष्का और बेटे दीपू के महंगे ब्रांडेड कपड़े, ब्यूटी पार्लर, अनुष्का की किटी पार्टी इन सब के खर्चों में संजय त्रस्त हो चुका था, अब यह ड्राइंग रूम में AC की डिमांड सुनकर संजय आपा खो चुका था।
अगले दिन पड़ोस में जोर जोर से झगड़ने की आवाज सुनकर संजय और अनुष्का की नींद खुली.. पड़ोसन नीलम भाभी के जोर जोर से रोने की आवाज़ आ रही थी, जबकि उसका पति पंकज उसे मारना पीटना बन्द ही नहीं कर रहा था।
दोपहर को अपना सारा काम निपटाने के बाद अनुष्का सारा माजरा समझने के लिये अपनी पड़ौसन नीलम भाभी को जब अपने घर पर बुलाया तो देखा कि नीलम भाभी के माथे पर चोट के निशान हैं, गालों एवम बाँहो में लाल नीले निशान उन पर की गई पति की यातना की बिना पूछे गवाही दे रहें थे.. अनुष्का के थोड़ा सा जोर देकर पूछने पर नीलम भाभी फफककर रो पड़ी.. बोली मेरे पिता का बहुत बड़ा व्यवसाय है, हम तीन बहनों में मैं ही सबसे बड़ी हूँ, पंकज से शादी में उन्होंने पंकज के परिवार द्वारा दहेज में मांगें 21 लाख रूपये, 30 तोला सोना, कार, पूरी गृहस्थी बसाने में 1 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिया..फिर भी पंकज और उसके परिवार के द्वारा हर बार बड़ी बड़ी डिमांड रख दी जाती, कभी ननद को ज्वैलरी, कभी आई फोन, क़भी वेकेशन ट्रिप सब मेरे पिता ही करतें हैं, मेरे मना करने पर पंकज मुझसे मारपीट करके घर से निकाल देने की धमकी देतें हैं। अभी कल ही ड्राइंगरूम में बड़ा AC लगवाने के लिए मुझसे मेरे पिता से 50 हज़ार रुपये मांगने से मना करने पर मुझसे मारपीट कर रहे थे। अब मैं कितना माँगू अपने पिता से, मैं इकलौती बेटी तो नहीं हूँ न, बाक़ी दोनों बहनों का भी तो ब्याह करना है पिताजी को..
नीलम भाभी के जाते ही अनुष्का की आँखे खुल गई, वह मन ही मन अपनी गलतियों के बारे में सोच सोचकर पश्चाताप से रो रही थी, कितना फर्क है इस पंकज और मेरे संजू में..इसे मेरे पिता सबकुछ सहर्ष देना चाहतें हैं तो स्वाभिमान के कारण लेना नहीं चाहता, और वह दहेज के लालच में अपनी पत्नी की जान लेने को उतारू हैं।
अनुष्का ने निश्चय कर लिया कि अब वह इस दिखावटी जीवन में नहीं रहेगी, उसने तुरंत ही अपनी सहेलियों से स्पष्ट किया कि वह कुछ व्यक्तिगत कारणों से किटीपार्टी ग्रुप छोड़ रही है, उसके किटी ग्रुप में अब तक जमा तीस हजार रुपये वापस कर दें।
शाम को संजय के आने से पहले उसकी एक फ्रेंड अनुष्का को घर पर 30 हज़ार रुपये देकर चली गई। संजय के आने पर अनुष्का ने संजय के साथ चाय पीते पीते उसके हाथ में 30 हज़ार रुपये देकर कहा कि इसे अपनी कार के लोन में डिपॉजिट कर दो, और हमें कोई AC नही लगवाना यह कूलर ही अच्छा वेंटिलेशन देता है।
संजय ने 30हज़ार रूपये की औऱ देखकर अनुष्का से पूछा यह रुपये क्यों पिताजी से माँगकर लाई हो, मैं सक्षम हूँ कार लोन भरने को…
अनुष्का ने कहा नहीं यह रुपये पिताजी ने नहीं दिये बल्कि मेरे ही हैं, 6 महीने से किटी पार्टी में जमा किये हुये.. मैने किटी ग्रुप छोड़ दिया है, अब मैं भी कुछ न कुछ जॉब करके तुम्हारे अकेले पर पड़े भार को कम करने में मदद करूंगी।
संजय ने ख़ुशी से अनुष्का को बाँहों में भरकर कहा ..कमाल हो यार तुम तो.. एक दिन ‘खून के आँसू रुलाती हो” और अगले ही दिन खुशी के आँसू निकलवाती हो…
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अविनाश स आठल्ये