दिल के रिश्तों में तानों का क्या काम – प्रियंका मुदगिल

अजीब सी चुप्पी थी घर में……पार्टी से आने के बाद।लेकिन कुछ देर बाद…..

“जगह देख कर बोला करो….रागिनी, क्या कहीं पर भी कुछ भी बोल देती हो…”  अजय गुस्से से  चिल्लाया

रागिनी:- “क्यों मैंने ऐसा क्या कह दिया जो तुम इतना गुस्सा कर रहे हो…””

अजय :-“”क्या जरूरत थी तुम्हें मेरे सब दोस्तों के सामने यह बोलने की कि  मुझे तुम्हारा सबके सामने डांस करना बिल्कुल भी पसंद नहीं है…..मेरी मेरे दोस्तों के सामने क्या इमेज बनी होगी…. अगर तुम्हें नहीं करना था तो आराम से मना कर देती  कि मेरा मन नहीं है…ये सब कहने की क्या जरूरत थी..””

रागिनी:- ” तुम्हें इस बात का बुरा लग रहा है कि मैंने सच बोल दिया या फिर इस बात का बुरा लग रहा है कि मैंने सबके सामने तुम्हें यह सब कहा…”

अब रागिनी भी गुस्से से भर गई।

” तुमसे तो बात करना ही वह बेकार है हर बात पर बहस करती रहती हो”” और आकर अपने कमरे में चादर तान कर सो गया।

रातभर रागिनी जागती रही। नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी। जाने क्या नजर लगी हमारे रिश्ते को कहते कहते अतीत की यादों में खो गई। कितना प्यार था उन दोनों के बीच में…..रागिनी अपने माता-पिता की इकलौती संतान और एक पढ़ी-लिखी खूबसूरत युवती…..किसी को भी एक ही नजर में भा जानेवाली…।

उसी के कॉलेज की एक सहेली मीनू, जिसके घर रागिनी अक्सर आया जाया करती थी। अजय मीनू का बड़ा भाई था। लेकिन कभी भी अजय और रागनी का आमना- सामना नहीं हुआ था। क्योंकि नौकरी के चलते अजय  बाहर रहता था।

एक दिन रागिनी, मीनू के घर पर नोट्स लेने जा रही थीl तभी अजय की बाइक से टकरा गई और साइड में गिर गई। चोट तो नही आई पर उसके कपड़े कीचड़ से थोड़े गंदे हो गए।

अजय ने बाइक रोककर कहा, “सॉरी! आप मुझे हाथ दीजिये….उठा देता हूं…”।

“मुझे तुम्हारी हेल्प की कोई जरूरत नहीं है मिस्टर….अपने काम से काम रखो……जितनी हेल्प करनी थी,तुम कर चुके हो। जब बाइक चलानी नहीं आती तो रास्ते में लेकर ही क्यों निकलते हो…”” गुस्से से रागिनी ने उठते हुए कहा।

“”माफ कीजिएगा मैडम! रास्ते में तो आप ही चल रही थी ना….पैदल चलने के लिए भी रोड के साइड में एक जगह होती है जहां से सबको चलना चाहिए…यह नहीं कि रोड के बीचो बीच चलोगी तो किसी न किसी गाड़ी से तो टकरा ही जाओगी…””।

“अच्छा तो तुम्हें कह रहे हो कि इसमें मेरी गलती है….एक तो मेरे कपड़े गंदे हो गए और कबसे बकवास कर रहे हो …””

” ओके ठीक है….चलिए मैं आपको आपके घर तक छोड़ देता हूं…”



“”नहीं मुझे तुम्हारी हेल्प की कोई जरूरत नहीं है…”

कहकर गुस्से से चली गई रागिनी । और यह उनके बीच की पहली मुलाकात थी जो एक तकरार से शुरू हुई थी। जैसे तैसे रागिनी अपनी फ्रेंड मीनू के घर पहुंची। मीनू उसकी हालत देखकर जोरो से हंसने लगी और रागिनी चिड़े जा रही थी। फिर मीनु ने उसे अपने कपड़े चेंज करने के लिए दिए और उसकी हालत की वजह पूछने लगी। सारी बात रागिनी एक ही सांस में बोल गयी।

थोड़ी देर बाद अजय वहां पर आया तो रागिनी वहीं पर गुस्से में कहने लगी कि”” यही वह बदतमीज लड़का है जिसने मुझे टक्कर मारी थी…..थोड़ी बहुत बहस के बाद जब रागिनी को पता चला कि यह मीनू का भाई है तो वह वहां से घर चली गई। इसी तरह अक्सर दोनों की मुलाकाते होने लगी और तकरार कब प्यार में बदल गई उन दोनों को भी नहीं पता चला। धीरे धीरे प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने शादी करने का फैसला किया। घरवालों को भी इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि सब आपस में एक दूसरे को अच्छे से जानते- पहचानते थे।

मीनू अक्सर उन्हें छेड़ती कि” रागिनी भाभी ,अब भैया के साथ बाइक पर मत बैठना…..कहीं आप को फिर से ना गिरा दे “और सब इस बात पर जोरों से हंसने लगते ।

शादी के बाद भी उन दोनों के बीच कभी झगड़ा नहीं हुआ जबकि वह किसी पति -पत्नी को लड़ते हुए देखते तो बोलते थे कि ना जाने क्यों लोग एक -दूसरे से इतनी बुरी तरह लड़ाइयां करते हैं जबकि वह एक दूसरे के दिल का हाल बिना देखे ही समझ जाते थे। हर पति- पत्नी की तरह उनके बीच में भी थोड़ी बहुत बहसबाजी होती थी लेकिन कुछ देर के बाद दोनों आराम से बातें करने लगते। और अपनी नादानी पर हंसते थे।

जैसे-जैसे समय बीतता गया, न जाने क्यों अजय का स्वभाव चिड़चिड़ा होता गया। बच्चे होने के बाद रागिनी अजय को पूरा टाइम नहीं दे पाती। इसलिए अजय कभी अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता। एक दूसरे से बातें ना करने की वजह से दोनों के बीच में दूरियां आती गयी और धीरे-धीरे उनके झगड़ों ने तानों का रूप ले लिया।अजय बातों- बातों में रागिनी को ताने मारता रहता। यह बात रागिनी की बर्दाश्त से बाहर हो गई थउसने कई बार अजय से कहा,””मुझे इस तरह से ताने सुनना बिल्कुल सहन नहीं होता”” लेकिन अजय को उसे छेड़ने में मजा आता। पहले जो बहस प्यार में होती थी अब वह  आपसी टकराव में तब्दील हो गई। तो  दूरियां बढ़ना भी निश्चित ही था । पहले जहां अजय उसकी हर गलती पर अकेले में समझाता था अब वही अजय किसी भी महफिल में या किसी के भी सामने उस पर तंज कसने में कसर नहीं छोड़ता। यह बातें अंदर ही अंदर रागिनी के दिल को चोट पहुंचा रही थी।

अब रागिनी ने भी सोच लिया कि जैसे को तैसा करना ही पड़ेगा। इसलिए उसने सोचा कि जब तक  अजय को महसूस नहीं होगा कि उसकी इन बातों का मुझ पर क्या असर पड़ता है, तब तक वह मेरी भावनाओं को नहीं समझेगा।

इसलिए अजय को सबक सिखाने के लिए ही जब वो पार्टी में गए, तो सब दोस्तों ने अजय और रागिनी को डांस करने के लिए कहा। अजय जैसे ही रागिनी का हाथ पकड़ने लगा तो रागिनी ने सबके सामने बोल दिया कि “”नहीं अजय को मेरा सबके सामने डांस करना बिल्कुल भी पसंद नहीं है….””

अजय  गुस्से से घूरने लगा।

घर आकर अजय:- “”मेरे दोस्तों के सामने तुमने मेरी इमेज खराब कर दी….””



रागिनी:- “” अगर मैं तुम्हारे दोस्तों के सामने बोलती हूं तो क्या दिक्कत है उन्हें भी तो पता होना चाहिए ना कि तुम किस तरह के इंसान हो…””

और बस इसी बात से उनकी बहस शुरू होते होते एक भयानक झगड़े का रूप ले गई। 

रागिनी रात भर सोचती रही कि उसकी एक प्यार भरी छोटी सी दुनिया को न जाने किसकी नजर लग गई। लेकिन चाहे कुछ भी हो अब वह सब सही करके ही रहेगी ।

अगले दिन…

अजय गुस्से में ऑफिस चला गया।  शाम को जब ऑफिस से घर आया तबतक रागिनी बच्चों को सुला चुकी थी और तैयार होकर खाने पर इंतजार कर रही थी। अजय अपनी पत्नी को इतना सजा सँवरा देखकर मन ही मन खुश हो गया। हाथ मुंह धोकर दोनों खाना खाने बैठे।

उसके बाद रागिनी ने कहा ,””अजय! जब किसी भी रिश्ते में हंसी मजाक तानों का रूप ले ले और वह हमें चुभने लग जाए, तब हमें सतर्क रहे हो जाना चाहिए। क्योंकि वह रिश्ते खत्म करने का पहला पड़ाव होता है।

अजय:- ” सही कहा तुमने रागिनी !! लेकिन तुम भी कहाँ मुझे ताने मारने में पीछे रहती हो …”।

“”हां, लेकिन तुम कई बार इतना कुछ बोल देते हो कि…….  पहले जो भी बोलते थे सिर्फ मुझे अकेले में बोलते थे चाहे मेरी कितनी बड़ी गलती क्यों ना हो….लेकिन आजकल तुम ना आव देखते हो ना ताव….चाहे घरवाले हो या बाहरवाले, तुम किसी के भी सामने शुरू हो जाते हो…..एक बार भी यह नहीं सोचते कि इससे मेरे दिल पर क्या फर्क पड़ता है या हमारे सामने वाले की नजर में क्या इमेज बनती है …..मैंने तुम्हें  कल तुम्हारे दोस्तों के सामने जानबूझकर थोड़ा बहुत  बोल दिया तो तुम्हें बुरा लगा लेकिन आजकल तुम भी तो सबके सामने ही मुझे कुछ भी बोलने से बाज नहीं आते….क्या तुमने सोचा कि मुझे कैसा महसूस होता होगा …”””



अजय,””हां रागिनी!!तुम बिल्कुल सही कह रही हो इस बारे में हमें सोचना ही चाहिए और मैं आगे से इसका खास इस बात का खास ख्याल रखूंगा….मुझे भी मेरे पहले वाली ही रागिनी चाहिए जो मेरा इसी तरह से इंतजार करे….लेकिन आजकल तुम भी मुझे ज्यादा समय नहीं देती हो….मानता हूं कि हमारे बच्चे हो गए हैं लेकिन हमारी जिंदगी का क्या……क्या हमारी कोई लाइफ नहीं है…..हमें भी एक- दूसरे के साथ टाइम की जरूरत है….. लेकिन तुम घर और बच्चों में ही बिजी रहती हो …..बस इसी वजह से मैं भी चिड़चिड़ा सा हो गया हूं और मेरे मुंह से भी कुछ भी बात निकल जाती है….””

रागिनी ,”” ठीक है,आगे से मैं भी अपना काम उसी तरह से मैनेज करूंगी और कभी अगर मैं काम करूं तो तुम जल्दी बच्चों को सुला दो ताकि हम  साथ टाइम बिता सकें””

अजय ने रागिनी का हाथ पकड़कर कहा,””ठीक है, बस एक प्रॉमिस करना कि तुम अब रोज इसी तरह सज संवरकर मेरा इंतजार करोगी…..तो मैं वही पहलेवाला अजय बन जाऊंगा….””

और हंसने लगा अजय।

“”हां हां ठीक है पतिदेव!!कहोगे तो आरती की थाल भी साथ में रखूंगी..””और दोनों हँसकर एक- दूसरे के गले लग गए।

 

दोस्तों! कभी- कभी इंसान गलत नहीं होता। लेकिन किसी भी रिश्ते में हमें एक- दूसरे के साथ समय बिताने की ज्यादा जरूरत होती है ताकि अपनी परेशानियां और तकलीफें एक- दूसरे के साथ शेयर कर सके। जब हम किसी रिश्ते को समय नहीं दे पाते हैं तो उन्हें दूरियां आना भी लाजमी है। इसलिए कोशिश करें , जो भी गलतफहमी ना हो उस समय रहते एक दूसरे से बातचीत करके दूर कर ले ।

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धन्यवाद🙏

स्वरचित एवं मौलिक

प्रियंका मुदगिल

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