“नसीब से मिला सुंदर परिवार” –  कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “नैना तुम भी आ रही हो ना आज अपनी सोसाइटी की किट्टी पार्टी में” सीमा ने फोन पर पूछा तो नैना ने “नहीं” में जवाब दिया… क्या यार कभी तो अपने लिए भी समय निकाल लिया कर, सभी आ रही है, तू भी आएगी तो मजा आयेगा और सब को अच्छा भी लगेगा वरना सब मुझे फिर सुनाने बैठ जायेंगी की तेरी खास सहेली तेरे इतना कहने के बाद भी कभी किट्टी पार्टी में नहीं आती … 

अरे यार तुझे पता तो है की मुझे किट्टी पार्टी हमेशा से ही पसंद नहीं और वैसे भी मेरी देवरानी की बीएड की परीक्षा चल रही है और उसे पढ़ना होता है.. संयुक्त परिवार होने  की वजह से घर की, सास ससुर की ओर सब की जिम्मेवारी मेरे ऊपर है तो मेरा आना मुश्किल ही होगा इसलिए तुम सब किट्टी पार्टी का लुफ़्त लो में फिर कभी जरूर कोशिश करूंगी और बाय बोलकर फोन रख दिया…

तभी किसी काम से नैना की देवरानी “प्रिया” वहा आई और अपनी जेठानी की बात सुनकर बोली की दीदी मेरा कल का पेपर अब किसी कारणवश दो दिन बाद का हो गया है तो आज शाम का खाना में देख लुंगी और वैसे भी आप काफी समय से मेरी परीक्षा के चक्कर में कही नही गई है तो आज आप अपनी सोसाइटी की किट्टी पार्टी में हो ही आइए…

नैना ने पहले तो मना कर दिया पर प्रिया ने बहुत पीछे पड़कर आखिरकार किट्टी पार्टी में जाने के लिए अपनी जेठानी को राजी कर ही लिया, सासू मां ने भी कहा की सब इतना बुलाती रहती है तो आज तुम हो ही आओ…अब नैना ने भी अपना मन बना लिया और तैयार होकर सोसाइटी के क्लब के लिए निकल पड़ी….

सोचा आज सबको सर्प्राइज दूंगी और बिना सूचना के क्लब में घुस ही रही थी की उसके कानों में कुछ आवाजे आई ….बहन पता नही 10 जनों का परिवार एक साथ एक ही फ्लैट में कैसे रह लेता है, इतने अच्छे खाते पीते लोग है रुपए पैसे की भी कोई कमी नहीं फिर भी पता नहीं नैना अलग घर लेकर क्यूं नही रहती …

अरे जब सास ससुर, देवर देवरानी सब इक्कठे रहेंगे तो आजादी क्या खाक मिलती होगी , देवरानी महारानी पढ़ाई के बहाने ऐश करे और जेठानी अपने बच्चो के साथ देवरानी के बच्चो और पूरे परिवार की चाकरी करे..

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ना बाबा ना हमसे तो ना हो ये सब, ये संयुक्त परिवार में रहने का झंझट अपने तो बस का नहीं और खिलखिलाने की आवाजे आने लगी…एक बारी तो नैना का मन हुआ कि वापस आ जाए पर फिर कुछ सोचकर उसने क्लब के भीतर कदम रखा… 

नैना को अचानक से आया देखकर सारी महिलाएं हैरान रह गई और अपनी आवाज में मिश्री घोलते हुए बोली “वाह नैना आज तो कमाल कर दिया आओ आओ हमारी महफिल में स्वागत है तुम्हारा…

नैना ने सबको नमस्ते किया और बोली, सोचा था आप सब के साथ समय बिताऊंगी कुछ अच्छा सीखने को मिलेगा लेकिन पीठ पीछे किसी के बारे में बाते करना और मजाक उड़ाना अगर यही सब किट्टी पार्टी में होता है तो मुझे माफ करे..ये सुनकर सभी समझ गई

की नैना ने उनकी बातें सुन ली है और नजरे चुराने लगी, सीमा ने नैना को बिठाया और बोली कोई नहीं यार इतना गॉसिप तो चलता है तु बुरा मत मान…”नही सीमा इस तरह की कुछ और बातें मैने पहले भी इधर उधर से सुनी है पर कभी गंभीरता से नहीं लिया लेकिन आज अपने कानों से सुनकर यकीन हो गया की बाते तो आप लोग बनाते ही है, तो आज आप लोग मेरी बात भी सुनिए…

“संयुक्त परिवार में रहना एक बेहद सुखद अनुभूति है, मुझे नहीं पता आप सब के विचार क्या है लेकिन मैने साथ रहकर जो पाया है वो शायद एकल परिवार में कभी सोच भी नहीं पाती.. मेरी दो बेटियां है लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर में बिल्कुल निश्चिंत रहती हूं, मेरे ना होने पर मेरी सासू मां और मेरी देवरानी मेरी बेटियों का पूरा ध्यान रखती है,

मेरे पापा के अचानक से चले जानें पर 15 दिन मेरी अनुपस्थिति में मेरे बच्चो और पति के खाने पीने, स्कूल ट्यूशन सब का ख्याल मेरी देवरानी ने रखा जबकि उसके छोटी बेटी थी और उस समय वह गर्भवती भी थी, एक बार तीन महीनो के लिए स्लिप डिस्क की वजह से पूरी तरह बिस्तर पर आ गई थी, तब मेरी देवरानी और मेरी सासू मां ने जिस तरह मेरा ख्याल रखा वो में आपको बता भी नही सकती, मेरी देवरानी ने मेरी इतनी सेवा की शायद कोई सगी बहन भी नहीं करती,

मेरी दोनों बेटियों की पसंद का ख्याल मुझ से अधिक उनकी चाची को होता है और उसके दोनों छोटे बच्चे “ताई ताई” कहकर पूरा दिन अपनी मां से अधिक मुझ पर लाड लड़ाते है…..अब जबकि उसकी परीक्षा है तो उसे घर की सभी जिम्मेवारी से मुक्त करके सिर्फ पढ़ने को मैने ही बोला है, में और मेरी सासु मां बिना किसी दिक्कत के सारा काम संभाल लेते है, किसी भी रिश्ते में अगर प्यार और समर्पण की भावना है तो रिश्ता मजबूत ही होगा, इसके लिए सही तालमेल होना बहुत जरूरी है…. 

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अलग घर लेकर मैं रह तो सकती हूं, सभी भौतिक सुख सुविधाओं से युक्त घर में सब मिल जायेगा पर दादा दादी, चाचा चाची का साथ, प्यार और दुलार जो संयुक्त परिवार में ही मिल सकता है वो नही मिल पाएगा …

 एकल परिवार मजबूरी हो सकते है पर अगर आप के पास संयुक्त परिवार में रहने का विकल्प है तो जरूर रह के देखें 

 ये वो अनमोल रत्न है जो हर किसी के नसीब में नहीं होता

  चाचा, ताऊ, बुआ, चाची, दादा, दादी से सजा परिवार किस्मत वालो को ही मिलता है… करारा जवाब देकर नैना तो चली गई पर सबका मुंह भी बंद कर गई।

  स्वरचित, सच्ची कहानी

  #परिवार

  कविता भड़ाना

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