” मम्मी मारा…मम्मी मारा..!” बारह वर्षीय चिराग बाहर से रोता हुआ आया।
” ओह मेरा बच्चा किसने मारा!” चिराग की मां मीनू उसे प्यार करते हुए बोली।
” छोटू मारा ..छोटू मारा।” चिराग सुबकते हुए बोला और मां की गोद में लेट गया। मीनू उसे प्यार से सहलाने लगी थोड़ी देर में चिराग सो गया तो मीनू ने उसे आराम से सोफे पर लिटा दिया।
आप सोच रहे होंगे ये चिराग कौन है और ये ऐसे बात क्यों कर रहा है तो दोस्तों आपको बता दूं चिराग हमारी आपकी तरह सामान्य नही है ….नही नही गलत मत समझिए वो पागल नही है बस वक्त से पहले जन्म लेने के कारण वो बहुत कमजोर था धीरे धीरे शारीरिक कमजोरी तो भर गई पर मानसिक कमजोरी नहीं भर पाई मीनू और उसके पति राकेश ने बहुत कोशिश की इलाज भी करवाया लेकिन कोई खास फायदा नही हुआ। ईश्वर की नियति देखिए चिराग के बाद मीनू को कोई दूसरी संतान भी नही हुई।
” मीनू तुम चिराग को बाहर क्यों भेजती हो तुमसे उसे घर में नही रखा जाता …!” शाम को ऑफिस से आते ही राकेश भड़क कर बोला।
” क्या बात है आप क्यों चिल्ला रहे है ऐसा चिराग ने क्या कर दिया!” मीनू रसोई में से बाहर आती बोली। खिलौनों से खेलता चिराग सहम कर मां से लिपट गया।
” क्या किया है ये मुझसे पूछती हो ….अरे मिस्टर वर्मा के बेटे छोटू को पत्थर मारा इसने वो तो गनीमत है बच गया वो वरना जाने क्या होता !” राकेश गुस्से में बेटे को घूरते हुए बोला।
” मैं नही छोटू मारा!” चिराग डरते हुए बोला।
” झूठ बोलता है …!” राकेश आगे बढ़ चिराग को थप्पड़ मारने को हुआ तो मीनू ने उसे अपने आंचल में समेट लिया।
” राकेश क्या कर रहे हो ….तुम्हे दूसरों पर यकीन है अपने बच्चे पर नही कैसे बाप हो तुम !” मीनू चिल्ला कर बोली।
” इस पागल पर कौन यकीन करेगा …और क्या सारी सोसायटी झूठ बोलती है रोज इसके कारण सुनना पड़ता है भगवान ने एक औलाद दी वो भी ऐसी!” राकेश गुस्से में बोलता हुआ अंदर चला गया। मीनू जानती थी राकेश गुस्से में ये बोल रहा है अभी थोड़ी देर बाद खुद आएगा बेटे को प्यार करने ।
” चिराग पागल है चिराग मर जायेगा …!” चिराग मां से दूर हो कोने में बैठ रोते हुए बोलने लगा
” नही मेरे बच्चे तुम पागल नही हो !” मीनू ने आगे बढ़ बेटे को गले लगा लिया।
” सब चिराग को डांटते है पापा भी छोटू मारता है चिराग गंदा बच्चा है !” चिराग अभी भी वही सब बोले जा रहा था।
” बेटा तुम दुनिया के लिए भले कैसे भी इंसान हों पर मेरे लिए मेरी पूरी दुनिया हो इसलिए कभी ऐसी बात मत करना !” मीनू ने बेटे को अपने अंक मे भींच लिया।
” चिराग इधर आओ बेटा …!” थोड़ी देर बाद जब राकेश का गुस्सा उतरा तो वो बाहर आ बोला।
” नही पापा चिराग को डांटते है पापा गंदे है !” चिराग पापा को देख बोला।
” माफ कर दो बेटा …चलो पापा आइसक्रीम खिला कर लायेंगे अपने बेटे को !” राकेश घुटनो के बल बैठ कान पकड़कर बोला तो चिराग भाग कर पापा के गले लग गया।
” राकेश तुम्हारी ऐसी बातों से चिराग पर क्या असर हो रहा तुम जानते भी हो। वो वैसे ही दूसरे बच्चो से अलग पाता है खुद को उसपर अगर हम भी उसे नही समझेंगे तो ये तो अन्याय हुआ उस मासूम पर। हमे चिराग के बारे में कुछ सोचना होगा …वो ना स्कूल में पढ़ सकता है ना ही कोई दोस्त उसका ऐसे कैसे चलेगा !” रात को मीनू ने राकेश से कहा।
” मीनू मैं आज की हरकत पर शर्मिंदा हूं अब हमे खुद चिराग का दोस्त बनना पड़ेगा। मैं मानता हूं मैं उस पर गुस्सा कर जाता हूं पर मजबूर हूं मैं भी। लोग उसे पागल बोलते उसकी शिकायत करते तो मुझे गुस्सा आ जाता पर अब नही …सबसे पहले तो मैं यहां से अपना ट्रांसफर करवाता हूं जिससे चिराग यहां से दूर रहे। उसके बाद हमे संयम से काम ले उसे चीजे सिखानी होंगी । अब मैं उसपर कोई अन्याय नही होने दूंगा अपने बच्चे का साथ दूंगा ” राकेश भर्राये गले से बोला।
” सही कहा राकेश … मैं खुद उसे पढ़ाऊंगी और उसे जो थोड़ा ड्राइंग का शौक है उसे विकसित करूंगी !” मीनू बोली।
अगले दिन से मीनू ने दोहरी जिम्मेदारी अपना ली वो बेटे की मां होने के साथ साथ उसकी अध्यापिका भी बन गई ….एक चीज उसे बार बार सिखाती खेल खेल में उसे चीजों का ज्ञान करवाती , मीनू ने खुद बाहर जाना छोड़ दिया जिससे बेटे को ज्यादा समय दे सके। उसके लिए ड्राइंग का सामान लाई जिससे वो पेंटिंग के शौक को पूरा कर सके।
इस बीच राकेश ने भी अपना ट्रांसफर दूसरे शहर में करवा लिया जिससे बेटा यहां के मोहौल से दूर हो। शाम को घर आ राकेश भी बच्चे को पूरा समय देने लगा। मीनू चिराग को पार्क ले जाती खुद उसके साथ खेलती जिससे उसे किसी दोस्त की कमी महसूस नहीं होती।
” देखो राकेश चिराग कितनी सुंदर पेंटिंग्स बनाने लगा है !” दो साल बाद एक दिन मीनू चिराग की पेंटिंग दिखाती हुई बोली।
” अरे वाह सच में …. तुम इसकी कुछ चुनी हुई पेंटिंग्स निकालो मैं उनका कोलाज बनवाता हूं वो हम यहां ड्राइंग रूम में सजाएंगे।” राकेश खुश होते हुए बोला।
” हां और मैं इसका इंस्टाग्राम पेज बनाती हूं जहां हम अपने बेटे की पेंटिंग्स डालेंगे लोगों को भी तो पता चले हमारा बेटा कितना टैलेंटेड है !” मीनू बेटे को प्यार करती हुई बोली।
” सच्ची मम्मी !” चिराग खुश होते हुए बोला।
चिराग की पेंटिंग्स देख इंस्टा पर उसके फॉलोअर्स बढ़ने लगे इधर ड्राइंग रूम में लगे कोलाज को देख हर कोई खुद को चिराग की तारीफ करने से नही रोक पाता। धीरे धीरे चिराग में आत्मविश्वास बढ़ता गया और उसकी पेंटिंग में सुधार आता गया। मीनू ने उसे स्वयं पढ़ाकर इस लायक तो बना ही दिया कि वो अपनी बात अच्छे से बोल लेता है और लिखा हुआ पढ़ भी लेता है।
आज चिराग बाइस साल का है उसकी पेंटिंग इंस्टा पर इतनी पसंद की गई कि उसे एक पब्लिशिंग कंपनी में बुक के कवर पेज बनाने का काम दिया जिसे चिराग और उसके मम्मी पापा ने सहर्ष स्वीकार किया क्योंकि वो चाहते है चिराग अपने पैरों पर खड़ा हो अब जिससे भविष्य में वो कहीं मार ना खाए।
दोस्तों कुछ बच्चे अलग होते है पर इसका मतलब ये नही कि वो पागल है या जिंदगी में कुछ कर नही सकते हर बच्चा स्पेशल होता है….जरूरत है उन्हे सही राह दिखाने की जो माता पिता से बेहतर कोई नहीं कर सकता।
आपकी दोस्त
#अन्याय
संगीता अग्रवाल