हलवा – गुरविंदर टूटेजा

अप्रकाशित

आज नीतू का जन्मदिन था बहुत खुश थी सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर रसोई में दादी के पास पहुंँच गई…दादी ने हलवा बना दिया था पहले नीतू ने आशीर्वाद लिया फिर दादी ने उसे हलवा खिलाया..एक कटोरी में हलवा लेकर वो दादाजी के पास गई..दादाजी ने भी उसे प्यार व आशीर्वाद दिया और बहुत खुश होकर हलवा खातें हुए बोलें …तुम्हारी दादी ने सबके जन्मदिन पर हलवा बनाने की रीत बहुत अच्छी बनाई हैं मुझे तो हलवा खाने में मजा आ जाता…!!!!

सभी आकर दादाजी-दादीजी को पहले बधाई देतें हैं कि आज नीतू का जन्मदिन हैं आपको बधाई हो फिर मिलकर सब हलवा खातें हैं…!!!!

नीतू के जन्मदिन के चार दिन बाद दादाजी…नीतू बिटिया अपनी दादी अम्मा से कहो आज दादाजी का जन्मदिन हैं तो हलवा बना लें..सामने बैठी दादी हँसतें हुए बोली..आज किसी का जन्मदिन नहीं हैं..!!!!

नीतू बेटा तो बोलो दादाजी को पंसद है इसलिए बना दो…!!

नीतू ने कहा दादाजी दादी तो आज हलवा नहीं बनाने वाली पर मैं अपने ससुराल में ये रीत जरूर चालू करवाऊँगी…!!!!

दादी बोली….ऐसा ही हो…इतना प्यारा ससुराल मिलें जो तुम्हारी भी सुनें…!!!!

वक्त बीत गया नीतू की शादी हो गई और ढाई महीने बाद नीतू का ही जन्मदिन आ गया एक तो नई-नई शादी थी और फिर किसी और का जन्मदिन होता तो वो हिम्मत कर लेती पर उसने सुबह हलवा बनाया और पापाजी-मम्मीजी की चाय से साथ ले गई…!!!!

 उसने दोनो को पैरी पोना (पैर पड़ना) किया और हलवे की कटोरी उनकों दी…पापाजी ने कहा …भई आज किस खुशी में हलवा बना है..!!!!

हमारें यहाँ एक रीत दादीजी ने बनाई थी कि किसी का भी जन्मदिन हो शुरूआत मीठे से यानि हलवें से होती थी तो मैंने भी सोचा कि मैं ये रीत आगे  बढ़ाऊंगी..बस इसलिए बना लिया और आज मेरा ही जन्मदिन आ गया…!!!!

मम्मी जी पापाजी ने एक दूसरें को देखा और फिर बोलें बहुत अच्छी शुरूआत बेटा…सबके जन्मदिन नोट कर लेना और तूने ही बनाना हैं हमेशा हलवा…बहुत बहुत बधाई एवं आशीर्वाद…!!!!

फिर अपने बेटे को आवाज लगाई…सिमर बेटा…नीतू को

उसकी पंसद का सूट दिलाकर ला हमारी तरफ से…!!!!

नीतू ने कहा …मुझे बस आपका आशीर्वाद चाहिए..!!!!

नीतू बेटा लेना तो पड़ेगा…ये हमारे घर की रीत है…इतने में मायके से फोन आ गया…दादी ने बधाई दी और बोला हलवा बनाया है बेटा पहले तेरे को फोन लगाया…नीतू बोली…मैंने भी हलवा बनाया है दादी और मुझे ही बनाना भी हैं सबके जन्मदिन पर…फिर सबने मिलकर खुशी-खुशी  हलवा खाकर मुँह मीठा कर लिया…!!!!

गुरविंदर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र.)

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