शिवानी को कॉलेज से घर लौटते वक्त यह एहसास हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है, जैसे ही उसने पीछे देखा एक लड़का उसके पीछे से आया और बोला हेलो क्या आप मुझसे दोस्ती करोगी ??
शिवानी को बहुत गुस्सा आया वैसे भी वह ऐसे मनचले लड़कों से बहुत परेशान थी जो मुंह उठाए दोस्ती करने आ जाते हैं, ना जान ना पहचान मैं तेरा मेहमान !!
शिवानी गुस्से में बोली आइ एम नोट इंटरस्टेड (मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं) !!
शिवानी ने मुड़कर देखा तो अब कोई पीछे नहीं था , मन ही मन वह बोली थैंक गॉड !!
घर जाकर देखा तो मम्मी – पापा शिवानी के लिए बहुत खुश थे और बोले तुम्हारे लिए इससे अच्छा रिश्ता हो ही नहीं सकता !!
तुम्हारी बड़ी बहन संध्या के देवर प्रताप का रिश्ता आया हैं तुम्हारे लिए !!
शिवानी बोली मम्मी प्लीज़ मुझे पढ़ाई में दिल लगाने दो मैं अभी शादी के मूड़ में बिल्कुल नही हूं !!
शिवानी की मम्मी राखी जी जानती थी शिवानी बहुत जिद्दी हैं जब तक वह नही चाहेगी वह शादी के लिए हां नही कहेगी !!
दूसरे दिन शिवानी कॉलेज के लिए निकली तो रास्ते में वह कल वाला लड़का वापस दिखाई दिया !!
वह भी शिवानी के साथ बस स्टाप पर खड़ा था और उसने भी वही बस ली जो शिवानी ने ली , सबसे बड़ा गजब तो तब था जब सीट भी बगल वाली ही पकड़ी !!
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शिवानी खिड़की के पास बैठी बाहर देखने लगी और मन ही मन कह रही थी आज तो अगर इसने कुछ बोला तो पक्का यह मार खाएगा !!
ऐसा सबक सिखाऊंगी कि लड़कियों के पीछे पड़ना भूल जाएगा !!
बस को स्टार्ट हुए पाँच मिनट ही हुए थे कि बगल में बैठे लड़के ने अपनी सीट पास में खड़ी एक बुजुर्ग महिला को दे दी !!
यह देख शिवानी ने सोचा इम्प्रेस करने की कोशिश कर रहा हैं मगर बच्चू मैं इम्प्रेस होनेवालों में से नही !!
आगे के बस स्टाप पर वह लड़का उतर गया , शिवानी बोली अच्छा हुआ बला टली !!
कॉलेज से घर पहुंची तो राखी जी बोली बेटा तुम इस रिश्ते के बारे में फिर से सोच लो , पढ़ाई तो बाद में भी हो जाएगी मगर रिश्ता हाथ से चला गया तो दोबारा नही मिलेगा !!
लड़के की जॉब की पोस्टिंग भी यही लग गई हैं रुक तुझे मैं तस्वीर दिखाती हूं !!
शिवानी बोली मम्मी आप लोग चाहे जो कर लो मैं अभी शादी के लिए बिल्कुल तैयार नही हूं और यह मेरा आखिरी फैसला हैं !!
अगले दिन फिर वह लड़का दिखाई दिया , अब यह क्रम रोज चलने लगा !!
एक दिन शिवानी की सहेली मंदाकिनी उसे देखकर बोली शिवानी यह लड़का कितना हैंडसम हैं मगर वह तो सिर्फ तुझे ही देखता है मुझे तो नजर उठाकर देखता भी नहीं !!
तेरे साथ बस पकड़ता है और अगले स्टाप पर उतर जाता है !!
शिवानी को भी धीरे – धीरे वह पसंद आने लगा था मगर अब वह कभी बात करने नहीं आता था और शिवानी अपने इगो के चलते खुद बात करने जाएगी नहीं !!
शिवानी आज बहुत खुश थी !!
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दिवाली आ गई थी और रात में संध्या दीदी और जीजू भी आनेवाले थे !!
वह बाहर दिए जला रही थी तो देखा वह लड़का जो उसे रोज घूरता है , उसके साथ बस पकड़ता है वह उसके पीछे खड़ा हैं वह बोली तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम पीछा करते – करते मेरे घर तक आ गए जाओ यहां से वर्ना अच्छा नही होगा !!
उतने में पीछे से संध्या दीदी और जीजू आ गए और सभी एक – दूसरे को दिवाली विश करने लगे !!
संध्या दीदी बोली इनसे मिलो शिवानी यह मेरा देवर प्रताप हैं !!
हमारी शादी में यह यू.के में पढ़ाई कर रहा था इसलिए नहीं आ पाया था !!
संध्या दीदी को जीजू ने कुछ काम से बाहर बुला लिया , प्रताप ने हाथ में मिठाई ली और शिवानी को खिलाते हुए बोला हैप्पी दिवाली शिवानी जी !!
शिवानी मारे शर्म के लाल हो गई और बोली आप प्रताप हैं पहले क्यूं नही बताया ??
प्रताप बोला पहले बता देता तो क्या तुम शादी के लिए मान जाती ??
शिवानी बोली तुम्हे कैसे पता मैं अब मान जाउंगी ??
प्रताप बोला मुझे आंखों को पढ़ना आता है !!
शिवानी मुस्कुरा दी !!
संध्या दीदी शिवानी से बोली शिवानी शायद तुम नही जानती प्रताप ने तुम्हारी तस्वीर शादी की एल्बम में देखी थी तब से उसने तुमसे शादी करने का मन बना लिया था !!
कहता हैं तुम्हारी तस्वीर से ही प्रेम हो गया था और इस प्रेम को शादी तक पहुँचाने का सफर भी खुद ही तय करने चला था !!
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उसने मुझे भी कभी नहीं बताया मगर जब तुम्हारे जीजाजी को यह बात पता चली तो उन्होने तुरंत तुम्हारे लिए प्रताप का रिश्ता भिजवा दिया !!
शिवानी बोली दीदी तेरा देवर दिवाना
हाय राम कुडियों को डाले दाना !!
दोनों बहने हँस दी
संध्या भी गुनगुनाने लगी लो चली मैं अपने देवर की बारात लेकर !!
विशाल और प्रताप भी हँस दिए !!
दो महिने बाद दोनों की शादी हैं आप भी जरूर आईएगा !!
आपको मेरी यह प्यारी सी कहानी कैसी लगी ??
जरूर बताइएगा तथा मेरी अन्य रचनाओं को पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करिएगा !!
#प्रेम
आपकी सखी
स्वाती जैंन