बेवफा – पृथ्वीराज

आज सुबह अंजली बहुत खुश थी, क्योंकि संजय की जॉब लग गई थी.. वो दोनो 3 साल से एक दूसरे को चाहते थे, पर पढ़ाई और कैरियर के चलते वो दोनो अपने, अपने घरों में अपनी शादी की बात नही कर पा रहे थे..

मगर अंजली ने आज पक्का सोच रखा था की, आज तो वो पापा और मम्मी को सब बता देगी और उसको उम्मीद भी थी की पापा उसकी बात मान भी लेंगे..

सुबह उठते ही उसने चाय बनाई और पापा के पास गई.. मां भी पास ही बैठी थी.. दोनो को चाय देते हुए कहा कि..

“पापा मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं, उसका नाम संजय है.. हम 3 सालो से एक दूसरे को पसंद करते हैं.. वो मुझे बहुत खुश रखेगा.. आप उससे एक बार जरूर मिल लो..”

पर उसके पापा ने कहा कि.. वो उसकी शादी पहले ही कहीं और तय कर चुके हैं.. और अगर उसने, उनकी पसंद के लड़के से शादी नहीं की तो उनकी इज्जत भी जायेगी और जान भी.. इतना कह कर वो वहां से उठ कर चले गए..

पापा ने जिसको पसंद किया था, वो उनके दोस्त का बेटा गौरव था, जो विदेश से पढ़ कर वापस भारत आया था.. जिसको पापा बचपन में मिले थे..

अंजली भी रोते हुए अपने कमरे में चली गई.. अब एक तरफ उसका 3 साल का प्यार, अपनी जिंदगी, और अपनी खुशी थी.. और दूसरी तरफ पापा की इज्जत और उनकी जान..

बस यही वो पल होता है जब एक लड़की टूट जाती है.. उसने भी बेवफा बन कर अपने पापा की जान को चुना और संजय को फोन लगा कर सब बता दिया..

दोनो के बीच बहुत झगड़ा हुआ, उसने बेवफा होने का ताना सुना, कुछ गालियां खाई, कुछ इल्जाम सुने और रोते हुए फोन रख दिया..



जल्दी ही शादी भी तय हो गई, और अंजली बेमन से तैयारी में भी लग गई, बीच बीच में कई बार पापा को मानने की कोशिश भी की पर पापा ने उसकी बात नही सुनी.. इसी बीच शादी का दिन भी आ गया..

अंजली बेमन से दुल्हन भी बनी, पर पूरी शादी में एक आस भरी नजरो से पापा की और देखती भी रही की पापा शायद उसकी भावना समझ जायेंगे.. क्योंकि आज तक वो उसकी हर बात सुनते और मानते आए थे.. पर आज पापा शायद कुछ सुनना नही चाहते थे..

शादी हो गई, और अंजली ससुराल भी चली गई..

सुहागरात की सेज पर वो घूंघट ओढ़े अपने पति का इंतजार करते बैठी थी, पर उस वक्त भी वो सिर्फ संजय के बारे में ही सोच रही थी..

तभी कमरे का दरवाजा खुला और उसका पति दारू के नशे में धुत कमरे में आया.. शायद विदेश में उसको शराब की आदत लग गई थी.. जो उसके पापा को पता नही थी.. और पति होने के नाते आज तो सुहागरात थी.. जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है.. जिसमे दो शरीर ही नही, दो आत्माएं भी आज मिलती हैं.. पर ये क्या.. गौरव तो उस पर एक भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा और रात भर उसके शरीर को नोचता रहा.. और अंजली जो हो रहा था उसको बिना रोके सहती रही और बस रोती रही.. वो कर भी सकती थी? क्योंकि अब वो एक पत्नी थी, एक मजबूर औरत, जिसके लिए उसका पति सब कुछ होता है.. जब उसके पति ने थक कर उसे छोड़ा, तो अंजली उठ कर बाथरूम में जा कर बैठ गई और दरवाजा बंद कर लिया…

अगली सुबह अंजली के मम्मी पापा भी अंजली के ससुराल में पहुंच चुके थे.. क्योंकि अंजली ने खुदकुशी कर ली थी.. और उसके पापा अपनी जान से प्यारी बेटी की लाश को देख कर बस यही सोच रहे थे, की शायद उन्होंने थोड़ी जल्दी कर दी, काश वो उसके पसंद के लड़के से एक बार मिल लेते.. काश…

हर मां बाप अपने बच्चो की खुशी ही चाहते हैं, पर उनके फैसले से उनको खुशी मिलेगी या नहीं? ये पक्का नहीं है.. हो सकता है की अंजली संजय से शादी करके भी खुश नहीं रह पाती.. क्योंकि भविष्य में क्या होता कोई नही बता सकता है..

बड़े जरूर ये कोशिश करें की अपनी मर्जी अपने बच्चों पर ना थोपें.. उनकी बात सुने और उनको भी समझने की कोशिश करें..

बच्चे भी कभी मां बाप का सम्मान झुकाना नही चाहते हैं इसलिए कभी कभी वो भी उनकी खुशी के लिए अपनी खुशियां बलिदान भी कर देते हैं

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!