दोहरा मापदंड – नंदिनी

नमन ओर पायल ने घूमने जाने का प्लान बनाया इस बार वो अपने मां पापा को भी साथ ले जा रहा था घुमाने के लिए , उनके लिए तो मानो खुशी का ठिकाना ही नहीं था , जब भी जिक्र चलता किसी के सामने बड़े खुश होकर बताते नमन घुमाने ले जा रहा है शिमला मनाली प्लेन से वो भी।

इस बीच पायल को मां ने कहा बेटा तुम ये मत सोचना की हम साथ जा रहें हैं तो कैसे कपड़े रखूं क्या पहनू, तुम्हारा जो मन करे वैसे कपड़े पहनना ,जी मां कह कर वह खुश हो गई ,पायल की शादी को 4 साल ही हुए थे , वह सिर पर पल्ला करती थी नमन के पापा का ,तो वह थोड़ी असमंजस्य में थी कि क्या रखूं सूट्स ही रखतीं हूँ जीन्स टॉप तो पहन नहीं पाऊंगी, पर मां के यह कहने पर कि जो तुम्हें पसन्द हो वो कपड़े पहनना बड़ी खुश हो गई और जीन्स भी रख लिये।

उसे पिछले साल के शिमला टूर की एक बात याद आई जिसमें एक परिवार आया था  जिसमें परिवार की औरतें तो साड़ी पहने ही हुई थीं ,बहु भी साड़ी पहनी थी और साड़ी में घोड़े पर बैठने में कितनी कठिनाई हो रही थी उसे ऊपर से सिर पर पल्ला भी ,उसने सोचा इससे अच्छा तो सूट है पर नहीं सोच वही पुरानी रखनी है चाहे किसी को परेशानी हो या कुछ  ……

खैर ठंडी जगह जाना था तो घोड़े पर भी बैठना होगा सोच कर उसने मां को सलवार सूट पहनने को कहा जो कभी नही पहनी थीं ,तो सकुचा रहीं थीं , पर पायल नहीं मानी  ।

ननद के भी जोर दिया और सबने बोला आसानी होगी घूमने में साड़ी में कैसे वर्फ़ में चलोगी पहनना ही पड़ेगा ,आखिरकार राजी हो गईं ।

शॉपिंग शुरू हुई , मार्किट के पास ही पायल की दीदी ताऊ की बेटी का घर था , सोचा मिल लेती हूँ ,बहुत दिनों से आना हुआ नहीं था। बातों बातों में जिक्र हुआ घूमने का कि जा रहे वर्फ़ वाली जगह पूरा परिवार साथ ,सुन कर मुंह बनाते हुए कहा ओहो क्या मतलब ऐसे जाने का मजा कहाँ आयेगा ,अकेले जाना चाहिए था , सुन कर मन में आया उसके की बोल दे क्योँ दीदी अगर आपके भैया भाभी आपके मम्मी पापा को ले जाते घुमाने तो आप कितनी खुश होतीं , शायद सबको खुश होकर बताती ये बात कि आपके भैया भाभी किंतने अच्छे हैं , पता नहीं दोहरी मानसिकता का आवरण कैसे ओढ़ कर रखतें है लोग ,जो बात अच्छी है तो अच्छी है, उसमें दोहरी राय क्यों……

नमन सबकी भावनाओं की ख्याल करता है  परिवार में ,पायल को बीते 4 साल में गोआ कश्मीर घुमाया ,इस बार सब साथ जा रहे हैं ,बेटा इतना सोच ले मां पापा के लिए इससे बढ़कर उनके लिए क्या हो सकता है ,पायल के मां पापा को भी वही सम्मान अपनापन देता है तो पायल कैसे किसी भी फर्ज से पीछे हो सकती है।

यादगार रही वो पूरी यात्रा ,नमन के मां पापा के लिए तो जिंदगी के अनमोल लम्हें थे वह, हवाई जहाज का सफर हो या बर्फ़ीली वादियों का दीदार, परिवार सँग सब कुछ यादगार रहा। 

बर्फ़ में चाय मैगी का लुफ्त लिया सबने, फ़ोटो में कैद किये वो लम्हें ,पायल चाय की शौकीन थी इतने में पापा नमन ओर पायल के लिए एक एक कप चाय और ले आये  ………….

नंदिनी

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