रिक्त स्थान (भाग 9) – गरिमा जैन

अगले दिन सुबह सुबह रेखा की घर की घंटी बजती है

रेखा भागते हुए दरवाजा खोलती है “यह रूपा ही होगी वही लगातार घंटी बजा बजाकर मुझे सांस भी नहीं लेने देती। रुक जा रूपा की बच्ची अभी बताती हूं तुझे”

रूपा उछलते हुए अंदर आती है उसके हाथ में अखबार था। “देख रेखा पेज 3 पर तेरी क्या तस्वीर आई है । देख जरा तू कितनी सुंदर लग रही है ।वो दूसरी ड्रेस जो तूने चेंज की थी  वह तो पहले वाली से भी ज्यादा सुंदर है ।यह देख तस्वीर में किनारे खड़ी नैना मल्होत्रा तुझे फोटो में भी घूर घूर के देख रही है ,लग रहा है कच्चा ही ना खा जाए और जितेंद्र देख तुझे कैसे …….”

चुप कर पापा  बैठे हैं! तभी उधर से अमित आता है। दीदी दीदी यह देखो जितेंद्र सर ने तुम्हें अपने इंस्टाग्राम पर टैग किया है ।देखो कितनी सुंदर तस्वीर है ।रेखा अमित के हाथ से फोन ले लेती है। सच में जितेंद्र और रेखा की बहुत सुंदर तस्वीर थी।  तस्वीर के नीचे ढेरों कमेंट थे ।

” मेड फॉर ईच अदर “

“परफेक्ट कपल “और ना जाने क्या-क्या  ।कमैंट्स पढ़कर रेखा के गाल सुर्ख लाल हो जाते हैं ।वह अमित से कहती है “तू भी ना जाने क्या-क्या देखता रहता है ,अरे वह मेरे बॉस हैं । इस कंपनी में सिर्फ एक एंप्लॉय हूं समझे और यह  फोटो किसी को दिखाना मत, समझे ,लोग तरह-तरह के बात करने लगते हैं।”

तभी रेखा के पापा बोले “चलो सब लोग अपने अपने काम पर चलो। अमित तुझे कोचिंग नहीं जाना! रेखा और रूपा तुम दोनों आज कोचिंग के लिए एडवांस जमा करके आओगी, मैंने पैसे तेरी मम्मी को दे दिए हैं । रूपा अगर तुम कहो तो तुम्हारे भी पैसे मैं दे देता हूं ।

“अरे नहीं अंकल “रूपा बोली “पापा ने पैसे दे दिए हैं ,चल रेखा जल्दी तैयार हो जाओ 9:00 बजे तक हम कोचिंग सेंटर पहुंच जाएं”




रूपा अपने घर चली जाती है और रेखा के पापा उससे कहते हैं “देखो बेटा यह सब चीज अच्छी है ,स्टारडम किसे नहीं पसंद पर अभी तुम्हारी उम्र कम है ।यह चकाचौंध की दुनिया तुम्हें अपनी ओर खींचेगी, यहां शोहरत भी मिलेगी ,नाम मिलेगा पैसे भी मिलेंगे पर इज्जत, वह तुम्हें खुद कमानी होगी। अगर जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहती हो तो मेहनत करके आगे बढ़ो, पढ़ाई-लिखाई करके मेहनत से नाम रोशन करो।ये शोहरत जिंदगी भर साथ नही देगी और यह पेज ३ और इंस्टाग्राम की  मीडिया से दूर रहो ।साल 2 साल में यह सब खत्म हो जाएगा । जितेंद्र लाखो में एक है पर वह आसमान का तारा है और हम जमीन पर रहने वाले आम आदमी ,उसे पाने की चाह ना करना नहीं तो बहुत दुख झेलने पड़ेंगे।”

रेखा या सुनकर बहुत शर्मिंदा महसूस करती है ।उसके पापा उसके बारे में ऐसा क्यों सोचते हैं ।वह जानती है कि जितेंद्र आकाश का तारा है और रेखा  उसके आगे एक तिनका भी नहीं है ।वह जितेंद्र को अपना बॉस ही समझेगी। जब भी ऑफिस से कॉल आएगा सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम करने के लिए ही जायेगी। उसे सच में एक इज्जत भरी जिंदगी चाहिए और मेहनत करके ही वह पैसे कमाना चाहती है। वह आगे  जाकर दूसरी नैना मल्होत्रा बनना नहीं चाहती! जिसके हाथों में जाम है, आंखों में नशा और चेहरे पर बेतरतीब मेकअप पोता हुआ हो, सीने में जलन भरी हो और चेहरे पर कुटिल मुस्कान । कुछ  ही देर में रेखा और रूपा दोनों ऑटो में बैठकर कोचिंग की तरफ चल देती हैं। रास्ते में रूपा रेखा से कहती है ” एक काम कर तू चेहरे पर दुपट्टा बांध ले” रेखा पूछती है “क्यों”

” वह देख कितनी बड़ी बड़ी होर्डिंग्स है तेरी”

रेखा देखती है तो देखती ही रह जाती है। शहर में कई जगह बड़ी-बड़ी हार्डिंड्स पर उस उसकी मधुर मुस्कान वाली वही तस्वीर लगी थी और नीचे लिखा था” स्वस्थ त्वचा ही सुंदर त्वचा” रेखा को मन ही मन प्रसन्नता होती है लेकिन वह सोच  में थी कि वह स्टारडम संभाल पाएगी कि नहीं! कहीं उसके कदम भी नैना मल्होत्रा की तरह डगमगाना न जाए! कहीं वह भी ड्रग्स और शराब की लती ना बन जाए !

यह बात सोचते उसकी रूह कांप जाती थी ।उसने कई बार लोगों से सुन रखा था कि इस लाइन में शोहरत है पैसा है लेकिन उतना ही अकेलापन है ,उतनी ही मायूसी  है।

नहीं वह कभी भी इस लाइन में आगे नहीं जाएगी। यह प्रोजेक्ट उसका पहला और आखिरी प्रोजेक्ट होगा ।वह सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ही अपना ध्यान केंद्रित करेगी। पापा को अपना नाम रोशन करके दिखाइए ।यही सोचते-सोचते उसकी कोचिंग आ जाती है ।कोचिंग में पैसे जमा करके रेखा और रूपा बताशे खाने जाएंगे ।दोनों बहुत खुश हैं ।अपने सपने को पूरा करने की पहली सीढ़ी पर उन्होंने कदम रख दिया है ।तभी अचानक तेज बारिश आ जाती है लेकिन यह बारिश आज रेखा को बहुत अच्छी लग रही थी। उसे यह नहीं लग रहा था कि उसके पास भी गाड़ी होती जिसके अंदर बैठ कर भीगती नहीं। आज उसे मेहनत करके ही आगे बढ़ाना है उसे अपने दम पर कुछ करके दिखाना है। रेखा को यह सोच  आत्मविश्वास से भर देती है….

कहानी का अगला भाग पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें 

रिक्त स्थान (भाग 10) – गरिमा जैन

रिक्त स्थान (भाग 8) – गरिमा जैन

गरिमा जैन 

error: Content is protected !!