नीरा एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला ,मई का महीना ,भीषण गर्मी ! कूलर महाराज भी टाय बोल गए ! भई और कितना साथ देते ! 10 साल से तो लगातार निहस्वार्थ भाव से पूरे घर को ठंडी हवा दे रहे थे ! पतिदेव ने कहा – अब क्या सही करवाये यार इसे ,बहुत पैसा लग जायेगा ! अब लगभग घरों में एसी लग गयी हैँ ! सोच रहा हूँ इस महीने बचत थोड़ी ठीकठाक हो गयी हैँ ,एसी लगवा लूँ !
नीरा ,जो बिना सांस लिए दाल चावल खा रही थी ,उसे पतिदेव के मुंह से एसी की बात सुन ढसका लग गया ! पतिदेव ने पानी पिलाया – क्या हुआ भाग्यवान ,मुझे तो लगा कहीं एसी की हवा खाने से पहले ही तुम परलोक सिधार जाओगी !
ए जी ,तुम सही कह रहे हो क्या ,हमारे घर में भी वो एसी ज़िसमे ना तो शरीर से बदबू आती हैं ,सारा घर ठंडा बना रहता है ,वो लगवाओगे ! कह तो सही रहे हो अब तो घर घर में एसी हो गया हैँ ! हर साल मोहल्ले की कोई ना कोई औरत मुझे चिढ़ाती हैँ कि आज उसके यहाँ एसी लगा हैँ ! वो विनिता जी तो कह रही कल नीरा अबकी बार कूलर बदल लेना ! बहुत आवाज करता हैँ तेरा कूलर ,सर दर्द हो जाता हैँ ! अब मैं भी दिखाऊंगी सबको कि मेरे यहाँ भी एसी लग गया हैँ !
नीरज (पतिदेव ) – ठीक हैँ देवी जी ,दिखा देना ! अभी तो सो जायें ! नीरा को एसी की ख़ुशी में पूरी रात नींद नहीं आयी ! अगले दिन एसी आ गया ,कम्पनी का आदमी इन्सटाल कर गया ! पर नीरा का मन अभी भी कहीं नहीं लग रहा था !
इस कहानी को भी पढ़ें:
तिल तिल कर टूटता परिवार – कामिनी मिश्रा कनक
नीरज – अब भी खुश नहीं हो क्या पत्नी जी ,ऐसे बाहर बार बार चक्कर क्यूँ लगा रही हो !
नीरा – किसी के यहाँ चीनी भी आती हैं मोहल्ले में तो सबको खबर हो जाती हैँ ,तुम खड़ी दोपहर में एसी लेकर आयें ,किसी ने नहीं देखा ! ऊपर से लगवाया पीछे वाले कमरे में ! किसी को दिखेगा ही नहीं !
नीरज – तो इसमें दिखाना क्या है ,ये तो आम बात हो गयी हैँ देवी जी ! अब आओ ठंडी हवा खाओ थोड़ा रोमांस करते हैँ !
नीरा – तुम्हे रोमांस की पड़ी हैँ ,मेरा मन नहीं लग रहा ! मैं जा रही विनिता के यहाँ बताने कि मेरे यहाँ भी तेरे से बड़ा एसी लगा हैँ !
जल्दी से चार ल्ड्डू ले नीरा विनिता के यहाँ आ गयी ! देखकर खुश हो गयी कि मोहल्ले की सभी पंचाइतीन औरतों का ज़मावड़ा यहीं मौजूद था ,क्यूंकी विनिता के यहाँ नई फोरविलर जो आयी थी ! नीरा उदास हो गयी कि अब कौन मेरी ख़ुशी की बात सुनेगा ! तभी पीछे से नीरज (पतिदेव ) आयें और नीरा के उदास चेहरे को देखते हुए बोले – भई ,आज तो दो ख़ुशी की बात हो गयी मोहल्ले में ,हमारे यहाँ एसी आया और आपके यहाँ गाड़ी ! सभी लोग नीरज और नीरा को बधाइयाँ देने लगे ! नीरा पतिदेव को देख मुस्कुरा दी !
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा