सगाई के बाद रश्मि के देवर ने जब उसे बताया कि घर में सभी को आप पसंद करते हैं लेकिन माँ नहीं।माँ का मिज़ाज भी थोड़ा सख़्त है और वे नियमों की पाबंद भी हैं, तो उसका दिल बैठने लगा।उसकी सास उसके साथ कैसा व्यवहार करेगी, उससे कोई गलती हो गई तो… ऐसे ही काल्पनिक सवालों में वह उलझी थी कि शादी के एक दिन पहले सीढ़ियाँ चढ़ते समय अचानक उसका पैर फिसल गया और उसके दाहिने पैर में मोच आ गई।पेनकिलर खा लेने से उसके पैर का दर्द तो चला गया लेकिन डाॅक्टर ने उसे कुछ दिनों तक क्रेप बैंडेज बाँधकर रखने को कहा जिसके कारण वह सीधे तरह से चल नहीं पा रही थी।उसी स्थिति में उसका विवाह हो गया और वह ससुराल आ गई।
अगले दिन ‘ मुँह दिखाई ‘ की रस्म थी।सभी रिश्तेदार और परिचित ड्राइंग रूम में बैठे हुए थें।रश्मि जब अपनी ननद के साथ ड्राइंग रूम में जा रही थी तब उसकी चाल देखकर एक रिश्तेदार ने उसकी सास को ताना मारा, ” लगता है,समधिनी ने आपको ठग लिया है।” पास में बैठी दूसरी महिला बोली,” क्या जी, मोटे दहेज के लालच में लंगड़ी बहू ले आई हैं।” उनकी बातें सुनकर रश्मि की सास बोलीं, ” न तो हमें दहेज का लालच है और न ही समधिनी ने हमें ठगा है।कल शाम बहू ने जब घर में कदम रखा था तभी बिजली चली गई।अंधेरे में वह देख नहीं पाई और टेबल से टकरा गई।पैर में लगी चोट के कारण ही वह ठीक से चल नहीं पा रही है।”
सास की बात सुनकर रश्मि दंग रह गई।उसने तो सोचा था कि सास उसे पसंद नहीं करती हैं तो इस मौके का फ़ायदा उठाकर रिश्तेदारों के सामने उसे खूब भला-बुरा कहेंगी लेकिन उन्होंने तो बड़ी समझदारी से बात को संभाल लिया था।उसे हैरत में देखकर उसकी सास ने बताया कि विवाह के दिन ही सुबह-सुबह तुम्हारी माँ ने मुझे फोन करके तुम्हारे बारे में सब बता दिया था।
रश्मि को जिस तरह से उसकी सास ने डिफेंस किया था,वो तो एक माँ ही कर सकती है।सास के प्रति रश्मि का डर-भय खत्म हो गया और उसी दिन से ही उसकी सास उसकी माँ बन गई।
— विभा गुप्ता