एक औरत का माँ बनने  का सफर – मीनाक्षी सिंह

हम लड़किया बचपन से ही एक धारणा  बना लेती है कि बड़े होकर हमारी शादी होगी और फिर बच्चे और फिर हमारा जीवन ख़ुशी ख़ुशी बीतेगा. लेकिन ज़िन्दगी हर कदम पर कोई ना कोई नया संघर्ष देती है जिसकी वजह से हम टूट जाते है.

मीता एक बहुत ही अल्हड़ सी मस्त मौला मिजाज की लड़की थी ! दर्द ,परेशानी ,समस्या क्या होती हैं ,जानती ही नहीं थी ! उसकी पढ़ाई पूरी होते ही परिवार वाले उसके लिए योग्य वर की तलाश करने लगे ! मीता को घरेलु कार्य  भी ठीक से नहीं आते थे ! रोहन को उसके लिए घर वालों ने उपयुक्त समझा ! मीता से 8 साल बड़ा था रोहन !

बिजली विभाग में उच्च पद पर आसीन था ! और रोहन के   घरवालों की भी कोई मांग नहीं थी ! ऊंहे मीता की मासुमियत और सुंदरता ने मोह लिया था ! विवाह अच्छी तरह सम्पन्न हो गया ! और बीटिया रानी विदा हो गयी !

खुशकिस्मती से रोहन बहुत ही समझदार  और प्यार  करने वाला पति था ! मीता की सास मीता से हर  माह ही खुशखबरी की उम्मीद लगाये रहती ! ऊंहे चिंता थी कि  रोहन मीता से उम्र में बड़ा हैं ! आगे  चलके दिक्कत ना आये ! मीता विवाह के कुछ साल एंजॉय करना चाहती थी ! रोहन भी कुछ नहीं कहता ! माँ पूछती थी कहता उसका फैसला हैं,जन्म उसे देना हैं बच्चे को ! वो जब चाहेगी हो जायेगी आपकी ख्वाईश पूरी !

अब विवाह के 3 साल व्यतीत हो चुके थे ! मीता अपनी सहेलियों को देखती तो दुखी होती उन सबके घर किलकारियां गूंज उठी थी  !

पर उसका घर सूना था ! मीता ने रोहन से कहा – मुझे भी अब छोटे से बच्चे की चाह होती हैं ,रोहन ! रोहन की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा ! एक साल और बीत गया पर मीता माँ ना बन  सकी ! उसने डॉक्टर से सलाह ली ! सारे टेस्ट नार्मल आये ! अंत में नली खुली होने का टेस्ट हुआ ! यह  टेस्ट बहुत ही दर्द भरा होता हैं जो मीता से सहन नहीं हो रहा था !

उसकी चीखे बाहर तक सुनायी दे रही थी ! जो रोहन से सहन नहीं हुई ! उसने कहा डॉक्टर साहब रहने दिजिये ! नहीं कराना मुझे ये टेस्ट  ! पर टेस्ट हो चुका था ! मीता की दाहिनी नली बंद आयी ! वो बहुत मायूस रहने लगी ! रोहन समझाता  मैने बच्चे के लिए तुमसे शादी  नहीं की ! तुम खुश रहो बस ! नहीं हुआ तो एक प्यारा सा बच्चा अनाथालय से ले आयेंगे !

पर मीता को मंजूर नहीं था ! उसका मन किसी काम में   नहीं लगता ! सपनों में भी वो बच्चों की आवाजे  सुनती !

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वो सारी दवाई समय से खाती ! एक दिन उसे पता चला वो माँ बन ने वाली हैं ! उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा ! वो प्रेगा न्यूज की किट को हर दिन देखती  और रोहन को भी दिखाती ! ऐसे लगता मानो उसमे उसे अपने बच्चे का अक्स दिखता हो ! रोहन कहता मीतू तुम पागल हो गयी हो ! थोड़ा आराम से रहो ! और अपना ख्याल रखो !

पर एक दिन मीता को रक्तश्रlव शुरू हो गया ! रोहन उसे फौरन डॉक्टर के पास लेकर गया ! पता चला उसकी दायीं नली में बच्चा आया है जो बंद हैं ! डॉक्टर ने कहा मीता की जान को खतरा हैं ! इसे एकटोपिक प्रेगनेंसी हुई हैं ! तुरंत मीता का ऑपेरेशन करा गया ! और उसकी न्नही सी जान को उस से अलग कर दिया गया ! महीनों तक मीता अवसाद में रही ! रोहन ने उसकी सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी !

एक बार फिर मीता गर्भवती हुई ! अबकी बार बच्चा सही नली में गया ! और घर में खुशियों का माहोल आया !सास और रोहन मीता के खाने पीने का बहुत ख्याल रखते ! मीता का 7वां माह चल रहा था डॉक्टर ने कहा पानी की कमी हैं ! बच्चे को ऑक्सीज़न नहीं मिल रही ! तुरंत निकालना पड़ेगा ! मीता ने कहा मेरे बच्चे  को तो कुछ नहीं होगा !

डॉक्टर बोले बस वजन 2 किलो से कम हैं बच्चे का ! थोड़ा ध्यान ज्यादा रखना पड़ेगा ! मीता ने ओपरेशन से प्यारे से बेटे को जन्म दिया ! जब मीता के पास रोहन बच्चे को लेकर आया ! मीता कहती क्या ये इतना प्यार सा मेरा बच्चा हैं रोहन ! मैं विश्वास नहीं कर पा रही हूँ ! रोहन कहता – बहुत बहुत धन्यवाद मीता ,मुझे पिता बनाने के लिए !

कितने कष्ट,परेशानियां सही फिर भी तुमने हार नहीं मानी ! मीता बस  मुस्कुरा दी और बेटे और रोहन के माथे पर प्यार भरा चुम्बन देकर उसने  अपनी आँखें   बंद कर ली ! कुछ दिन में वो अपने मुन्ने को लेकर घर आ गई !



आज मीता दो बच्चों की माँ हैं ! और उसका अल्हड पन तो ना जाने कहा खो गया हैं ! बच्चों में बाल संवारने का समय भी नहीं मिलता ! पर रोहन को अपनी मीता पर पहले से ज्यादा प्यार आता हैं ! उसके बाल खुद संवारने बैठ जाता हैं ! सास भी अपने नाती नातिन को देखकर  चिरनिन्द्रा में सो चुकी हैं !

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दोस्तों ये था मीता का एक लड़की से माँ बन ने का सफर ! आज का समाज ऐसा हैं अगर औरत माँ ना बने तो उसका समाज में उठना बैठना दूभर हो जाता हैं ! शादी ब्याह में सब परिवार वाले ताने देने से नहीं चुकते – अरे अभी तक बच्चा नहीं हुआ ,कितने साल हो गए शादी के ! और इनमे से कितने बच्चे अपने माता पिता के साथ रह रहे हैं !

अंत में माता पिता अकेले रह जाते हैं ! इसलिये जो दम्पत्ती माता पिता नहीं बन पाते  तो दुखी ना रहे ! खुश रहने के ,जीवन जीने के बहुत  माध्यम दिये हैं ईश्वर ने ! किसी अनाथ बच्चे को लाकर उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा करके तो देखो ! वो आपसे हिस्सा भी नहीं मांगने आयेगा और जीवन भर आपका कर्ज चुकायेगा !

स्वरचित

मीनाक्षी सिंह

 

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