बिजली गिर गई  – गौतम जैन

रात गहन अन्धकार में सन्नाटे को चीरती हुई मुसला-धार बारिश….सांय-सांय की आवाज के साथ तूफानी हवाएं…..रह रह कर आसमान का सीना चीरकर कहर बरपाती बिजलियां ….. और गड़गड़ाहट …… वातावरण को बेहद भयावह बना रही थी ।

        तेज हवाएं कार की गति अनियंत्रित कर रही थी ।बड़ी मुश्किल से धीरे धीरे कार आगे बढ़ रही थी तभी अचानक कार का इंजन बंद हो गया हैंड लाइट भी बंद पड गई । अंधकार और घना हो गया ।

           नीरज काफी देर कार स्टार्ट करने की कोशिश करता रहा मगर इतनी तेज बारिश और भयानक रात में बाहर जाकर चेक करने की हिम्मत नहीं हुई । काफी देर की कोशिश के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ,कार स्टार्ट नहीं हुई तो थक हार कर उस पल को कोसने लगा जब रात में ही निकलने का फैसला किया था ।

           काफी देर हो चुकी थी मगर कोई वाहन उधर से नहीं गुजरा नहीं कोई मदद मिली । और ऐसी सुनसान व भयावह रात में डर भी लगने लगा ।

         तभी अचानक जोर की गड़गड़ाहट के साथ बिजली चमकी और कार के शीशे के पार एक चेहरा नजर आया…..लगा जैसे कोई परछाई कार की तरफ बढ़ रही हो ……. ‌नीरज के रोंगटे खड़े हो गए । तभी उस परछाई ने विंडो के शीशे

को थपथपाया ।

        हेलो ….सुनिये….। किसी लड़की की आवाज सुन नीरज और भी घबरा गया उपन्यासों और फिल्मों में देखें भूतों और चुड़ैलों वाले दृष्य़ों को याद कर रोंगटे खड़े हो गए । फिर भी हिम्मत कर पुछा ।

“तुम कौन हो …..? और इतनी तुफानी रात में अकेले क्या कर रही हो ??”

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        जी , मेरी कार भी यहां से जरा आगे जाकर बंद हो गई है । मैंने आपकी कार की हैडलाइट आते हुए देखी मगर कुछ देर में वह भी बंद हो गई मुझे लगा की आपकी कार भी बंद हो गई होगी अकेले डर भी लग रहा था काफी देर तक हिम्मत जुटा कर यहां तक आई हूं । लड़की ने कंपकंपाते हुए कहा

          तभी बिजली पुनः चमकी और दिमाग का फ्यूज उड़ गया लड़की थी या कयामत बारीश में भीगे कपड़ों में भीगा सुंदर चेहरा गजब ढा रहा था । एक क्षण को बिजली चमकी और पुनः अंधकार छा गया । मगर बिजली सीधे दिल पर गिरी थी । और नीरज अपने आपको गेट खोलने से नहीं रोक पाया और हिचकते हुए सामने का गेट खोल दिया वह लड़की भी जल्दी से बगल वाली सीट पर आकर बैठ गई ,और दरवाजा बंद कर लिया ।

         ” कौन हो तुम … ? और इस तूफानी रात में यहां क्या कर रही हो….?? ” नीरज ने प्रश्न दागे

        जी मेरा नाम ज्योती है …..मैं नागपुर में रह कर पढ़ाई कर रही हूं ,….और रायपुर जा रही थी । कल मेरी सगाई हो रही है अभी लाकडाऊन की वजह से कोई साधन नहीं था तो बाईं रोड़ कार से जा रही थी कि ये मुसीबत आ खड़ी हुई । और आप ?

   जी मेरा नाम नीरज है मैं भी रायपुर ही जा रहा था नागपुर बिजनेस के सिलसिले में बाई कार ही आया था और काम खत्म कर लौट रहा था । मौसम बिल्कुल साफ था तो रात में ही रवाना हो गया । और अचानक ही मौसम चेंज हो गया और यहां फंस गया । नीरज ने कहा ।




        एक-दूसरे का परिचय जान दोनों ने राहत की सांस ली डर भी कम हुआ ।

       अच्छा हुआ मैं हिम्मत करके यहां आ गई वरना अकेले डर के मारे बुरा हाल होता एक से दो भले ज्योती ने कहा ।

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        हां यही हाल मेरा भी था । एक पल को लगा की कोई मेरी कार की ओर आ रहा है तो मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए थे और हारर फिल्मों के डरावने सीन याद आ गए ।

तो आप मुझे चुड़ैल समझ रहे थे । दोनों ही हंस पड़े ।

        बातों बातों में ही अच्छी दोस्ती हो गई दिन निकल आया बारिश भी रुक गई थी । नीरज बोनट खोल कर कार स्टार्ट करने की कोशिश करने लगा कुछ देर कोशिश करने के बाद कार स्टार्ट हो गई । ज्योती की कार तक आए उसे भी ठीक करने की कोशिश की मगर काफी कोशिश के बाद भी स्टार्ट नहीं हुई तो नीरज बोला चलो तुम मेरी कार में ही चलो मेकैनिक को भेज देना वो ठीक कर के ले आएगा ।

     रायपुर पहुंच कर नीरज ज्योती को घर छोड़ा ज्योती ने घर वालों से मिलाया सभी ने धन्यवाद देते हुए आते रहने को कहा । नीरज जब चलने लगा ज्योती बोली ।

“कल की भयानक रात वाली इस चुडैल को भूल तो नहीं जाओगे ।

शायद कभी नहीं , उस चुड़ैल से दोस्ती जो हो गई है। दोनों हंस पड़े ।

      इतनी भयंकर और डरावनी इस तूफानी रात के बाद की सुबह  इतनी  प्यारी होगी इसकी तो कल्पना भी नहीं थी । नीरज मन ही मन मुस्कुरा उठा।

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