“बस इतना ही सामान लाई है बहु??”
“ये क्या बस गिनती के 4 गहने??”
“कम से कम कपड़े ही ढंग के दे देते”
“माफ़ करना भाभी हमें तो कुछ भी अच्छा नहीं लगा।इतना सुंदर है हमारा अमित ऊपर से सरकारी नौकरी भी है कोई अच्छा घर देख कर शादी करते… लगता है लड़की बिल्कुल गरीब घर की है”
इस तरह की आवाज़ें कमरे में आ रही थीं।जिसे सुन नई नवेली दुल्हन रीमा का चेहरा उतर गया।उसे ज्यादा बुरा इसीलिए लग रहा था क्योंकि ससुराल पक्ष का कोई भी व्यक्ति कुछ भी नहीं बोल रहा था।तभी कमरे में रीमा की जेठानी अंजू दाखिल हुई।रीमा का उतरा हुआ चेहरा बता रहा था कि वो बहुत आहत हुई है।
अंजू उसके पास बैठी और उसके कंधे पर हाथ रख बोली,”रीमा जब मेरी शादी हुई थी तो मेरे घरवालों ने बहुत कुछ दिया था लेकिन इन लोगों को कोई चीज़ पसंद आएं तब ना.. ये लोग तो ऐसे ही बोलते रहेंगे तुम इनकी बातों से दुखी मत होना तुम्हारे घरवाले लाखों रुपए खर्च भी कर देते तब भी इनके दिल को तसल्ली नहीं होती इसीलिए इनको इग्नोर करो और अभी अभी तुम्हारी शादी हुई हैं खुशी का मौका हैं चलो मुस्कुरा दो।”
जेठानी के बातें सुन रीमा को अच्छा लगा और वो हंस दी।
रात में घर में संगीत का प्रोग्राम रखा गया था।सासु मां कमरे में आई और बोली ,”बेटा रात में कोई अच्छी से साड़ी पहन लेना” इतना कह वो चली गईं।
तुमने मुझे पास कर दिया बेटी..! सीमा प्रियदर्शनी सहाय : Moral Story In Hindi
अंजू वहीं थी उसने रीमा से पूछा,”तुम्हें साड़ी पहननी आती हैं क्या”
“नहीं दीदी मुझे तो नहीं आती”
“अरे कोई बात नहीं मैं मदद कर दूंगी जब मेरी शादी हुई थी मुझे भी नहीं आती अब तो मैं परफेक्ट हो गई हूं 2 मिनट में बांध लेती हूं”इतना कह अंजू हंस दी और रीमा भी मुस्कुरा दी।
शाम में अंजू ने रीमा की मदद की और उसको सिखाया भी कि साड़ी कैसे बांधनी हैं।रीमा को लगा जैसे उसे जेठानी नहीं बड़ी बहन मिल गई हो।
लेकिन उसे नहीं पता था कि अंजू आस्तीन की सांप है।उसने रीमा को साड़ी तो बांध दी लेकिन सबके सामने जाकर कह रही थी कि इसे तो साड़ी बांधनी भी नहीं आती.. कामकाज़ की भी नहीं हैं और दहेज़ भी कुछ नहीं लाई.. नाक कटवा दी मोहल्ले में।
रीमा की पहली रसोई में भी जब अंजू ने मदद की तो रीमा के दिल में अंजू के लिए सम्मान और बढ़ गया।
अंजू ने बातों ही बातों में सास,ससुर और ननद के खिलाफ रीमा के कान भर दिए और रीमा ने भी बड़ी आसानी से यकीन कर लिया।घर में उसके मायके वालों के लिए हुई छोटी से छोटी बात रीमा को बता दी और ये भी बता दिया कि अमित यानी कि रीमा के पति की पहले भी कहीं सगाई हो गई थी लेकिन लड़कीवालों को इनकी दकियानूसी सोच का पता लगा गया तो उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया
ये सुन रीमा हैरान रह गई।सगाई के बाद से ही रीमा और अमित फ़ोन पर बात करने लगे थे एक दो बार मिले भी लेकिन अमित ने कुछ नहीं बताया।
अब रीमा को ससुराल में सब बुरे लगने लगे थे।उसे लगने लगा था कि बस जेठानी ही उसका दर्द समझती हैं..
उधर अंजू रीमा से मीठी मीठी बातें करती और साथ ही साथ सबकी बुराई करती और रीमा हां में हां मिलती और वो भी अपने दिल की 1-2 बातें कह देती जिनपर मिर्च मसाला लगा अंजू सबको बता देती।
रीमा और ससुराल वालों के बीच दूरियां बढ़ रही थीं।रीमा सभी से कटी कटी सी रहती किसी से ज्यादा बात ना करती।
एक दिन अमित ने रीमा से कहा,”रीमा तुम मेरे घरवालों से ज्यादा घुलती मिलती क्यों नहीं हो?बस अपने काम से काम रखती हो…कभी मां बाबू जी के पास भी बैठो उनसे बातें करो…उनके भी अरमान हैं नई बहु को लेकर”
अब बात चली थी तो रीमा ने सोचा कि अमित से पूछ लिया जाएं उनके पहले रिश्ते के बारे में.. रीमा बोली,”अमित मैंने सुना हैं कि आपका पहले भी कहीं रिश्ता हुआ था लेकिन वो टूट गया आपने मुझे बताया क्यों नहीं “
इतना सुन अमित भौंचक्का रह गया।उसे समझ नहीं आया कि क्या बोले बस इतना ही बोल पाया कि तुम्हें किसने कहा
“किसी ने भी बताया हो अमित पर कुछ बात तो जरूर हैं “
“वो भी बता दूंगा पर जो कोई भी तुम्हारे कान भर रहा हैं ना उसी के कारण टूटा था रिश्ता”
“कौन भर रहा हैं मेरे कान”
“बड़ी भाभी और कौन”
“अमित दीदी के बारे में कुछ मत बोलना,वो बहुत अच्छी हैं और मेरी बहुत मदद करती हैं”
“रीमा तुम अभी आई हो इस घर में.. मैं उन्हें कई वर्षो से जानता हूं शादी के 2 महीने बाद ही अलग घर में रहने की फरमाहिश कर दी थी उन्होंने..इसीलिए तो इसी शहर में होकर भी किराए के घर में रहती हैं हमारे घर तो वो आती भी नहीं थी जब से शादी हुई हैं बस तुमसे मिलने आती हैं बाकी सच्चाई छुपती नहीं हैं सच सामने आ ही जाता हैं तुम्हें भी उनका नेचर समझ आ जायेगा”
“अमित क्या दीदी की वजह से तुम्हारा रिश्ता टूटा था”
“हां जहां भी बात चलती ये वहीं जाकर घरवालों की चुगलियां करना चालू कर देती थी जब मेरा रिश्ता हुआ तब भी ऐसा किया लड़की वालों ने भाभी की बातों में आकर रिश्ता तोड़ दिया इसीलिए जब तुमसे रिश्ता हुआ तो हमने इनको बताया ही नहीं”
अमित की बातें सुन अब अंजू को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
रविवार के दिन घर में कीर्तन था। रीमा की ननद और जेठानी भी परिवार सहित आए हुए थे।सत्संग खत्म हुआ तो रीमा ने चाय बनाई और कमरे में दाखिल होने लगी।मोबाइल में रिकॉर्डिंग प्ले होने की आवाज़ सुनी तो रुक गई।ये आवाज़ उसी की थीं।रीमा जब जेठानी से बात कर रही थी तो जेठानी ने चुपके से उसकी बातें रिकॉर्ड कर ली और वहीं रिकॉर्डिंग वो अब घरवालों को सुना रही थी और बोली,”देख लो मम्मी आपकी बहु ऐसी ऐसी बातें बोलती हैं आपके बारे में”
रीमा से वहां खड़ा ना हुआ गया और वो रसोई में आ गई।
“इतना बड़ा धोखा दीदी… पहले मेरा विश्वास जीत लिया और अब ये सिला दिया हैं.. क्यों दीदी क्यों? मैंने तो आपको बहन मान अपने दिल की सारी बातें बिना सोचे समझे कह दी और ये आपने क्या किया.. घरवालों के सामने क्या इज्ज़त रह गई मेरी.. पर अब जो आपने मेरे साथ किया मैं भी आपके साथ वहीं करूंगी।
तभी पीछे से हंसती हुई जेठानी आ गई “अरे रीमा चाय बनी की नहीं?? कोई मदद चाहिए तो बताओ
रीमा मन ही मन सोच रही थी कि कोई इतना गिरा हुआ कैसे हो सकता हैं मुंह का इतना मीठा और दिल का इतना काला…
“कहां खो गई”
“कुछ नहीं दीदी मैं आती हूं चाय देकर आप मेरे साथ यही चाय पी लेना”
रीमा कमरे में चाय देकर आई और आते समय अपना फोन उठा लाई और रिकॉर्डिंग ऑन कर ली।
फिर जेठानी से बातें करनी लगी।अंजू घरवालों की बुराई किए जा रही थी सबको भला बुरा बोले जा रही थी।रीमा ने सब रिकॉर्ड कर लिया।
रात में जब सब खाना खाने लगे तो रीमा सबको खाना परोस रही थीं लेकिन सास और ननद का मुंह फूला हुआ था।इतने दिनों से दोनों चुप थे लेकिन आज उनसे चुप नहीं रह गया तो ननद सुप्रिया बोली,”भाभी आप मुंह पर तो इतनी मीठी हो और पीछे से सबकी इतनी बुराई करती हो”
तो रीमा बोली,”दीदी मुझसे कुछ गलतियां हुई हैं उनके लिए मैं माफ़ी मांगती हूं लेकिन आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा मैंने बिना सोचे समझे कुछ बोला हो तो माफ़ करना”
तभी सास भी बोल पड़ी,”रीमा तुमसे ये उम्मीद न थी और अंजू को तरफ देखा”
तो अंजू सास और ननद की हां में हां मिलाने लगी
“मांजी दीदी अक्सर मुझसे चिकनी चुपड़ी बातें करती थीं व आप लोगों के खिलाफ़ मुझे भड़कती थीं और मैं उनकी बातों पर आंख मूंद कर विश्वास करती रही… मैंने इनको अपना हमदर्द मन लिया था इसीलिए जो दिल में होता सब इनसे कह देती.. इन्होंने धोखा किया हैं मेरे साथ मुझे नहीं पता था कि ये सारी बातें रिकॉर्ड करती हैं और आपको सुनाती हैं”रीमा बोली।
अंजू ने रीमा कि तरफ देखा और बोली,”मैंने कब तुम्हें भड़काया.. मैं तो घरवालों की बहुत इज्ज़त करती हूं.. मम्मी जी ये झूठ बोल रही है.. इसकी चोरी पकड़ी गई है इसीलिए नाटक कर रही हैं मैंने तो रिकॉर्डिंग इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए की है “
“अच्छा दीदी तो ये सुनिए… आपकी सच्चाई सामने लाने के लिए मैंने भी आपके रिकॉर्डिंग करली थी… ” इतना कह रीमा ने रिकॉर्डिंग ऑन करदी।जिसे सुनकर घर के सब लोग हैरान रह गए।
बात बिगड़ते देख अंजू फटफट निकल ली और रीमा ने सबसे वादा किया कि वो ऐसी गलती फिर दोबारा नहीं करेगी।सबने उसे माफ़ कर दिया और अब रीमा को अक्ल आ गई थी कि बिना किसी को जाने पहचाने उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए।रीमा ने इस धोखे से सबक ले लिया और जीवन में ऐसी गलती फिर कभी नहीं की।
दोस्तों सच्चे दिल वाले इंसान को सब अपने जैसे सीधे और भोलेभाले लगते हैं इसीलिए वो सब पर आसानी से भरोसा कर लेता हैं लेकिन हर कोई आपके भरोसे के लायक नहीं होता कुछ लोग इसी मासूमियत और भोलेपन का फ़ायदा उठाते हैं और मौका देखते ही छुरा घोंप देते हैं…इसीलिए सोच समझकर विश्वास करें।
कहानी अच्छी लगे तो लाइक,कॉमेंट व शेयर करना ना भूलें।
शीनम सिंह