डरना नही – संगीता अग्रवाल 

नियति यूँही फेसबुक खोल पोस्ट स्क्रॉल कर रही थी । पतिदेव के ऑफिस जाने और बच्चो के कॉलेज चले जाने के बाद उसके पास काफी समय होता था जिसे वो सोशल मीडिया पर शायरी लिखकर गुजारती थी। आज भी जब स्क्रॉल कर थक गई तो एक शायरी ग्रुप मे लिखने बैठ गई।

” किसी के दिल मे घर करने के है चार द्वार
इज़्ज़त , मदद , देखभाल  और प्यार ।”

उसने लिखकर पोस्ट किया ही था कि अचानक नोटिफिकेशन् आया जिसमे किसी राहुल नाम के शख्स ने कमेंट किया था ” वाह क्या बात है !” नियति मुस्कुरा दी और धन्यवाद लिख दिया।

” बहुत अच्छा लिखती है आप् और आपकी सोच भी बहुत अच्छी है !” दूसरा कमेँट आया ।

” फिर एक बार शुक्रिया !” लिख नियति ने व्हाट्सएप्प खोल ली। पर तभी मेसेंजर का नोटिफिकेशन आया उसी राहुल ने मेसेज रिक्वेस्ट भेजी थी । नियति ने मेसेंजर खोला तो राहुल ने लिखा था ” प्लीज मेम जवाब जरूर देना मैं आपकी शायरी का बड़ा फैन हूँ !”

मुस्कुराते हुए नियति ने ” जी कहिये टाइप किया ।” उसके बाद तो बातो का सिलसिला चल निकला। तारीफ़ इंसान की कमजोरी होती है कुछ लोग ये बेहतर तरीके से जानते है राहुल भी उनमे से एक था जो लगातार नियति कि शायरियों की तारीफ कर रहा था। नियति को भी अच्छा लग रहा था राहुल का तारीफ करना। बात शायरी से निकल घर परिवार , जिंदगी के तजुर्बे और ना जाने कहाँ कहाँ तक पहुँच गई थी। नियति राहुल मे एक दोस्त देख रही थी और इस दोस्ती की इज़्ज़त करती है वो । वैसे तो अपने घर परिवार मे वो खुश थी पर उसका पति राजीव शेरो शायरी से कोसो दूर था इसलिए उसे राहुल का उसकी हर शायरी की तारीफ करना अच्छा लगता था और इसमे कुछ बुरा भी नही था पुरुष महिला की दोस्ती आजकल आम है और तारीफ तो हर किसी को पसंद होती ही है।




किस्मत और हौसलो के बीच जंग है
कुछ रिश्तो की रौशनी भी मंद है
सुकून की तलाश मे फिरते है बेतहाशा
जबकि जिंदगी के बचे दिन ही कम है

आज सुबह सुबह नियति ने ये पोस्ट डाली और फिर काम मे लग गई।
जब काम से फ्री हो उसने वापिस से फोन उठाया तो राहुल के कई मेसेज थे।

” ये क्या लिखा आपने , प्लीज ऐसी पोस्ट मत डाला कीजिये आप !” और भी जाने क्या क्या ।

” अरे वो सिर्फ शायरी है !” नियति ने जवाब दिया।

” पर शायरी मे भी ये बात ठीक नही आपको पता है मैं आपको कितना मानता हूँ , कितनी इज़्ज़त करता हूँ आपकी ! आप मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो !” राहुल का तुरंत मेसेज आ गया।

” ओके बाबा अब् नही डालूंगी बस !” नियति ने स्माइली के साथ टाइप किया।

दोस्त जिंदगी मे नमक की तरह होते है
जिनकी कमी हमेशा खलती है ।

नियति ने एक पोस्ट डाली तुरंत राहुल का कमेँट था ” बिल्कुल”

राहुल से बात करते करते नियति को कुछ महीने गुजर गये थे । वो उसका अच्छा दोस्त बन चुका था हालांकि दोनो की उम्र मे अंतर था पर दोस्ती ये सब कहाँ देखती है । दोनो एक दूसरे की इज़्ज़त करते थे , दोनो को एक दूसरे से बात करना अच्छा लगता था । एक साफ सुथरी दोस्ती थी इसलिए नियति को कोई दिक्कत भी नही थी।




” सुनिए अपनी पिक तो दिखाइये !” एक दिन राहुल ने लिखा।

” प्रोफाइल पिक है तो सही !” नियति ने जवाब दिया ।

” वो क्लियर नही दिख रही प्लीज दोस्त है ना हम तो पिक भेजने मे कैसी दिक्कत !” राहुल बोला।

” हाँ दोस्त है पर यूँ तस्वीर भेजना मुझे सही नही लगता !” नियति बोली।

” आपकी बहुत इज़्ज़त करता हूँ मैं फिर भी आप ऐसा बोल रही हो !” राहुल ने मुंह लटकाये इमोजी के साथ भेजा।

मुस्कुराते हुए नियति ने अपने पति के साथ की पिक भेज दी।

” बहुत प्यारी जोड़ी है आपकी !” राहुल बोला तो उसे धन्यवाद बोल नियति ने बंद कर दिया फोन।

कुछ दिन तक राहुल का मेसेज नही आया नियति को थोड़ा अजीब तो लगा पर व्यस्त होगा ये सोच अपने ख्याल को विराम दिया।

” सुन नियति तूने दूसरी id बनाई है क्या !” एक दिन उसकी सहेली माधवी का फोन आया।

” नही तो क्यो पूछ रही ऐसा ?” नियति हैरानी से बोली।

” देख इसे !” माधवी ने एक लिंक भेजा फोन छोड़ नियति ने वो id खोली उसमे जो फोटो लगी थी उसका चेहरा तो नियति का था किन्तु जो वाहियात कपड़े उस फोटो मे थे वो कभी नियति पहनने की सोच भी नही सकती । कुछ सोचने पर नियति को याद आया ये वही फोटो थी जो उसने राहुल को भेजी थी दिमाग़ भन्ना गया उसका उसने तुरंत उस फेक id पर मेसेज किया।




” क्या है ये मेरी फोटो क्यो लगाई तुमने अपनी id पर!”

” हाहाहा अब तो लग गई !” वहाँ से रिप्लाई आया।

” तुम राहुल हो ना जो बड़ी बड़ी बाते करते थे इज़्ज़त की ये इज़्ज़त है तुम्हारी नज़र मे दोस्त की !” नियति ने लिखा।

” मैडम मे राहुल नही उसका दोस्त हूँ उसी ने ये पिक दी !” वहाँ से जवब आया।

” डिलीट करो अभी मेरी फोटो !” नियति बोली।

” ये ऐसे तो नही होगी आपको इसके बदले आपको कुछ करना होगा !” वो बंदा बोला। उसके लिखने के तरीके से नियति समझ गई ये राहुल ही है ।

” मैं कुछ नही करने वाली तुम तस्वीर हटा रहे हो या नही !” नियति बोली।

” सोच लीजिये आपकी पिक मेरे पास है !” वो बंदा बोला।

” मुझे फर्क नही पड़ता मेरी फोटो मे कुछ ऐसा नही जिसपर मुझे शर्म आये समझे तुम फोटोशॉप का जमाना है तुम कैसे भी बना सकते पर ओरिजनल मेरे पास है !” नियति बिना डरे जवाब दे रही थी।

” देख लो फिर ना पछताना क्योकि औरतों के लिए उनकी इज़्ज़त बहुत मायने रखती है !” वो बोला।

” अपनी इज़्ज़त संभालना मुझे अच्छे से आता है तू ये id बंद कर वरना मैं साइबर क्राइम मे तेरी शिकायत कर दूंगी !” नियति बोली।।




” एक id बंद हो गई तो भी क्या पिक तो है ना !” हँसते हुए इमोजी के साथ उसने बोला।

नियति ने सारी बात अपनी दोस्त को बताई दोनो ने उस id की रिपोर्ट कर दी। शाम को नियति ने अपने पति को भी बताया क्योकि वो पहले से जानता था नियति का राहुल नाम का प्रशंसक है इसलिए उसने नियति को समझाया और अपनी id से भी रिपोर्ट की उस शख्स की ।

वो बंदा दो दिन तक नियति को डराता रहा पर नियति डरी नही बल्कि कुछ लोगो से ओर कह उसकी रिपोर्ट की तो वो id ही बंद कर दी गई। नियति दोस्ती का ये नया रूप देख रही थी जो इज़्ज़त जैसे शब्द से शुरु हुआ और धमकी पर आ गया। नियति ने राहुल को ब्लॉक कर दिया।

अब क्या नियति को सब बंद कर देना चाहिए ? नही ऐसे लोगो से डरकर एक महिला कब तक खुद को एक खोल मे सीमेट ले। पर हां अब वो सावधान हो गई किसी की झूठी तारीफों मे नही आती । अब भी वो शायरी लिखती है लोग प्रशंसा भी करते है।

” क्या हुआ जो जिंदगी मे एक ऐसा मोड़ आया
क्या हुआ जो किसी से धोखा हमने खाया
एक धोखे से डर कर बैठ जाये वो हम नही
धोखो से सबक लेकर ही अपना वजूद हमने है बनाया “”

दोस्तों अक्सर ऐसा होता है सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसे मिल जाते है जो दोस्ती के नाम पर दगा करते है ऐसे मे अक्सर महिलाये डर कर अपनी id बंद कर देती है या उन महिलाओ को घर वाले भी दोष देते है जबकि इसमे उनकी क्या गलती। ऐसे लोगो को सबक सिखाना चाहिए ना कि डर कर बैठना चाहिए। पर हां भविष्य के लिए सावधान जरूर हो जाना चाहिए ।

#इज्जत आपकी दोस्त
संगीता ( स्वरचित )

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