नीति की नई नई शादी हुई थी, ससुराल भी ज्यादा बड़ा नहीं था सास ससुर और एक कुंवारी ननंद. नीति को ससुराल में एडजस्ट होने में ज्यादा टाइम नहीं लगा. घर पर सारे काम वाले थे तो अपने ऑफिस के काम के साथ-साथ किचन का काम नीति अकेले ही संभाल लेती थी .अब उसकी सास को भी काफी आराम हो गया था ,इसलिए वह भी बहू की तारीफ करते नहीं थकती थी. नीति भी अपने ससुराल में बहुत खुश थी सास के रूप में मां और सहेली के रूप में ननंद मिल गई थी, क्योकि नीतिकी ननद हम उम्र ही थी.
मगर खुशबू की एक बुरी आदत थी वह नीति का हर समान बिना उस की इजाजत के यूज़ कर लेती थी. कभी उस की सास में भी उसे इसके लिए मना नहीं किया. नीति मायके मे अकेली बेटी थी तो उसे अपनी चीजे शेअर करने की आदत नही थी. नीति को अपनी ननद की यही आदत बडी बुरी लगती थी.
एक बार उसने अपनी माँ से इस बारे में बात की तो माँ उसे ही समझाने लगी -“बेटा इस तरह की बाते तो ससुराल में आम होती है, जैसे तू यहां पर मेरी साड़ी ओर ज्वेलरी यूज कर लेती थी,वैसे ही तु अपनी सास ओर ननद का समान भी उपयोग मे ले सकती है. छोटी ननंद तो बहन के समान होती है ,इसलिए किसी भी चीज को शेयर करने में तुम्हें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.”
मां की बात सुनकर नीति ने अपना कोई भी सामान यूज करने से मना नहीं किया.
उसकी ननंद उसकी इस आदत का फायदा उठाती नीति का नया कॉस्मेटिक हो या ज्वेलरी वह बिना पूछे ही यूज कर लेती थी. ड्रेसेस तो सबसे पहले उस की ननद खुशबू ही पहनती थी. नीति को कभी उससे कुछ लेने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि उसके पास सब कुछ नया कलेक्शन था.
अगर एक बार ऑफिस पार्टी मे उसे थीम के अकॉर्डिंग ग्रीन कलर का गाउन पहनना था ,जो उसके पास नहीं था.
वह परेशान कर अपने पति जतिन से बोली- जतिन मुझे ऑफिस पार्टी के लिए ग्रीन कलर का गाउन लेना है .ऑनलाइन ऑर्डर करने का टाइम नहीं है. क्या तुम आज मेरे साथ मार्केट चलोगे ? मुझे यहां के मार्केट का कोई आइडिया नहीं है?
जतिन- “अरे यार वैसे ही ऑफिस का इतना सारा काम है ,वर्किंग डे में मुझसे उम्मीद मत करना कि मैं तुम्हारे साथ मार्केट जाऊंगा. वीकेंड होता तो और बात अलग थी.”
नीति सोच रही थी वह क्या करें तभी उसे ध्यान आया कि; खुशबू ने अभी अभी 2 दिन पहले ही ऑनलाइन एक ग्रीन कलर का ड्रेस ऑर्डर किया था. क्योंकि खुशबू और उसकी सास दोनो नीति के मामी ससुराल मे थी तो नीति ने वही ड्रेस उनसे बिना पूछे अपनी ऑफिस पार्टी में पहन लिया.
नीति ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर जब उस ड्रेस के फोटो डाले, तो खुशबू और उसकी सास दोनों बहुत नाराज हो गए.
जब दोनों लौट कर आए तो खुशबू गुस्से में बोली- भाभी आपको मेरा सामान यूज करने के पहले एक बार पूछ तो लेना था .मैंने मेरी फ्रेंड की शादी के मेहंदी फंक्शन के लिए ग्रीन ड्रेस आर्डर किया था, मगर आपने मुझसे बिना पूछे इसे पहन लिया अब मैं वहां पर क्या पहनूंगी. पहन लिया वहा तक तो ठीक था आपने इस ड्रेस मे अपने फोटो भी सोशल मीडिया पर डाल दिए. अब मैं जब मे इस ड्रेस को पहनुंगी तो सबको लगेगा मैं अपने भाभी के कपड़े पहनती हूं.”
सास भी अपनी बेटी का फेवर लेते हुए बोली- नीति तुम इतनी बड़ी हो ,मगर तुमने इतनी सी भी समझ नहीं है कि किसी का सामान यूज करने के पहले एक बार उससे पूछ लेना चाहिए.
अपनी सास और ननद की बातें सुनकर नीति को बड़ा बुरा लगा. वह तो कभी अपने सामान का यूज़ करने के लिए खुशबू को मना नहीं किया. खुशबू भी तो उसकी नई ड्रेसेस पहन कर उसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल देती है. तो लोगों को यह लगता होगा की नीति अपनी ननंद की उतरन पहनती है.
उनकी बातें सुनकर नीति की आंखों में आंसू आ गए और वह बोली- दीदी मैंने तो आपको अपना समझ कर आपका सामान यूज़ कर लिया था .जैसे आप मेरा सामान यूज कर लेती हो .मगर यदि आपको बुरा लगा है तो मैं आपके लिए नया ड्रेस ले आऊंगी.
नीति का जवाब सुनकर सास गुस्से में बोली- “नीति तुम अपनी बराबरी मेरी बेटी से करती हो .मेरी बेटी को किसी चीज की कोई कमी नहीं है. तुम क्या उसे नई ड्रेस दीलाओगे मैं खुद उसकी पार्टी के लिए उसे नई ड्रेस दीलाऊंगी . आज तक उसने कभी किसी के पहने हुए कपड़े नहीं पहने मैं उसे तुम्हारी उतरन पहनने नहीं दूंगी.”
जतिन जो उन तीनों की बातें सुन रहा था अब बीच में बोला- “माँ मुझे पता नहीं था कि तुम्हारी सोच इतनी छोटी है. नीति भी अपने घर में अकेली थी उसने कभी किसी के पहने हुए कपड़े नहीं पहने .मगर खुशबू हमेशा उसकी नई ड्रेस पहन लेती थी .उसने तो कभी कोई ऑब्जेक्शन नहीं लिया .मगर आज यदि नीति ने उसका ड्रेस पहन लिया तो इतना तमाशा करने की क्या जरूरत है.”
सास-” 2 दिन में अपनी बीवी की जुबान बोलने लग गया. खुशबू इस घर की बेटी है हर चीज पर उसका पहला हक है फिर वह चाहे मेरे कपड़े हो या नीति के समझे तुम.”
“एक छोटी सी ड्रेस के पीछे अपनी भाभी से रिश्ते खराब करने वाली लड़की अपने हक की बात करेगी यह शोभा नहीं देता .”नीति के ससुर जी बीच में बोल पड़े जैसे खुशबू इस घर की बेटी है तो नीति इस घर की बहू है. खुशबू यदि तुम अपनी चीज शेयर नहीं कर सकती हो तो आज के बाद तुम्हें अपनी भाभी की चीज को हाथ लगाने का कोई हक नहीं है. मैं भी अपनी गृहलक्ष्मी को किसी की उतरन नहीं पहने दे सकता.
नीति के ससुर जी की बात सुनकर उसकी सास ननंद गुस्सा होकर कमरे में चली गई.
नीति जतिन और अपने ससुर जी की ओर देख रही थी तो उसके ससुर जी आगे बढ़कर बोले-” बेटा मेरे लिए जैसे खुशबू है वैसे तूम . मैंने हमेशा से उसे गलत के खिलाफ आवाज उठाना सिखाया है और तुमसे भी यही कहूंगा कि अपने हक के लिए तुम्हें खुद आवाज उठानी होगी.”
दोस्तों कई घरों में ननंदें अपनी भाभी का सामान आसानी से यूज कर लेती है. मगर यदि भाभी की बारी आती है तो घर में तमाशा होने लगता है .ऐसा क्यों? यह सवाल आज भी अनसुलझा है .यदि इसका जवाब पता हो तो कमेंट में जरूर दें.
विनीता मोहता